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राहुल गांधी और अखिलेश यादव 14 मई को झांसी में I.N.D.I.A गठबंधन के उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे - LOK SABHA ELECTION 2024

Lok Sabha Election 2024,लोकसभा चुनाव के लिए झांसी में 14 मई को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करेंगे. पढ़िए पूरी खबर...

Rahul Gandhi, Akhilesh Yadav
राहुल गांधी, अखिलेश यादव (राहुल गांधी, अखिलेश यादव(ANI PHOTO))
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By Amit Agnihotri

Published : May 13, 2024, 3:04 PM IST

नई दिल्ली : पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 14 मई को झांसी लोकसभा सीट पर अपने करीबी सहयोगी और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन के लिए प्रचार करेंगे. सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार की संभावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए रैली में शामिल होंगे. इस संबंध में यूपी के एआईसीसी प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव 14 मई को झांसी में एक संयुक्त रैली करेंगे. यह राज्य में उनकी पांचवीं संयुक्त रैली होगी.

उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और लोग इस बार बदलाव चाहते हैं. बुंदेलखंड क्षेत्र में झांसी सबसे महत्वपूर्ण सीट है जिसमें तीन अन्य संसदीय सीटें बांदा, हमीरपुर और जालौन हैं. यहां पर 20 मई को मतदान होगा. बता दें कि जैन ने 2009 का लोकसभा चुनाव झांसी से जीता था और पिछली यूपीए सरकार के दौरान उन्हें ग्रामीण विकास मंत्रालय में कनिष्ठ मंत्री बनाया गया था. इस कदम का उद्देश्य पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र में कांग्रेस की संभावनाओं को आगे बढ़ाना था, जिसके लिए राहुल गांधी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से 7000 करोड़ रुपये के बड़े वित्तीय सहायता पैकेज को मंजूरी दिलाई थी. यह वित्तीय पैकेज उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच विभाजित पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए था.

बाद में कांग्रेस ने यूपी की तत्कालीन बसपा सरकार और एमपी की बीजेपी सरकार पर केंद्रीय पैकेज का दुरुपयोग करने और पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाया था. प्रदीप जैन ने झांसी में अपने जैन समुदाय का समर्थन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बाद में, राहुल के आदेश पर यूपीए सरकार ने देश भर में छोटे लेकिन प्रभावशाली समुदाय को लुभाने के लिए जैनियों को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक समुदाय घोषित कर दिया था.

2024 में, राहुल ने देश भर की मांगों के बावजूद फिर से झांसी में अपने करीबी सहयोगी के लिए प्रचार करने का विकल्प चुना और पूर्व मंत्री का समर्थन करने के लिए अपने साथी सपा प्रमुख अखिलेश यादव का समर्थन भी जुटाया.झांसी पिछले दशकों में कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन 2014 में और फिर 2019 में भाजपा में स्थानांतरित हो गया. 2024 में, इंडिया गठबंधन ने एक संयुक्त उम्मीदवार प्रदीप जैन को मैदान में उतारकर भाजपा का मुकाबला करने का फैसला किया, जो समर्थन प्राप्त करने में सक्षम होंगे. उनके जैन समुदाय, यादव और दलित वोट करीबी चुनाव में किस्मत पलटने के लिए हैं.

प्रदीप जैन का मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद अनुराग शर्मा से है, जिन्हें लगभग एक लाख वोटों वाले ब्राह्मणों का समर्थन हासिल है. शर्मा इस क्षेत्र को औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करने की राज्य सरकार की योजना पर भी भरोसा कर रहे हैं. बसपा ने नए चेहरे रवि प्रकाश कुशवाह को मैदान में उतारा है जिनके आने से झांसी में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

जैन पिछड़ेपन की पुरानी समस्या को उजागर करके अपने प्रतिद्वंद्वियों का मुकाबला कर रहे हैं जो स्थानीय लोगों को बेहतर शिक्षा और नौकरियों की तलाश में देश के अन्य हिस्सों में पलायन करने के लिए मजबूर करती है. वह औद्योगिक केंद्र के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पर भी सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि कम मुआवजे से उन किसानों को नुकसान होता है जिनकी जमीन अधिग्रहीत की जा रही है. ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रदीप जैन ने बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के अलावा स्थानीय लोग क्षेत्र में नौकरियों की कमी से परेशान हैं. वर्षों की उपेक्षा ने प्रवासन की दर को बढ़ा दिया है. इसके अलावा सिंचाई सुविधा नहीं होने से किसान परेशान हैं. हम उन्हें अपने वादों के बारे में बता रहे हैं. लोग बदलाव चाह रहे हैं और गठबंधन कार्यकर्ता भाजपा का मुकाबला करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें - लोकसभा चुनाव 2024 : कांग्रेस को भरोसा, 'अभी तक फ्रंटफुट पर है पार्टी'

नई दिल्ली : पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 14 मई को झांसी लोकसभा सीट पर अपने करीबी सहयोगी और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन के लिए प्रचार करेंगे. सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार की संभावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए रैली में शामिल होंगे. इस संबंध में यूपी के एआईसीसी प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव 14 मई को झांसी में एक संयुक्त रैली करेंगे. यह राज्य में उनकी पांचवीं संयुक्त रैली होगी.

उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और लोग इस बार बदलाव चाहते हैं. बुंदेलखंड क्षेत्र में झांसी सबसे महत्वपूर्ण सीट है जिसमें तीन अन्य संसदीय सीटें बांदा, हमीरपुर और जालौन हैं. यहां पर 20 मई को मतदान होगा. बता दें कि जैन ने 2009 का लोकसभा चुनाव झांसी से जीता था और पिछली यूपीए सरकार के दौरान उन्हें ग्रामीण विकास मंत्रालय में कनिष्ठ मंत्री बनाया गया था. इस कदम का उद्देश्य पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र में कांग्रेस की संभावनाओं को आगे बढ़ाना था, जिसके लिए राहुल गांधी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से 7000 करोड़ रुपये के बड़े वित्तीय सहायता पैकेज को मंजूरी दिलाई थी. यह वित्तीय पैकेज उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच विभाजित पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए था.

बाद में कांग्रेस ने यूपी की तत्कालीन बसपा सरकार और एमपी की बीजेपी सरकार पर केंद्रीय पैकेज का दुरुपयोग करने और पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाया था. प्रदीप जैन ने झांसी में अपने जैन समुदाय का समर्थन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बाद में, राहुल के आदेश पर यूपीए सरकार ने देश भर में छोटे लेकिन प्रभावशाली समुदाय को लुभाने के लिए जैनियों को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक समुदाय घोषित कर दिया था.

2024 में, राहुल ने देश भर की मांगों के बावजूद फिर से झांसी में अपने करीबी सहयोगी के लिए प्रचार करने का विकल्प चुना और पूर्व मंत्री का समर्थन करने के लिए अपने साथी सपा प्रमुख अखिलेश यादव का समर्थन भी जुटाया.झांसी पिछले दशकों में कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन 2014 में और फिर 2019 में भाजपा में स्थानांतरित हो गया. 2024 में, इंडिया गठबंधन ने एक संयुक्त उम्मीदवार प्रदीप जैन को मैदान में उतारकर भाजपा का मुकाबला करने का फैसला किया, जो समर्थन प्राप्त करने में सक्षम होंगे. उनके जैन समुदाय, यादव और दलित वोट करीबी चुनाव में किस्मत पलटने के लिए हैं.

प्रदीप जैन का मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद अनुराग शर्मा से है, जिन्हें लगभग एक लाख वोटों वाले ब्राह्मणों का समर्थन हासिल है. शर्मा इस क्षेत्र को औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करने की राज्य सरकार की योजना पर भी भरोसा कर रहे हैं. बसपा ने नए चेहरे रवि प्रकाश कुशवाह को मैदान में उतारा है जिनके आने से झांसी में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

जैन पिछड़ेपन की पुरानी समस्या को उजागर करके अपने प्रतिद्वंद्वियों का मुकाबला कर रहे हैं जो स्थानीय लोगों को बेहतर शिक्षा और नौकरियों की तलाश में देश के अन्य हिस्सों में पलायन करने के लिए मजबूर करती है. वह औद्योगिक केंद्र के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पर भी सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि कम मुआवजे से उन किसानों को नुकसान होता है जिनकी जमीन अधिग्रहीत की जा रही है. ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रदीप जैन ने बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के अलावा स्थानीय लोग क्षेत्र में नौकरियों की कमी से परेशान हैं. वर्षों की उपेक्षा ने प्रवासन की दर को बढ़ा दिया है. इसके अलावा सिंचाई सुविधा नहीं होने से किसान परेशान हैं. हम उन्हें अपने वादों के बारे में बता रहे हैं. लोग बदलाव चाह रहे हैं और गठबंधन कार्यकर्ता भाजपा का मुकाबला करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

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