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जहानाबाद सदर अस्पताल के SNCU वार्ड में घुसा बारिश का पानी, भर्ती 7 नवजातों को किया गया रेस्क्यू - Rain water in SNCU ward

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 30, 2024, 4:08 PM IST

Updated : Jun 30, 2024, 4:35 PM IST

जहानाबाद के सदर अस्पताल में मानसून की पहली बारिश ने SNCU वार्ड में लगभग दो फुट तक पानी भर दिया, जिससे वार्ड में भर्ती सात नवजात शिशुओं की जान खतरे में पड़ गई. अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सूझबूझ दिखाई और किसी तरह बच्चों की जान बचा ली. यह घटना प्रशासन की लापरवाही और अस्पताल की अव्यवस्थाओं को उजागर करती है. पढ़ें, विस्तार से.

जहानाबाद सदर अस्पताल.
जहानाबाद सदर अस्पताल. (ETV Bharat)

जहानाबाद सदर अस्पताल. (ETV Bharat)

पटना:बिहार के जहानाबाद में मानसून की पहली बारिश ने सदर अस्पताल में व्यवस्था की पोल खोल दी. रविवार सुबह से हो रही बारिश के कारण अस्पताल प्रांगण में पानी घुस गया. अस्पताल के SNCU वार्ड में दो फीट तक पानी लग गया. जिससे वार्ड के भर्ती सात नवजात बच्चे की जान आफत में पड़ गयी. हालांकि स्वास्थ्य कर्मी की सूझबूझ से किसी तरह बच्चों की जान बचा ली गयी. अस्पताल के एसएनसीयू में पानी भरने से काफी समय तक अपना तफरी मची रही. करीब डेढ़ घंटे तक बच्चों का इलाज भी बाधित रहा.

सात मासूम की जान बचायी : अस्पताल के एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि सुबह से बारिश के कारण एसएनसीयू वार्ड में पानी भर गया. वार्ड में पानी भरने से ऑक्सीजन मशीन में करंट आने लगा. आनन फानन में किसी तरह बिजली काट कर मशीन को बंद कराया गया और सात बच्चों की जान बचाई गयी. उन्होंने बताया कि वार्ड के 9 बच्चे भर्ती थे जिनमें दो को डिस्चार्ज कर दिया गया था जबकि 7 बच्चे अभी भी भर्ती है. एडमिट बच्चों की जान बचाने के लिए स्वास्थ्य कर्मी लगे हुए हैं.

एसनसीयू वार्ड में बारिश का पानी
एसनसीयू वार्ड में बारिश का पानी (ETV Bharat)
बारिश में पानी लग जाता है: एएनएम ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है. जब भी बारिश होती है तो यहां पानी भर जाता है. वावजूद इसके अस्पताल प्रशासन कोई ठोस कदम नही उठता है. वही मरीज के परिजन अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि एसएनसीयू वार्ड में बारिश का पानी भर गया. जिससे करीब डेढ़ घंटे तक बच्चों का इलाज बाधित रहा. गनीमत रही कि किसी बच्चों को कुछ नही हुआ.

क्यों लगता है पानीः सफाई कर्मियों ने बताया कि शहर के नाले सदर अस्पताल के बीचोंबीच होकर गुजरती है. नाले की सफाई नहीं होने की वजह से नाले का पानी जाम होकर एसएनसीयू वार्ड में घुस गया. हालांकि सफाई एजेंसी द्वारा घंटो मशक्कत के बाद पानी को बाहर निकाला गया. इसके बाद नवजात बच्चों के परिजनों ने राहत की सांस ली. माता-पिता और परिवारजनों की चिंताओं के बीच यह सवाल उठता है कि आखिर कब प्रशासन इन गंभीर मुद्दों पर ध्यान देगा और इस तरह की आपात स्थितियों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएगा?

जहानाबाद सदर अस्पताल. (ETV Bharat)

पटना:बिहार के जहानाबाद में मानसून की पहली बारिश ने सदर अस्पताल में व्यवस्था की पोल खोल दी. रविवार सुबह से हो रही बारिश के कारण अस्पताल प्रांगण में पानी घुस गया. अस्पताल के SNCU वार्ड में दो फीट तक पानी लग गया. जिससे वार्ड के भर्ती सात नवजात बच्चे की जान आफत में पड़ गयी. हालांकि स्वास्थ्य कर्मी की सूझबूझ से किसी तरह बच्चों की जान बचा ली गयी. अस्पताल के एसएनसीयू में पानी भरने से काफी समय तक अपना तफरी मची रही. करीब डेढ़ घंटे तक बच्चों का इलाज भी बाधित रहा.

सात मासूम की जान बचायी : अस्पताल के एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि सुबह से बारिश के कारण एसएनसीयू वार्ड में पानी भर गया. वार्ड में पानी भरने से ऑक्सीजन मशीन में करंट आने लगा. आनन फानन में किसी तरह बिजली काट कर मशीन को बंद कराया गया और सात बच्चों की जान बचाई गयी. उन्होंने बताया कि वार्ड के 9 बच्चे भर्ती थे जिनमें दो को डिस्चार्ज कर दिया गया था जबकि 7 बच्चे अभी भी भर्ती है. एडमिट बच्चों की जान बचाने के लिए स्वास्थ्य कर्मी लगे हुए हैं.

एसनसीयू वार्ड में बारिश का पानी
एसनसीयू वार्ड में बारिश का पानी (ETV Bharat)
बारिश में पानी लग जाता है: एएनएम ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है. जब भी बारिश होती है तो यहां पानी भर जाता है. वावजूद इसके अस्पताल प्रशासन कोई ठोस कदम नही उठता है. वही मरीज के परिजन अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि एसएनसीयू वार्ड में बारिश का पानी भर गया. जिससे करीब डेढ़ घंटे तक बच्चों का इलाज बाधित रहा. गनीमत रही कि किसी बच्चों को कुछ नही हुआ.

क्यों लगता है पानीः सफाई कर्मियों ने बताया कि शहर के नाले सदर अस्पताल के बीचोंबीच होकर गुजरती है. नाले की सफाई नहीं होने की वजह से नाले का पानी जाम होकर एसएनसीयू वार्ड में घुस गया. हालांकि सफाई एजेंसी द्वारा घंटो मशक्कत के बाद पानी को बाहर निकाला गया. इसके बाद नवजात बच्चों के परिजनों ने राहत की सांस ली. माता-पिता और परिवारजनों की चिंताओं के बीच यह सवाल उठता है कि आखिर कब प्रशासन इन गंभीर मुद्दों पर ध्यान देगा और इस तरह की आपात स्थितियों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएगा?

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Last Updated : Jun 30, 2024, 4:35 PM IST
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