नई दिल्ली: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख रूप में शपथ लेने पर प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को बधाई दी थी और कहा था कि शांति स्थापित करना समय की मांग है. वहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा ने बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले पर अपना पहला रिएक्शन दिया है.
Congratulations to Professor Muhammad Yunus on being sworn in as the head of Bangladesh’s interim government.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 8, 2024
A swift restoration of peace and normalcy is the need of the hour.
प्रियंका ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हिंदुओं की खराब होती स्थिति पर कहा, "पड़ोसी देश बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर लगातार हमलों की खबरें विचलित करने वाली हैं. किसी भी सभ्य समाज में धर्म, जाति, भाषा या पहचान के आधार पर भेदभाव, हिंसा और हमले अस्वीकार्य हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में जल्द हालात सामान्य होंगे और नवनिर्वाचित सरकार हिंदू, ईसाई और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों के लिए सुरक्षा व सम्मान सुनिश्चित करेगी."
पड़ोसी देश बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर लगातार हमलों की खबरें विचलित करने वाली हैं। किसी भी सभ्य समाज में धर्म, जाति, भाषा या पहचान के आधार पर भेदभाव, हिंसा और हमले अस्वीकार्य हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 12, 2024
हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश में जल्द हालात सामान्य होंगे और वहां की नवनिर्वाचित सरकार हिंदू,…
शरद पवार ने बताया धर्मनिरपेक्ष नेता
इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने सोमवार को मोहम्मद यूनुस को एक धर्मनिरपेक्ष नेता बताया और कहा कि वह (मोहम्मद यूनुस ) यह सुनिश्चित करेंगे कि दो समुदायों के बीच कोई दरार न हो. वह कभी भी विभिन्न समुदायों और विभिन्न भाषाई समूहों के बीच दरार पैदा करने का काम नहीं करेंगे.
पवार ने कहा कि बांग्लादेश के लिए संतुलित रुख अपनाना जरूरी है और ऐसा लगता है कि (वहां) स्थिति सुधरेगी. उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार भी बांग्लादेश में स्थिति सुधारने में मदद के लिए वहां सहयोग करेगी.
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा
बता दें कि हाल ही में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद से ही बांग्लादेश में हिंदुओं को हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं हिंसा में कई मंदिरों को भी नष्ट कर दिया गया.
इससे पहले कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था, जो आगे चलकर तत्कालीन पीएम शेख हसीना के खिलाफ एक विद्रोह में बदल गया, जिसके कारण उन्हें सत्ता से बाहर होना पड़ा. इतना ही नहीं उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर भी होना पड़ा.
शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद 84 वर्षीय अर्थशास्त्री यूनुस ने बीते गुरुवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली. यह पद प्रधानमंत्री के समकक्ष है.