नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद 9 जुलाई को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के पहले दौरे से पहले उत्तर प्रदेश में पार्टी की संभावनाओं को लेकर उत्साहित है. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल ने इससे पहले 10 जून को रायबरेली और वायनाड दोनों लोकसभा सीटों से निर्वाचित होने के तुरंत बाद बहन प्रियंका गांधी के साथ क्षेत्र का दौरा किया था. इसके बाद उन्होंने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया था.
यूपी में कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि रायबरेली सीट बरकरार रखने और लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद राहुल गांधी का यह पहला दौरा है. उन्होंने जो विकल्प चुना है, उससे आने वाले दिनों में पार्टी को निश्चित रूप से राज्य में मजबूती मिलेगी. जाहिर है, हमारा लक्ष्य 2027 का विधानसभा चुनाव है. हम अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए अपनी पार्टी और इंडिया गठबंधन को मजबूत करेंगे.
यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दीपक सिंह के अनुसार, अपने आगामी दौरे पर राहुल गांधी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधानसभा सीटों- रायबरेली, ऊंचाहार, बछरावां, सरेनी और हरचंदपुर का दौरा करेंगे और मतदाताओं का आभार जताएंगे और उनसे बातचीत करेंगे. कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि मानसून का मौसम होने के कारण क्षेत्र में बड़ी रैली संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि सांसद के दौरे को लेकर कार्यकर्ता और जनता दोनों उत्साहित हैं.
दीपक सिंह ने कहा कि गांधी परिवार के सदस्य का सांसद के रूप में बने रहना ही क्षेत्र के कई लोगों के लिए खुशी की बात है. उनके मुद्दों का भी तत्काल समाधान होता है क्योंकि जनता की शिकायतों और जरूरतों को देखने के लिए एक प्रणाली बनाई गई है.
रायबरेली सीट को राहुल गांधी ने दो कारणों से चुना. पहला, पार्टी के गढ़ से गांधी परिवार के सदस्य को मैदान में उतारना और दूसरा, पूरे यूपी के मतदाताओं को संदेश देना. कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 17 पर चुनाव लड़ा और अमेठी व रायबरेली सहित छह सीटों पर जीत हासिल की. पार्टी सूत्रों ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों को पार्टी के लिए एक अवसर के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले चुनौती भी उतनी ही बड़ी है.
हमारा लक्ष्य 2027 में भाजपा को हराना है...
सीतापुर से कांग्रेस सांसद राकेश राठौर ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि भाजपा 2017 से राज्य में सत्ता में है, लेकिन लोकसभा चुनाव में उन्हें नुकसान उठाना पड़ा. इंडिया गठबंधन का लक्ष्य 2027 में भाजपा को हराना है. हम नीतियों में बदलाव तभी ला सकते हैं, जब हम सत्ता में हों. इसके लिए हमें अपने संगठन को नया रूप देना होगा और लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. हमारे कार्यकर्ताओं में जोश भरना होगा, ताकि वे लोगों की आवाज बन सकें.
उन्होंने कहा कि सांसद के रूप में राहुल गांधी की मौजूदगी राज्य में पार्टी की संभावनाओं को बढ़ाएगी, लेकिन हमें और संसदीय सीटें जीतनी चाहिए थीं. हमारे प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पूरे राज्य में संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. स्थानीय स्तर की इकाइयों को फिर से संगठित करने की योजना है.
मेहनत करने वालों को पार्टी में मिलेगी अहम भूमिका...
वहीं, दीपक सिंह ने कहा कि संगठन के भीतर समीक्षा चल रही है. जो लोग कड़ी मेहनत करेंगे, उन्हें पार्टी में अहम भूमिका दी जाएगी. जहां भी जरूरत होगी, वहां नए लोगों को लाने का प्रयास किया जाएगा. कांग्रेस के समर्थक हर जगह हैं, बस हमें उन्हें सक्रिय करने की जरूरत है.
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