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राहुल गांधी कल कांग्रेस के संविधान बचाओ अभियान को हरी झंडी दिखाएंगे - Lokshabha Election 2024

Rahul Gandhi to flag Congress Save Constitution campaign: लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण के मतदान से ठीक पहले कांग्रेस खास मुद्दे पर बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान चलाने की तैयारी में जुटी है.

Rahul Gandhi
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो) (ANI)
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By Amit Agnihotri

Published : May 9, 2024, 1:40 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी मौजूदा लोकसभा अभियान में भाजपा के झूठे आरोपों का मुकाबला करने के लिए संविधान की रक्षा के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता और दस्तावेज में निहित आरक्षण के प्रावधान को उजागर करेंगे. पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार संविधान को बदलने के लिए भाजपा से 400 सीटों की आवश्यकता है. भाजपा का यह रुख आरक्षण के प्रावधानों के साथ छेड़छाड़ करना है.

पार्टी के रणनीतिकारों को लगता है कि जाति-आधारित आरक्षण को हटाने का खतरा गांवों में लोगों के बीच गूंज रहा था और भगवा पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रहा था. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी ने विपक्ष के इस आरोप से जनता का ध्यान हटाने के लिए 8 मई को अपने अभियान के दौरान अचानक अडाणी-अंबानी का मुद्दा उठाया.

इसके अनुसार पार्टी प्रबंधकों ने 10 मई को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संविधान पर एक राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन आयोजित किया है, जहां राहुल गांधी इस मुद्दे पर अपने विचार रखेंगे. इससे पहले राहुल और सपा नेता अखिलेश यादव क्रमश: कन्नौज और कानपुर सीटों पर संयुक्त रैलियों को संबोधित करेंगे.

यूपी के प्रभारी एआईसीसी सचिव तौकीर आलम ने ईटीवी भारत से कहा,'राहुल गांधी 10 मई को लखनऊ में संविधान पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे. संविधान को बदलने की भाजपा की धमकी जो आरक्षण प्रणाली को हटा सकती है. देश के सभी गांवों के लोगों को चिंतित कर दिया है. विभिन्न भाजपा नेताओं ने अभियान के दौरान कहा है कि संविधान को बदलने के लिए पार्टी को 400 सीटों की आवश्यकता है. हमारे नेता हर चुनावी रैली को संबोधित करते हुए संविधान की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं लेकिन संदेश को बढ़ाने की जरूरत है. लखनऊ में उनके भाषण का संदेश पूरे देश में जाएगा.'

उन्होंने कहा आगे कहा,'पीएम देश के ग्रामीण हिस्सों में 400 प्लस अभियान के नकारात्मक प्रभाव से चिंतित हैं और इसलिए उन्होंने अडाणी और अंबानी के मुद्दे को उठाकर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश की है जो वास्तव में उनके दोस्त हैं लेकिन हमें संविधान की रक्षा की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित रखना होगा.' एआईसीसी पदाधिकारी के मुताबिक पीएम अपने नकारात्मक अभियान से जमीन पर हो रहे नुकसान को लेकर चिंतित थे और इसलिए कांग्रेस पर झूठे आरोप लगा रहे थे.

आलम ने कहा,'सबसे पहले उन्होंने कहा कि हमारे घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की छाप है. तब उन्होंने कहा था कि हम मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहते हैं. यह बिल्कुल झूठ है. हमारे घोषणा पत्र में ऐसा कोई जिक्र नहीं है. इसके अलावा पिछड़े मुसलमानों को ओबीसी कोटा के अनुसार आरक्षण मिल रहा है.'

उन्होंने कहा,'पीएम यह सब इसलिए कर रहे हैं क्योंकि पहले तीन चरणों के मतदान ने हिंदी बेल्ट में भगवा पार्टी की योजनाओं को झटका दिया है, चाहे वह यूपी हो या बिहार, न केवल कांग्रेस बल्कि भारत के सभी गुट संविधान की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं. यूपी और बिहार में इंडिया ब्लॉक का अभियान बहुत अच्छा चल रहा है.

आने वाले दिनों में हम इस संदेश को गांवों तक ले जाएंगे और लोगों को कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में जागरूक करेंगे.' संसद के अंदर राहुल गांधी के एक पुराने भाषण का हवाला देते हुए, एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि पीएम और अडाणी के बीच संबंध पर सवाल उठाने के कारण उनकी लोकसभा सदस्यता चली गई थी, लेकिन नेता ने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इसे वापस पा लिया.

ये भई पढ़ें- तीसरे चरण के मतदान के बाद इंडिया ब्लॉक को बढ़त की उम्मीद, कांग्रेस उत्साहित - LOK SABHA ELECTON 2024

नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी मौजूदा लोकसभा अभियान में भाजपा के झूठे आरोपों का मुकाबला करने के लिए संविधान की रक्षा के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता और दस्तावेज में निहित आरक्षण के प्रावधान को उजागर करेंगे. पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार संविधान को बदलने के लिए भाजपा से 400 सीटों की आवश्यकता है. भाजपा का यह रुख आरक्षण के प्रावधानों के साथ छेड़छाड़ करना है.

पार्टी के रणनीतिकारों को लगता है कि जाति-आधारित आरक्षण को हटाने का खतरा गांवों में लोगों के बीच गूंज रहा था और भगवा पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रहा था. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी ने विपक्ष के इस आरोप से जनता का ध्यान हटाने के लिए 8 मई को अपने अभियान के दौरान अचानक अडाणी-अंबानी का मुद्दा उठाया.

इसके अनुसार पार्टी प्रबंधकों ने 10 मई को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संविधान पर एक राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन आयोजित किया है, जहां राहुल गांधी इस मुद्दे पर अपने विचार रखेंगे. इससे पहले राहुल और सपा नेता अखिलेश यादव क्रमश: कन्नौज और कानपुर सीटों पर संयुक्त रैलियों को संबोधित करेंगे.

यूपी के प्रभारी एआईसीसी सचिव तौकीर आलम ने ईटीवी भारत से कहा,'राहुल गांधी 10 मई को लखनऊ में संविधान पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे. संविधान को बदलने की भाजपा की धमकी जो आरक्षण प्रणाली को हटा सकती है. देश के सभी गांवों के लोगों को चिंतित कर दिया है. विभिन्न भाजपा नेताओं ने अभियान के दौरान कहा है कि संविधान को बदलने के लिए पार्टी को 400 सीटों की आवश्यकता है. हमारे नेता हर चुनावी रैली को संबोधित करते हुए संविधान की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं लेकिन संदेश को बढ़ाने की जरूरत है. लखनऊ में उनके भाषण का संदेश पूरे देश में जाएगा.'

उन्होंने कहा आगे कहा,'पीएम देश के ग्रामीण हिस्सों में 400 प्लस अभियान के नकारात्मक प्रभाव से चिंतित हैं और इसलिए उन्होंने अडाणी और अंबानी के मुद्दे को उठाकर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश की है जो वास्तव में उनके दोस्त हैं लेकिन हमें संविधान की रक्षा की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित रखना होगा.' एआईसीसी पदाधिकारी के मुताबिक पीएम अपने नकारात्मक अभियान से जमीन पर हो रहे नुकसान को लेकर चिंतित थे और इसलिए कांग्रेस पर झूठे आरोप लगा रहे थे.

आलम ने कहा,'सबसे पहले उन्होंने कहा कि हमारे घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की छाप है. तब उन्होंने कहा था कि हम मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहते हैं. यह बिल्कुल झूठ है. हमारे घोषणा पत्र में ऐसा कोई जिक्र नहीं है. इसके अलावा पिछड़े मुसलमानों को ओबीसी कोटा के अनुसार आरक्षण मिल रहा है.'

उन्होंने कहा,'पीएम यह सब इसलिए कर रहे हैं क्योंकि पहले तीन चरणों के मतदान ने हिंदी बेल्ट में भगवा पार्टी की योजनाओं को झटका दिया है, चाहे वह यूपी हो या बिहार, न केवल कांग्रेस बल्कि भारत के सभी गुट संविधान की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं. यूपी और बिहार में इंडिया ब्लॉक का अभियान बहुत अच्छा चल रहा है.

आने वाले दिनों में हम इस संदेश को गांवों तक ले जाएंगे और लोगों को कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में जागरूक करेंगे.' संसद के अंदर राहुल गांधी के एक पुराने भाषण का हवाला देते हुए, एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि पीएम और अडाणी के बीच संबंध पर सवाल उठाने के कारण उनकी लोकसभा सदस्यता चली गई थी, लेकिन नेता ने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इसे वापस पा लिया.

ये भई पढ़ें- तीसरे चरण के मतदान के बाद इंडिया ब्लॉक को बढ़त की उम्मीद, कांग्रेस उत्साहित - LOK SABHA ELECTON 2024
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