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रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर, रेल मंत्री बोले- यात्री तीन महीने में उठा सकेंगे वंदे भारत स्लीपर का लाभ - Railway Minister - RAILWAY MINISTER

Railway Minister Vaishnav Vande Sleeper coach operations: केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने रविवार को बेंगलुरु स्थित भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड में वंदे भारत स्लीपर कोच का निरीक्षण किया.

Railway Minister Vaishnaw
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा वंदे स्लीपर कोच का परिचालन जल्द होगा (ANI Video)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 1, 2024, 1:34 PM IST

Updated : Sep 1, 2024, 1:49 PM IST

बेंगलुरु: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को बेंगलुरु में बीईएमएल (BEML) में मानक और ब्रॉड गेज रोलिंग स्टॉक निर्माण के लिए एक नए हैंगर की आधारशिला रखी. इस दौरान उन्होंने अमृत भारत, वंदे स्लीपर कोच का निरीक्षण किया. इस बीच रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि वंदे स्लीपर कोच का यात्री परिचालन तीन महीने में शुरू हो जाएगा. यह एक पूर्ण स्लीपर वैरिएंट है.

मंत्री ने कहा कि वंदे स्लीपर कोच का निर्माण पूरा हो चुका है और यह आने वाले कुछ दिनों में बीईएमएल कारखाने से निकलेगा. वैष्णव ने कहा, 'हम आज एक बहुत ही महत्वपूर्ण यात्रा शुरू कर रहे हैं. जैसा कि आप जानते हैं कि वंदे भारत चेयर-कार की सफलता के बाद, वंदे स्लीपर का निर्माण और डिजाइन का हम सभी को इंतजार था.'

उन्होंने कहा, 'हम सभी इसके निर्माण पर काम कर रहे थे. यह निर्माण पूरा हो गया है. आने वाले दिनों में वंदे स्लीपर बीईएमएल कारखाने से निकलेगा. यह एक लंबी यात्रा थी. एक नई ट्रेन को डिजाइन करना जटिल काम है. वंदे स्लीपर में कई नई विशेषताएं हैं. उन्होंने कहा कि वंदे भारत चेयर-कार, वंदे स्लीपर, वंदे मेट्रो और अमृत भारत भारत में लोगों की यात्रा के तरीके को बदल देंगे.

उन्होंने कहा, 'ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महत्वाकांक्षी भारत को दर्शाती हैं. इससे पहले दिन में वैष्णव ने बीईएमएल में मानक और ब्रॉड गेज रोलिंग स्टॉक निर्माण के लिए एक नए हैंगर की आधारशिला रखी.

मंत्री ने कहा, 'इस कोच में बहुत सारी चीजों का ध्यान रखा गया है. चार ट्रेनें, वंदे चेयर कार, वंदे स्लीपर, वंदे मेट्रो और अमृत भारत को कई चीजों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है.

जैसे आधुनिक तकनीक, सुरक्षा और लोको पायलट और सर्विस स्टाफ के लिए विशेष सुविधाएं. यह मध्यम वर्ग के लोगों के लिए परिवहन का साधन है. इसलिए इसका किराया किफायती होगा. इस ट्रेन में कई सुरक्षा विशेषताएं हैं. साथ ही डिजाइन में भी काफी इनोवेशन किए गए हैं. मेंटेनेंस स्टाफ के लिए अलग से केबिन बनाया गया है. इस ट्रेन की तुलना दुनिया की बेहतरीन ट्रेनों से की जा सकती है.'

रेल मंत्री ने बेंगलुरु के थिप्पासंद्रा में बीईएमएल मुख्य भवन में वंदे स्लीपर कोच का निरीक्षण भी किया. बीईएमएल लिमिटेड (पूर्व में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड) की स्थापना मई 1964 में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में रेल कोच और स्पेयर पार्ट्स तथा खनन उपकरण के विनिर्माण के लिए इसके बैंगलोर परिसर में की गई थी.

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार कंपनी दोनों एक्सचेंजों (बीएसई और एनएसई) में सूचीबद्ध है. इसमें भारत सरकार की 54.03फीसदी हिस्सेदारी है और शेष 44.97प्रतिशत हिस्सेदारी वित्तीय संस्थानों, विदेशी संस्थागत निवेशकों, बैंकों, जनता और कर्मचारियों के पास है.

कंपनी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के तहत एक 'शेड्यूल 'ए' कंपनी बीईएमएल लिमिटेड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और रक्षा, रेल, बिजली, खनन और बुनियादी ढांचे जैसे भारत के प्रमुख क्षेत्रों में सेवा प्रदान करती है. आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कंपनी ने 1965 में 5 करोड़ रुपये के मामूली कारोबार के साथ शुरुआत की थी और आज अपने विविध व्यापार पोर्टफोलियो की बदौलत कंपनी 4,300 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हासिल करने में सक्षम हो गई है.

देश की अग्रणी रक्षा एवं भारी इंजीनियरिंग निर्माता कंपनी बीईएमएल लिमिटेड ने 21 अगस्त को भारतीय नौसेना के समुद्री इंजीनियरिंग निदेशालय के साथ एक रणनीतिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. बीईएमएल के अनुसार इस समझौता ज्ञापन पर आज दिल्ली स्थित नौसेना मुख्यालय में बीईएमएल के रक्षा निदेशक अजीत कुमार श्रीवास्तव और भारतीय नौसेना के एसीओएम (डीएंडआर) रियर एडमिरल के.

श्रीनिवास ने बीईएमएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शांतनु रॉय तथा शीर्ष रक्षा गणमान्यों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए. यह समझौता महत्वपूर्ण समुद्री उपकरणों और प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन, विकास, निर्माण, परीक्षण और उत्पाद समर्थन के लिए बीईएमएल और भारतीय नौसेना के बीच सहयोग बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह साझेदारी भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप है. इसका उद्देश्य रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को मजबूत करना और विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करना है.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी की बड़ी सौगात : केंद्रीय कैबिनेट ने तीन मेट्रो रेल समेत कई परियोजनाओं को दी मंजूरी

बेंगलुरु: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को बेंगलुरु में बीईएमएल (BEML) में मानक और ब्रॉड गेज रोलिंग स्टॉक निर्माण के लिए एक नए हैंगर की आधारशिला रखी. इस दौरान उन्होंने अमृत भारत, वंदे स्लीपर कोच का निरीक्षण किया. इस बीच रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि वंदे स्लीपर कोच का यात्री परिचालन तीन महीने में शुरू हो जाएगा. यह एक पूर्ण स्लीपर वैरिएंट है.

मंत्री ने कहा कि वंदे स्लीपर कोच का निर्माण पूरा हो चुका है और यह आने वाले कुछ दिनों में बीईएमएल कारखाने से निकलेगा. वैष्णव ने कहा, 'हम आज एक बहुत ही महत्वपूर्ण यात्रा शुरू कर रहे हैं. जैसा कि आप जानते हैं कि वंदे भारत चेयर-कार की सफलता के बाद, वंदे स्लीपर का निर्माण और डिजाइन का हम सभी को इंतजार था.'

उन्होंने कहा, 'हम सभी इसके निर्माण पर काम कर रहे थे. यह निर्माण पूरा हो गया है. आने वाले दिनों में वंदे स्लीपर बीईएमएल कारखाने से निकलेगा. यह एक लंबी यात्रा थी. एक नई ट्रेन को डिजाइन करना जटिल काम है. वंदे स्लीपर में कई नई विशेषताएं हैं. उन्होंने कहा कि वंदे भारत चेयर-कार, वंदे स्लीपर, वंदे मेट्रो और अमृत भारत भारत में लोगों की यात्रा के तरीके को बदल देंगे.

उन्होंने कहा, 'ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महत्वाकांक्षी भारत को दर्शाती हैं. इससे पहले दिन में वैष्णव ने बीईएमएल में मानक और ब्रॉड गेज रोलिंग स्टॉक निर्माण के लिए एक नए हैंगर की आधारशिला रखी.

मंत्री ने कहा, 'इस कोच में बहुत सारी चीजों का ध्यान रखा गया है. चार ट्रेनें, वंदे चेयर कार, वंदे स्लीपर, वंदे मेट्रो और अमृत भारत को कई चीजों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है.

जैसे आधुनिक तकनीक, सुरक्षा और लोको पायलट और सर्विस स्टाफ के लिए विशेष सुविधाएं. यह मध्यम वर्ग के लोगों के लिए परिवहन का साधन है. इसलिए इसका किराया किफायती होगा. इस ट्रेन में कई सुरक्षा विशेषताएं हैं. साथ ही डिजाइन में भी काफी इनोवेशन किए गए हैं. मेंटेनेंस स्टाफ के लिए अलग से केबिन बनाया गया है. इस ट्रेन की तुलना दुनिया की बेहतरीन ट्रेनों से की जा सकती है.'

रेल मंत्री ने बेंगलुरु के थिप्पासंद्रा में बीईएमएल मुख्य भवन में वंदे स्लीपर कोच का निरीक्षण भी किया. बीईएमएल लिमिटेड (पूर्व में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड) की स्थापना मई 1964 में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में रेल कोच और स्पेयर पार्ट्स तथा खनन उपकरण के विनिर्माण के लिए इसके बैंगलोर परिसर में की गई थी.

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार कंपनी दोनों एक्सचेंजों (बीएसई और एनएसई) में सूचीबद्ध है. इसमें भारत सरकार की 54.03फीसदी हिस्सेदारी है और शेष 44.97प्रतिशत हिस्सेदारी वित्तीय संस्थानों, विदेशी संस्थागत निवेशकों, बैंकों, जनता और कर्मचारियों के पास है.

कंपनी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के तहत एक 'शेड्यूल 'ए' कंपनी बीईएमएल लिमिटेड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और रक्षा, रेल, बिजली, खनन और बुनियादी ढांचे जैसे भारत के प्रमुख क्षेत्रों में सेवा प्रदान करती है. आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कंपनी ने 1965 में 5 करोड़ रुपये के मामूली कारोबार के साथ शुरुआत की थी और आज अपने विविध व्यापार पोर्टफोलियो की बदौलत कंपनी 4,300 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हासिल करने में सक्षम हो गई है.

देश की अग्रणी रक्षा एवं भारी इंजीनियरिंग निर्माता कंपनी बीईएमएल लिमिटेड ने 21 अगस्त को भारतीय नौसेना के समुद्री इंजीनियरिंग निदेशालय के साथ एक रणनीतिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. बीईएमएल के अनुसार इस समझौता ज्ञापन पर आज दिल्ली स्थित नौसेना मुख्यालय में बीईएमएल के रक्षा निदेशक अजीत कुमार श्रीवास्तव और भारतीय नौसेना के एसीओएम (डीएंडआर) रियर एडमिरल के.

श्रीनिवास ने बीईएमएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शांतनु रॉय तथा शीर्ष रक्षा गणमान्यों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए. यह समझौता महत्वपूर्ण समुद्री उपकरणों और प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन, विकास, निर्माण, परीक्षण और उत्पाद समर्थन के लिए बीईएमएल और भारतीय नौसेना के बीच सहयोग बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह साझेदारी भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप है. इसका उद्देश्य रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को मजबूत करना और विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करना है.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी की बड़ी सौगात : केंद्रीय कैबिनेट ने तीन मेट्रो रेल समेत कई परियोजनाओं को दी मंजूरी
Last Updated : Sep 1, 2024, 1:49 PM IST
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