नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में विपक्ष (इंडिया ब्लॉक) ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है. इसके चलते उसने नेता विपक्ष का पद फिर से हासिल कर लिया है. हालांकि, सवाल यह है कि विपक्ष का नेता कौन होगा? चुनाव में 99 सीटों जीतने वाली कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है और नियम के अनुसार विपक्ष के नेता का पद पाने की एकमात्र हकदार कांग्रेस है.
इस बीच नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में विपक्ष 'लीडर ऑफ अपोजिशन' के पद को लेकर चर्चा कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता चुना जा सकता है.
मणिकम टैगोर ने की डिमांड
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने खुले तौर पर मांग की है कि राहुल गांधी को विपक्ष का नेता बनाया जाए. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, 'मैंने अपने नेता राहुल गांधी के नाम पर वोट मांगे. मुझे लगता है कि उन्हें लोकसभा में कांग्रेस का नेता होना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि निर्वाचित कांग्रेस सांसद भी ऐसा ही सोचते होंगे. देखते हैं कांग्रेस संसदीय दल क्या फैसला करता है. हम एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं.'
नेता विपक्ष के लिए कितने वोटों की जरूरत
बता दें कि लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के लिए उम्मीदवार को 10 फीसदी से ज़्यादा सदस्यों का समर्थन या 55 वोटों की जरूरत होती है. 2014 में कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं और 2019 में 52 सीटें जीतीं, लेकिन इस बार पार्टी के पास 99 सीटें हैं. ऐसे में राहुल गांधी के विपक्ष का नेता बनने की संभावना सबसे ज्यादा है.
राहुल गांधी क्यों बन सकते हैं विपक्ष का नेता?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक की वापसी में अहम भूमिका निभाई है. कांग्रेस ने गठबंधन में सबसे ज़्यादा सीटें भी जीती हैं. ऐसे में वह नेता विपक्ष के लिए एक मजबूत चेहरा बन गए हैं.
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