ETV Bharat / bharat

रांची में एक बड़े अधिकारी के आवास पर छापेमारी, छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ा है मामला - CHHATTISGARH LIQUOR SCAM

रांची में एक सीनियर अधिकारी के आवास पर छापेमारी हुई है. ये छापेमारी छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में हुई है.

CHHATTISGARH LIQUOR SCAM
यहीं पर हो रही छापेमारी (ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 29, 2024, 11:02 AM IST

रांची: झारखंड के एक और सीनियर अधिकारी के आवास पर छापेमारी की जा रही है. पूरा मामला छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है. इससे पूर्व भी इस अधिकारी को ईडी ने समन कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था.

रांची में दो स्थानों पर रेड

झारखंड के सीनियर आईएस अधिकारी विनय चौबे सहित दो अधिकारियों के यहां छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. पूरा मामला छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है. अधिकारी के कांके रोड स्थित आवास पर छापेमारी टीम मंगलवार की सुबह पहुंची. टीम जब रेड करने पहुंची तब अधिकारी अपने आवास पर ही थे.

शराब घोटाले से जुड़ा है मामला

छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के द्वारा शराब नीति में बदलाव कर झारखंड और छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार पर कब्जे को लेकर छत्तीसगढ़ एसीबी में भी एफआईआर दर्ज किया गया था. एफआईआर में झारखंड के तत्कालीन उत्पाद विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह समेत अन्य अधिकारियों, छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के साथ साथ झारखंड में शराब की सप्लाई, मैन पावर और होलोग्राम बनाने वाली कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है. अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018, धारा 420, 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

इनपर दर्ज हुई है एफआईआर

  • आईएएस विनय कुमार चौबे, तत्कालीन उत्पाद सचिव, जेएसबीसीएल के एमडी
  • संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह व अन्य अधिकारी
  • अनिल टुटेजा, तत्कालीन संयुक्त सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग, छत्तीसगढ़
  • अरूणपति त्रिपाठी, तत्कालीन प्रबंध संचालक, छग स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  • अनवर ढेबर, अरविंद सिंह
  • मेसर्स सुमित फैसिलिटी के संचालक
  • विधु गुप्ता, प्रिज्म होलोग्राफी एंड सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड
  • मैन पावर सप्लाई एवं मदिरा सप्लाई करने वाली एजेंसियां


एफआईआर में क्या है

छत्तीसगढ़ एसीबी में दर्ज एफआईआर में यह बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार के जरिए अवैध कमाई करने वाले सिंडिकेट के सदस्य आईएएस अनिल टुटेजा, अनवर ढबेर समेत अन्य ने झारखंड में भी अवैध कारोबार करने के उद्देश्य से जनवरी 2022 में विनय कुमार चौबे समेत झारखंड के आबकारी विभाग के अफसरों के साथ मिलकर ठेकेदारी प्रथा के स्थान पर छत्तीसगढ़ स्टेट की शराब कंपनी के जरिए शराब बिक्री का नियम बनवाया. इसके लिए दोनों राज्यों के आबकारी विभाग के अधिकारियों की रायपुर में मीटिंग की गई थी. इसके बाद विधानसभा में रिजॉल्यूशन लाया गया.

छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के एमडी अरूणपति त्रिपाठी को झारखंड में भी कंसल्टेंट बनाया गया. इसके लिए अरूणपति को 1.25करोड़ का भुगतान भी झारखंड सरकार के द्वारा किया गया. एफआईआर में बताया गया है कि विनय कुमार चौबे, गजेंद्र सिंह ने अनवर ढेबर और उसके सिंडिकेट के सदस्यों को लाभ दिखाने के लिए मदिरा सप्लाई एजेंसी और प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए निविदा शर्त में 100 करोड़ के टर्नओवर की शर्त डाली गई. ऐसे में जहां झारखंड में ठेकेदारी प्रथा शराब कारोबार में लागू थी, यहां की कोई कंपनी निविदा में शामिल नहीं हो पायी. इसी तरह मैनपावर सप्लाई करने वाली प्लेसमेंट एजेंसी के लिए 310 दुकानों के लिए ईएमडी राशि 49.67 लाख एवं बैंक गारंटी के रूप में 11.28 करोड़ की राशि निविदा शर्त के तौर पर रखी गई.

निविदा में भाग लेने के लिए कंपनियों के लिए शासकीय कार्य में दो साल में चार करोड़ रुपये के काम का अनुभव रखा गया. इस तरह झारखंड में छत्तीसगढ़ की कंपनियों सुमित फैसिलिटी, इगल हंटर सॉल्यूशंस, एटूजेड इंफ्रा को काम दिया गया.इसके बाद इन सभी कंपनियों के मालिकों के द्वारा सिद्धार्थ सिंघानिया को अपनी ओर से मैनपावर सप्लाई का काम दिया गया. सिंघानिया ने नए मैनपावर रखने के बजाय पुराने ठेकेदारों के अधीन शराब दुकानों में काम कर रहे लोगों को ही काम पर रखा.

राजस्व का हुआ नुकसान

एफआईआर में जिक्र है कि शराब सिंडिकेट की आपराधिक साजिश के कारण झारखंड में साल 2022- 23 में राजस्व का भारी नुकसान हुआ. एसीबी छत्तीसगढ़ में शिकायत मिलने पर की गई आरंभिक जांच में पाया है कि नियम में फेरबदल कर शराब कंपनियों के मालिक से करोड़ों का कमीशन लिया गया.

ये भी पढ़ें:

खूंटी में करोड़ों रुपये का शराब घोटाला, उत्पाद अधीक्षक ने राशि रिकवरी के लिए एजेंसी को लिखा पत्र - Liquor Scam

भ्रष्टाचार की कंगारू है भाजपा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की झूठी साजिश की खुली पोल- झामुमो - Chhattisgarh Liquor Scam

रांची: झारखंड के एक और सीनियर अधिकारी के आवास पर छापेमारी की जा रही है. पूरा मामला छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है. इससे पूर्व भी इस अधिकारी को ईडी ने समन कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था.

रांची में दो स्थानों पर रेड

झारखंड के सीनियर आईएस अधिकारी विनय चौबे सहित दो अधिकारियों के यहां छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. पूरा मामला छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है. अधिकारी के कांके रोड स्थित आवास पर छापेमारी टीम मंगलवार की सुबह पहुंची. टीम जब रेड करने पहुंची तब अधिकारी अपने आवास पर ही थे.

शराब घोटाले से जुड़ा है मामला

छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के द्वारा शराब नीति में बदलाव कर झारखंड और छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार पर कब्जे को लेकर छत्तीसगढ़ एसीबी में भी एफआईआर दर्ज किया गया था. एफआईआर में झारखंड के तत्कालीन उत्पाद विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह समेत अन्य अधिकारियों, छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के साथ साथ झारखंड में शराब की सप्लाई, मैन पावर और होलोग्राम बनाने वाली कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है. अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018, धारा 420, 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

इनपर दर्ज हुई है एफआईआर

  • आईएएस विनय कुमार चौबे, तत्कालीन उत्पाद सचिव, जेएसबीसीएल के एमडी
  • संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह व अन्य अधिकारी
  • अनिल टुटेजा, तत्कालीन संयुक्त सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग, छत्तीसगढ़
  • अरूणपति त्रिपाठी, तत्कालीन प्रबंध संचालक, छग स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  • अनवर ढेबर, अरविंद सिंह
  • मेसर्स सुमित फैसिलिटी के संचालक
  • विधु गुप्ता, प्रिज्म होलोग्राफी एंड सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड
  • मैन पावर सप्लाई एवं मदिरा सप्लाई करने वाली एजेंसियां


एफआईआर में क्या है

छत्तीसगढ़ एसीबी में दर्ज एफआईआर में यह बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार के जरिए अवैध कमाई करने वाले सिंडिकेट के सदस्य आईएएस अनिल टुटेजा, अनवर ढबेर समेत अन्य ने झारखंड में भी अवैध कारोबार करने के उद्देश्य से जनवरी 2022 में विनय कुमार चौबे समेत झारखंड के आबकारी विभाग के अफसरों के साथ मिलकर ठेकेदारी प्रथा के स्थान पर छत्तीसगढ़ स्टेट की शराब कंपनी के जरिए शराब बिक्री का नियम बनवाया. इसके लिए दोनों राज्यों के आबकारी विभाग के अधिकारियों की रायपुर में मीटिंग की गई थी. इसके बाद विधानसभा में रिजॉल्यूशन लाया गया.

छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के एमडी अरूणपति त्रिपाठी को झारखंड में भी कंसल्टेंट बनाया गया. इसके लिए अरूणपति को 1.25करोड़ का भुगतान भी झारखंड सरकार के द्वारा किया गया. एफआईआर में बताया गया है कि विनय कुमार चौबे, गजेंद्र सिंह ने अनवर ढेबर और उसके सिंडिकेट के सदस्यों को लाभ दिखाने के लिए मदिरा सप्लाई एजेंसी और प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए निविदा शर्त में 100 करोड़ के टर्नओवर की शर्त डाली गई. ऐसे में जहां झारखंड में ठेकेदारी प्रथा शराब कारोबार में लागू थी, यहां की कोई कंपनी निविदा में शामिल नहीं हो पायी. इसी तरह मैनपावर सप्लाई करने वाली प्लेसमेंट एजेंसी के लिए 310 दुकानों के लिए ईएमडी राशि 49.67 लाख एवं बैंक गारंटी के रूप में 11.28 करोड़ की राशि निविदा शर्त के तौर पर रखी गई.

निविदा में भाग लेने के लिए कंपनियों के लिए शासकीय कार्य में दो साल में चार करोड़ रुपये के काम का अनुभव रखा गया. इस तरह झारखंड में छत्तीसगढ़ की कंपनियों सुमित फैसिलिटी, इगल हंटर सॉल्यूशंस, एटूजेड इंफ्रा को काम दिया गया.इसके बाद इन सभी कंपनियों के मालिकों के द्वारा सिद्धार्थ सिंघानिया को अपनी ओर से मैनपावर सप्लाई का काम दिया गया. सिंघानिया ने नए मैनपावर रखने के बजाय पुराने ठेकेदारों के अधीन शराब दुकानों में काम कर रहे लोगों को ही काम पर रखा.

राजस्व का हुआ नुकसान

एफआईआर में जिक्र है कि शराब सिंडिकेट की आपराधिक साजिश के कारण झारखंड में साल 2022- 23 में राजस्व का भारी नुकसान हुआ. एसीबी छत्तीसगढ़ में शिकायत मिलने पर की गई आरंभिक जांच में पाया है कि नियम में फेरबदल कर शराब कंपनियों के मालिक से करोड़ों का कमीशन लिया गया.

ये भी पढ़ें:

खूंटी में करोड़ों रुपये का शराब घोटाला, उत्पाद अधीक्षक ने राशि रिकवरी के लिए एजेंसी को लिखा पत्र - Liquor Scam

भ्रष्टाचार की कंगारू है भाजपा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की झूठी साजिश की खुली पोल- झामुमो - Chhattisgarh Liquor Scam

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.