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'मरना होगा तो कोई बचाएगा क्या?' पप्पू यादव ने की सरकार से 'Z' सिक्योरिटी की मांग, कहा- मेरी जान को खतरा - Pappu Yadav - PAPPU YADAV

Pappu Yadav Demand Z Secuirity: पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की जान को खतरा है. उन्होंने सरकार से जेड श्रेणी की सुरक्षा की मांग की है. हालांकि दिल्ली से पटना पहुंचने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए पप्पू ने कहा कि सुरक्षा देना सरकार का काम है लेकिन ये तो साफ है कि बिहार में अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, कोई सुरक्षित नहीं है.

Pappu Yadav
पप्पू यादव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 3, 2024, 1:12 PM IST

निर्दलीय सांसद पप्पू यादव (ETV Bharat)

पटना: निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में एक बार फिर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. अपनी जान को खतरा के सवाल पर पप्पू ने अपने खास अंदाज में कहा, 'मरना होगा तो कोई बचाएगा क्या? जिसको मारना होगा, मारेगा ही.' उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा देने की जिम्मेदारी सरकार की है. सरकार उनको सुरक्षा दे या न दे लेकिन मैं इतना जानता हूं कि बिहार में अपराध बढ़ा है.

"मरना होगा तो कोई बचाएगा. जिसको मारना होगा मारेगा, कोई बचाएगा क्या? सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है. मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता लेकिन मैं इतना जरूर जानता हूं कि बिहार में जिस तरह से अपराध बढ़े हैं और डीजीपी आरएस भट्ठी को हटाने की बात चल रही है. इससे साफ पता चलता है कि शासन-प्रशासन में कुछ भी अच्छा नहीं है."- पप्पू यादव, निर्दलीय सांसद, पूर्णिया

पप्पू ने गृहमंत्री को लिखा था पत्र: इससे पहले 15 जुलाई 2024 को पप्पू यादव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी. उन्होंने खुद को और अपने परिवार के सदस्यों के लिए जान के खतरे का जिक्र किया था. पूर्णिया सांसद ने अपनी सुरक्षा को वाई कैटेगरी से बढ़ाकर जेड कैटेगरी में करने की मांग की थी. उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर उनको धमकी मिल रही है. साथ ही परिवार के लिए भद्दी-भद्दी बातें कही जा रही है, लिहाजा उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाए.

पप्पू की पत्नी कांग्रेस की सांसद: राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने हालिया लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट से जेडीयू के संतोष कुशवाहा को हराया था. इससे पहले भी वह कई बार पूर्णिया और मधेपुरा से सांसद रह चुके हैं. इलाके में बाहुबली छवि के लिए चर्चित पप्पू की पत्नी रंजीत रंजन भी सुपौल से सांसद रह चुकी हैं. फिलहाल वह छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की राज्यसभा सांसद हैं.

एससी-एसटी आरक्षण पर पप्पू के तेवर गरम: वहीं, एससी-एसटी की सब-कैटेगरी में आरक्षण को मंजूरी देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताते हुए पप्पू यादव ने कहा कि एससी-एसटी में क्रीमी लेयर के बारे में सुप्रीम कोर्ट की राय से मैं सहमत नहीं हूं. उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज से पहले ही खत्म हो चुका है और अब एससी-एसटी में क्रीमी लेयर की बात की जा रही है. पूर्णिया सांसद ने कहा कि एससी-एसटी के 1.3% लोगों के पास जमीन भी नहीं है. वे किसान नहीं हैं और उनके पास रोजगार भी नहीं है. इसपर सदन में व्यापक चर्चा की जरूरत है. सर्वदलीय बैठक हो और अगर जरूरत हो तो अध्यादेश लाया जाए.

"सुप्रीम कोर्ट का जो एक आदेश आया है एसटी-एससी में क्रिमिलियर को लेकर, उस पर बड़े स्तर पर समीक्षा की जरूरत है. मेरा कहना ये है कि आरक्षण पर जो 7 जजों का जो आदेश है, उस पर समीक्षा की जरूरत है. साथ ही सदन पर इस पर चर्चा और सर्वदलीय बैठक की भी आवश्यकता है. इस पर अध्यादेश लाने की जरूरत है. जहां तक बिहार में 67 फीसदी आरक्षण का मामला है तो हाईकोर्ट की रोक के खिलाफ अध्यादेश लाना चाहिए."- पप्पू यादव, निर्दलीय सांसद, पूर्णिया

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?: दरअसल, गुरुवार को उच्चतम न्यायालय के 7 जजों की पीठ ने एक अहम फैसला सुनाया है. जिसमें 6 जजों की सहमति से कोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में सब-कैटेगरी को भी आरक्षण दिया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि सभी एससी-एसटी एक समान वर्ग नहीं है. कुछ दूसरों से ज्यादा पिछली हो सकती है. लिहाजा उनके उत्थान के लिए राज्य सरकार सब क्लासिफिकेशन करके अलग से आरक्षण रख सकती है.

ये भी पढ़ें: 'तेजस्वी यादव से बचिए', पप्पू यादव ने कांग्रेस को किया सावधान, बीमा भारती की हार पर फूटा गुस्सा - RUPAULI BY ELECTION RESULT

निर्दलीय सांसद पप्पू यादव (ETV Bharat)

पटना: निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में एक बार फिर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. अपनी जान को खतरा के सवाल पर पप्पू ने अपने खास अंदाज में कहा, 'मरना होगा तो कोई बचाएगा क्या? जिसको मारना होगा, मारेगा ही.' उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा देने की जिम्मेदारी सरकार की है. सरकार उनको सुरक्षा दे या न दे लेकिन मैं इतना जानता हूं कि बिहार में अपराध बढ़ा है.

"मरना होगा तो कोई बचाएगा. जिसको मारना होगा मारेगा, कोई बचाएगा क्या? सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है. मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता लेकिन मैं इतना जरूर जानता हूं कि बिहार में जिस तरह से अपराध बढ़े हैं और डीजीपी आरएस भट्ठी को हटाने की बात चल रही है. इससे साफ पता चलता है कि शासन-प्रशासन में कुछ भी अच्छा नहीं है."- पप्पू यादव, निर्दलीय सांसद, पूर्णिया

पप्पू ने गृहमंत्री को लिखा था पत्र: इससे पहले 15 जुलाई 2024 को पप्पू यादव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी. उन्होंने खुद को और अपने परिवार के सदस्यों के लिए जान के खतरे का जिक्र किया था. पूर्णिया सांसद ने अपनी सुरक्षा को वाई कैटेगरी से बढ़ाकर जेड कैटेगरी में करने की मांग की थी. उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर उनको धमकी मिल रही है. साथ ही परिवार के लिए भद्दी-भद्दी बातें कही जा रही है, लिहाजा उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाए.

पप्पू की पत्नी कांग्रेस की सांसद: राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने हालिया लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट से जेडीयू के संतोष कुशवाहा को हराया था. इससे पहले भी वह कई बार पूर्णिया और मधेपुरा से सांसद रह चुके हैं. इलाके में बाहुबली छवि के लिए चर्चित पप्पू की पत्नी रंजीत रंजन भी सुपौल से सांसद रह चुकी हैं. फिलहाल वह छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की राज्यसभा सांसद हैं.

एससी-एसटी आरक्षण पर पप्पू के तेवर गरम: वहीं, एससी-एसटी की सब-कैटेगरी में आरक्षण को मंजूरी देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताते हुए पप्पू यादव ने कहा कि एससी-एसटी में क्रीमी लेयर के बारे में सुप्रीम कोर्ट की राय से मैं सहमत नहीं हूं. उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज से पहले ही खत्म हो चुका है और अब एससी-एसटी में क्रीमी लेयर की बात की जा रही है. पूर्णिया सांसद ने कहा कि एससी-एसटी के 1.3% लोगों के पास जमीन भी नहीं है. वे किसान नहीं हैं और उनके पास रोजगार भी नहीं है. इसपर सदन में व्यापक चर्चा की जरूरत है. सर्वदलीय बैठक हो और अगर जरूरत हो तो अध्यादेश लाया जाए.

"सुप्रीम कोर्ट का जो एक आदेश आया है एसटी-एससी में क्रिमिलियर को लेकर, उस पर बड़े स्तर पर समीक्षा की जरूरत है. मेरा कहना ये है कि आरक्षण पर जो 7 जजों का जो आदेश है, उस पर समीक्षा की जरूरत है. साथ ही सदन पर इस पर चर्चा और सर्वदलीय बैठक की भी आवश्यकता है. इस पर अध्यादेश लाने की जरूरत है. जहां तक बिहार में 67 फीसदी आरक्षण का मामला है तो हाईकोर्ट की रोक के खिलाफ अध्यादेश लाना चाहिए."- पप्पू यादव, निर्दलीय सांसद, पूर्णिया

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?: दरअसल, गुरुवार को उच्चतम न्यायालय के 7 जजों की पीठ ने एक अहम फैसला सुनाया है. जिसमें 6 जजों की सहमति से कोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में सब-कैटेगरी को भी आरक्षण दिया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि सभी एससी-एसटी एक समान वर्ग नहीं है. कुछ दूसरों से ज्यादा पिछली हो सकती है. लिहाजा उनके उत्थान के लिए राज्य सरकार सब क्लासिफिकेशन करके अलग से आरक्षण रख सकती है.

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