रांची: मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता सह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. रांची स्थित एमपी/एमएलए की विशेष अदालत में 29 जुलाई से उनके खिलाफ गवाही शुरू होगी. कोर्ट ने शिकायतकर्ता पक्ष को गवाह पेश करने का निर्देश दिया है.
राहुल गांधी के खिलाफ प्रदीप मोदी ने न्यायालय में शिकायत वाद दायर किया है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि 3 मार्च 2019 को रांची के मोरहाबादी मैदान में कांग्रेस पार्टी द्वारा उलगुलान महारैली का आयोजन किया गया था. तब राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा था कि देश का चौकीदार चोर हैं. उन्होंने नीरव मोदी और ललित मोदी का जिक्र करते हुए कहा था कि आखिरकार सारे मोदी चोर क्यों हैं, मोदी सरनेम के खिलाफ इसी आपत्तिजनक बयान पर प्रदीप मोदी ने 30 अप्रैल 2019 को रांची की निचली अदालत में शिकायत वाद दर्ज कराया था.
30 सितंबर 2021 को यह मामला एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर हो गया था, उस वक्त विशेष अदालत ने राहुल के खिलाफ समन जारी किया था. राहुल ने याचिका दाखिल कर उपस्थिति से छूट की मांग की थी. हालांकि निचली अदालत में उनकी याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सशरीर उपस्थिति से छूट का आग्रह किया था. इस मामले में हाई कोर्ट से उन्हें राहत मिली थी.
राहुल गांधी से जुड़े एक और मामले में एमपी/ एमएलए की विशेष कोर्ट में सुनवाई है. यह मामला भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़ा है. इस मामले में कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर शिकायतकर्ता के वकील विनोद साहू ने राहुल गांधी के खिलाफ वारंट जारी करने का कोर्ट से आग्रह किया था. अधिवक्ता विनोद साहू ने ईटीवी भारत को बताया कि इस मामले में राहुल गांधी को समन मिला है या नहीं, इसकी सर्विस रिपोर्ट कोर्ट को अब तक नहीं मिली है. इस वजह से राहुल गांधी की स्पेशल जुडिशल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में उपस्थिति को लेकर अगली तारीख में सुनवाई होगी.
अवमानना का यह मामला भाजपा कार्यकर्ता नवीन झा ने दर्ज कराया था. उनका आरोप है कि मार्च 2018 को कांग्रेस के महान अधिवेशन में राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा में कोई भी हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है. इस बयान के खिलाफ चाईबासा में भी राहुल गांधी के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ था.
ये भी पढ़ें:
मोदी सरनेम विवाद: राहुल गांधी के कोर्ट में सशरीर हाजिर होने के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई