भुवनेश्वर: ओडिशा की तीन राज्यसभा सीट पर होने वाले चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के तौर पर गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल किया. वैष्णव ने ओडिशा विधानसभा परिसर में राज्यसभा निर्वाचन पीठासीन अधिकारी अबनीकांत पटनायक के समक्ष नामांकन पत्र दाखिल किए.
राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने बुधवार को राज्यसभा चुनाव में वैष्णव की उम्मीदवारी के समर्थन का ऐलान किया था. बीजद ने 2019 में राज्यसभा चुनाव के दौरान भी वैष्णव की उम्मीदवारी का समर्थन किया था. रेलवे, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव के साथ नामांकन दाखिल करते समय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल और पार्टी के 13 विधायक मौजूद थे.
नामांकन के तुरंत बाद वैष्णव ने कहा कि 'मुझे राज्यसभा के माध्यम से ओडिशा की सेवा करने का एक और मौका देने के लिए मैं अपनी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं. मैं भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं कि वह मुझे ओडिशा की और भी बेहतर सेवा करने के लिए और अधिक ऊर्जा व प्रेरणा दें. मैं भगवान राम के सेवक की तरह निर्बाध रूप से काम करूंगा और तब तक काम करूंगा, जब तक ओडिशा प्रधानमंत्री मोदी की कल्पना के अनुसार एक विकसित राज्य नहीं बन जाता.'
केंद्रीय मंत्री ने जब नामांकन पत्र दाखिल किया, तब बीजद का कोई भी नेता मौजूद नहीं था. वैष्णव ने जब 2019 के राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था, तब बीजद नेता सस्मित पात्रा और अमर पटनायक उनके साथ मौजूद थे. बीजद के दो उम्मीदवार देबाशीष सामंतराय और सुभाशीष खुंटिया पहले ही राज्यसभा चुनाव के लिए अपने नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं.
ओडिशा विधानसभा में बीजद विधायकों की संख्या को देखते हुए उसके तीन उम्मीदवारों की जीत तय मानी जा रही थी. हालांकि, नवीन पटनायक की पार्टी ने दो उम्मीदवार उतारे और एक सीट भाजपा उम्मीदवार वैष्णव के लिए छोड़ दी. ओडिशा से राज्यसभा सदस्य के रूप में वैष्णव, अमर पटनायक और प्रशांत नंदा का कार्यकाल इस साल अप्रैल में समाप्त होगा.
विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान 27 फरवरी को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे के बीच होगा. मतगणना उसी दिन शाम पांच बजे होगी.
कर्नाटक में भाजपा-जद(एस) के दूसरा उम्मीदवार उतारने से मुकाबला हुआ रोचक
वहीं दूसरी ओर कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेकुलर) गठबंधन द्वारा राज्यसभा चुनाव के लिए दूसरा उम्मीदवार मैदान में उतारने के बाद मुकाबला रोचक हो गया है, क्योंकि गठबंधन संख्याबल के अनुसार चार में से केवल एक सीट पर ही जीत दर्ज कर सकता है. राज्यसभा की द्विवार्षिक चुनाव के तहत कर्नाटक की चार सीट पर 27 फरवरी को चुनाव होना है, जिसके लिए विधानसभा सदस्य मतदान करेंगे.
राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के 224 सदस्यीय विधानसभा में 135 सदस्य हैं. पार्टी को सर्वोदया कर्नाटक पक्ष के दर्शन पुत्तनियाह के साथ-साथ दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है जिनके बल पर वह तीन सीट पर अपना कब्जा बरकरार रख सकती है.
कांग्रेस ने अजय माकन, एस नसीर हुसैन और जी.सी.चंद्रशेखर को पार्टी उम्मीदवार बनाया है और सभी ने गुरुवार को अपना-अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस मौके पर उनके साथ मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उप मुख्यमंत्री डी.के.शिवकुमार और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव व राज्य प्रभारी रणदीप सिंह सुरेजवाला भी थे.
भाजपा के उम्मीदवार और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) नारायणसा बांगडे ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया और इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.वाई. विजयेंद्र, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक और अन्य पार्टी नेता मौजूद थे. उनके साथ जद(एस) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी भी थे.