नई दिल्ली/ रायपुर: कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया. उन्होंने रविवार को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. अपने इस्तीफे में उन्होंने कांग्रेस पार्टी में न्याय नहीं मिलने की बात कही है. राधिका खेड़ा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के को पत्र लिखकर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. रिजाइन करने के तत्काल बाद राधिका खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना प्रोफाइल फोटो भी बदल दिया. अब उनकी प्रोफाइल फोटो में अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर के आगे खींची गई फोटो लगी है.
राम मंदिर में जाने की वजह से मुझे विरोध सहना पड़ा: इस्तीफा देने के बाद राधिका खेड़ा ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर कहा कि "श्री रामजन्मभूमि और अयोध्या धाम हम सभी के लिए बहुत पवित्र स्थान है. मैं खुद को वहां जाने से नहीं रोक सकी, लेकिन वहां जाने का मुझे इतना विरोध सहना पड़ेगा यह मैंने सोचा नहीं था. मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बदसलूकी हुई. मुझे वहां कमरे में बंद कर दिया गया. मैं छोटे से लेकर बड़े से बड़े नेतृत्व तक चीखती-चिल्लाती रही. लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला. अब भगवान राम पर भरोसा है और उन्हीं का आसरा है"
"राम लला की जन्मस्थली श्री अयोध्या धाम हम सभी के लिए बहुत पवित्र स्थान है और मैं वहां जाने से खुद को रोक नहीं पाई. लेकिन मैंने अपने जीवन में कभी नहीं सोचा था कि वहां जाने के लिए मुझे इतना विरोध झेलना पड़ेगा. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया, मुझे धक्का देकर कमरे में बंद कर दिया गया, मैं छोटे से लेकर बड़े नेतृत्व तक चिल्लाती रही, गुहार लगाती रही, लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला. आज मैंने इस्तीफा दे दिया है मेरी पार्टी के पद और प्राथमिक सदस्यता से, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि रामलला मुझे निश्चित रूप से न्याय देंगे": राधिका खेड़ा, पूर्व नेता, कांग्रेस
सीएम साय का कांग्रेस पर बड़ा हमला : राधिका खेड़ा के सवाल पर सीएम विष्णुदेव साय ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. सीएम साय ने कहा, "जिस तरह से राष्ट्रीय स्तर की प्रवक्ता, वह भी महिला प्रवक्ता और वो भी कांग्रेस भवन में इस तरह से अपमानित हुईं अपने लोगों के द्वारा कि रो रोकर बुरा हो गया. इसी कारण से कांग्रेस की दुर्गति हो रही है."
"नारी न्याय की बात करने वाले ये लोग, इनके कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क रहता है. देश में 55- 60 साल तक एकछत्र शासन करने वाले लोग आज इसी वजह से विलुप्त होते जा रहे हैं." - विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
सुशील आनंद शुक्ला से विवाद की बात आई थी सामने: बता दें कि राधिका खेड़ा और कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला के बीच कुछ दिन पहले किसी बात को लेकर जमकर विवाद हुआ था.इसके बाद से ही यह मामला तूल पकड़ता गया . मामले को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आया , जिसमें राधिका खेड़ा रोते हुए किसी को बता रही थी कि उनके साथ कांग्रेस भवन में दुर्व्यवहार किया गया है और वह पार्टी से इस्तीफा देंगी"
दीपक बैज ने दोनों नेताओं से की थी बात: इस मामले की शिकायत दिल्ली तक की गई, बाद में पवन खेड़ा ने इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का शासन भी .इस पूरे केस में पीसीसी चीफ दीपक बैज ने दोनों नेताओं से बात की थी. बैज ने राधिका खेड़ा और सुशील आनंद शुक्ला से अलग-अलग चर्चा की और एक रिपोर्ट बनाकर पार्टी हाई कमान को भेज दी थी. इस रिपोर्ट पर कोई निर्णय हो पाता इसके पहले ही राधिका खेड़ा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.