नई दिल्ली: पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भाजपा ने उन्हीं की पुश्तैनी सीट अमेठी में हराया और अब केंद्रीय मंत्री और अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के नॉमिनेशन के मात्र 24 घंटे बाद ही वायनाड में होंगी. स्मृति ईरानी ने पिछले लोकसभा चुनाव में अमेठी में राहुल गांधी को हराया था, हालांकि उससे पहले 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने अमेठी की इस सीट पर जीत हासिल की थी.
यही वजह है कि 2019 में भी राहुल गांधी को ऐसा लग रहा था कि अमेठी में वो जीत पाएंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार के इस गढ़ में ही राहुल गांधी को हरा दिया. इसी तरह यदि देखा जाए तो अब वायनाड से राहुल गांधी के नामांकन करते ही स्मृति 24 घंटे के अंदर गुरुवार को बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में रोड शो करेंगी.
वह 8.30 बजे वायनाड पहुंचेगी. इसके बाद स्मृति ईरानी एयरपोर्ट से 2.8 किलो मीटर तक लंबा रोड शो करेंगी. कुल मिलाकर ये भाजपा ने तय कर लिया है कि चाहे वो राहुल गांधी हों या फिर विपक्ष की दूसरी पार्टियों के प्रमुख नेता भाजपा किसी को भी वॉक ओवर नहीं देगी और इन नेताओं के खिलाफ और भी आक्रामक प्रचार करेगी.
इसी तरह भाजपा ने उन राज्यों में भी प्रमुख विपक्षी नेताओं के खिलाफ जमकर चुनाव अभियान और प्रचार करने का मन बनाया है, जहां बीजेपी की गठबंधन में सरकार थी और अब वहां की प्रमुख पार्टियां विरोध में चुनाव लड़ रही हैं, जिनमें मुख्य तौर पर पंजाब और महाराष्ट्र जैसे राज्य हैं.
वहीं इस सवाल पर कि क्या बीजेपी राहुल गांधी को वायनाड में कड़ी चुनौती देने का मन बना चुकी है, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि बीजेपी चुनाव को हमेशा चुनाव की तरह ही लेती है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने पहले भी कभी नेताओं को वॉकओवर नहीं दिया, बल्कि ये विपक्षी पार्टियां थीं, जो आपस में सलाह मशविरा कर डमी कैंडिडेट उतारा करती थीं. मगर बीजेपी ने हमेशा चुनाव आक्रामक ढंग से ही लड़ा है.
उन्होंने कहा कि जहां तक राहुल गांधी का सवाल है, वो खुद अमेठी से भागकर वायनाड गए थे और इस बार तो लेफ्ट ने भी गंभीर कैंडिडेट उनके खिलाफ उतारे हैं. बीजेपी प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि कुल मिलाकर राहुल के लिए वायनाड में भी चुनौतियां कम नहीं हैं और वो अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही घिरे हुए हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सवाल पर आरपी सिंह ने कहा कि इस बार केजरीवाल खुद समन को एक-एक कर टाल रहे थे और जैसे चुनाव नजदीक आए तो आठ सम्मन टालने के बाद ये स्वीकार किया अब इसके पीछे उनकी क्या सोच है. ये वो और उनकी पार्टी जाने मगर इतना तो तय है कि दिल्ली की जनता भ्रष्टाचारियों का साथ नहीं देगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली की पढ़ी लिखी और समझदार जनता इनको नकार चुकी है और वो भ्रष्टाचारी के साथ नहीं खड़ी होगी, इसलिए सहानुभूति लेने का कोई सवाल ही नहीं है.