जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से खतरनाक डॉग पर प्रतिबंध लगाने के लिए राज्यों को जारी परिपत्र पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने राजस्थान में परिपत्र के लागू करने पर रोक लगाते हुए केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस डॉ. नुपूर भाटी की एकलपीठ में जोधपुर निवासी अश्विनी देवल की ओर से याचिका पेश करते हुए केंद्र सरकार के परिपत्र को चुनौती दी गई. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ऋषभ पुरोहित ने याचिका पेश करते हुए बताया कि याचिकाकर्ता एक डॉग ट्रेनर हैं.
12 मार्च, 2024 को संयुक्त सचिव भारत सरकार मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय नई दिल्ली की ओर से सभी राज्य सरकार को परिपत्र जारी करते हुए डॉग की कुछ नस्लों को मानव जीवन के लिए खतरनाक बताते हुए प्रतिबंध लगा दिया गया. केंद्र सरकार के इस परिपत्र पर कलकत्ता और कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी रोक लगा दिया है. साथ ही हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब करते हुए अगली तारीख तक 12 मार्च, 2024 को जारी परिपत्र को राजस्थान में लागू करने पर रोक लगा दी है.
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याचिका में बताया गया कि केंद्र सरकार ने अपने परिपत्र में कहा है कि देश के कई क्षेत्रों से लोगों पर डॉग के अटैक करने की खबरें आ रही हैं. केंद्र सरकार ने ऐसे खतरनाक डॉग, जिनमें पिटबुल, रॉटवीलर, टेरियर, वोल्फ डॉग और मैस्टिफ्स शामिल हैं. उनके आयात, ब्रीडिंग और खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने के लिए राज्यों को पत्र लिखकर कहा कि सरकार अपने राज्य में स्थानीय निकायों से बात करके इस पर प्रतिबंध लागू करवाएं. ऐसे में जिन लोगों के पास पहले से इन प्रजाति के डॉग हैं, उनको भी स्टेरिलाइजिंग करने पर जोर दिया गया है, ताकि वो ब्रीडिंग न कर सकें.
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केंद्र सरकार के इस परिपत्र को याचिकाकर्ता ने मनमाना बताते हुए कहा कि यदि स्टेरिलाइजिंग किया जाता है तो वो डॉग के जीवन के लिए खतरा हो सकता है. उन्हे कई प्रकार की बीमारियां भी हो सकती हैं. हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया प्रारम्भिक सुनवाई में नोटिस जारी करते हुए राजस्थान में इस परिपत्र को लागू करने पर रोक लगा दी है.