हैदराबाद: आज के समय में सभी लोग ट्रेन के एसी कोच में सफर करना चाहते हैं, लेकिन ट्रेनों के टिकट की कमी के चलते कभी-कभार स्लीपर कोच में भी सफर करना पड़ता है. इससे इतर आपने सुना होगा कि स्लीपर कोच का रिजर्वेशन एसी कोच में तब्दील हो जाता है. आपने टिकट करवाया स्लीपर का लेकिन आपके जब मैसेज आया उसमें AC कोच मेंशन किया गया. इससे लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहता. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह हो कैसे गया. आइये इस स्टोरी के माध्यम से जानते हैं क्या है यह सिस्टम.
स्लीपर के रिजर्वेशन पर एसी कोच में सफर
यह भारतीय रेलवे की खास सुविधा है, जो सबको नहीं मिलती. कुछ ही लोगों को यह नसीब होती है. रेलवे ने यह सुविधा काफी सोच-विचार कर शुरू की, जिसका उसे लाभ भी मिला. कभी-कभी ऐसा होता है कि एसी फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड क्लास में सीटें खाली रह जाती हैं. इसकी वजह से रेलवे का नुकसान उठाना पड़ता है. इस नुकसान की भरपाई के लिए रेलवे यात्रियों को यह सुविधा देता है. इस सुविधा को ऑटो अपग्रेडेशन कहते हैं.
यह भी जानें
रेलवे की इस योजना के तहत अपर क्लास में कोई सीट खाली रह जाती है तो उसके नीचे वाले क्लास के यात्रियों के टिकट को अपग्रेड कर दिया जाता है. ऐसे समझें, अगर फर्स्ट क्लास में तीन सीटें खाली हैं और सेंकेड क्लास में चार सीटें खाली हैं तो सेकेंड क्लास के कुछ पैसेंजर को फर्स्ट एसी का थर्ड क्लास के यात्रियों का रिजर्वेशन अपडेट हो जाता है.
वेटिंग टिकट वालों को भी होता है फायदा
रेलवे की इस ऑटो अपग्रेडेशन सुविधा के चलते यात्रियों को जहां सहूलियत होती है. वहीं, वेटिंग टिकट वालों को भी फायदा होता है. वेटिंग वालों की टिकट कंफर्म हो जाती है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रेल टिकट बुक कराते समय थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए.
टिकट बुक करते समय लगाएं ये ट्रिक
बता दें, आईआरसीटीसी साइट पर टिकट बुक करते समय ही ऑटो अपग्रेडेश का ऑप्शन चुनने की सुविधा दी जाती है. सिर्फ हां पर टिक लगाने वाले यात्रियों को ही इस सुविधा का लाभ मिलता है. अगर आप नहीं पर टिक करते हैं तो आपको प्राथमिकता नहीं दी जाएगी. वहीं, आपने किसी भी ऑप्शन पर टिक नहीं लगाया है तो रेलवे ऑटोमैटिकली उसे हां मान लेता है.
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