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जगन्नाथ मंदिर: प्रसाद के घी की क्वालिटी की होगी जांच, प्रशासन का फैसला - Quality of Ghee in Jagannath Temple

Quality of Ghee in Jagannath Temple: तिरुपति बालाजी मंदिर में लडडू में मिलावट को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच पुरी के जगन्नाथ मंदिर पर भी बड़ा अपडेट आया है.

QUALITY OF GHEE IN JAGANNATH TEMPLE
जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद के घी की क्वालिटी की होगी जांच (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 25, 2024, 10:55 AM IST

Updated : Sep 25, 2024, 11:20 AM IST

पुरी: आंध्र प्रदेश के तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर में लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में कथित मिलावट को लेकर उठे विवाद थम नहीं रहा है. सीएम चंद्रबाबू नायडू ने इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया है. इसी बीच ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर से भी अपडेट सामने आया है. जानकारी के मुताबिक यहां के अधिकारियों ने जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल किए जा रहे घी की गुणवत्ता का परीक्षण करने का फैसला किया है.

आरोप नहीं, फिर भी कराएंगे जांच
पुरी के कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा कि हालांकि मंदिर में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट के बारे में कोई आरोप नहीं हैं, लेकिन प्रशासन किसी भी संदेह को दूर करने के लिए गुणवत्ता का परीक्षण करना चाहता है. कलेक्टर ने कहा कि हम मंदिर में इस्तेमाल होने वाले घी के लिए एक मानक तय करने के लिए राज्य के शीर्ष दूध महासंघ ओमफेड के साथ भी चर्चा करेंगे.

स्वैन ने कहा कि अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद के लिए केवल मानकीकृत घी का ही प्रयोग किया जाएगा. कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने बताया कि जिला प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा को लेकर सभी से चर्चा की है.

हर दिन आते हैं लाखों श्रद्धालु
पुरी के जगन्नाथ मंदिर में हर दिन लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और प्रसाद प्राप्त करते हैं. बता दें, मंदिर के रसोई में हर दिन एक लाख भक्तों के लिए खाना बनाया जाता है. जगन्नाथ मंदिर में राज्य के स्वामित्व वाली ओडिशा राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (ओमफेड) द्वारा तैयार घी का उपयोग किया जाता है. यहां तक ​​कि भक्त भी मंदिर के अंदर दीये में इसी घी का उपयोग करते हैं. जानकारी के मुताबिक जगन्नाथ मंदिर के बर्तनों में लकड़ी जलाकर प्रसाद तैयार किया जाता है. सबसे आश्चर्य की बात है कि जो बर्तन सबसे ऊपर रखा जाता है उसका प्रसाद सबसे पहले पकता है.

तैयार प्रसाद का भोग सबसे पहले भगवान जगन्नाथ और उसके बाद देवी बिमला को चढ़ाया जाता है, जिसे महाप्रसाद कहा जाता है.

जानें क्या है लड्डू विवाद
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी पर यह आरोप लगाया था कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घटिया खाद्य पदार्थों और पशु की चर्बी का प्रयोग किया गया. इसके बाद यह विवाद बढ़ता ही जा रहा है. वहीं, जगनमोहन ने इन आरोपों को एकसिरे से खारिज कर दिया और प्रधानमंत्री मोदी को इसके संबंध में एक लेटर भी लिखा. इसके बाद देश के हर मंदिरों के प्रसाद की जांच की मांग भी उठने लगी है.

इससे पहले ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरसवाई ने मंगलवार को कहा कि तिरुपति बालाजी मंदिर में जो कुछ हुआ वह हिंदुओं के खिलाफ एक साजिश है. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को खत्म किया जा रहा है. ऐसे साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरसवाई ने कहा कि केंद्र सरकार गोरक्षा के नाम पर राजनीति करती है, लेकिन कानून नहीं बना पाती

पढ़ें: तिरूपति लड्डू विवाद के बीच सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद के पैकेट पर दिखे चूहे, वीडियो वायरल, ट्रस्ट ने दी सफाई

पुरी: आंध्र प्रदेश के तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर में लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में कथित मिलावट को लेकर उठे विवाद थम नहीं रहा है. सीएम चंद्रबाबू नायडू ने इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया है. इसी बीच ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर से भी अपडेट सामने आया है. जानकारी के मुताबिक यहां के अधिकारियों ने जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल किए जा रहे घी की गुणवत्ता का परीक्षण करने का फैसला किया है.

आरोप नहीं, फिर भी कराएंगे जांच
पुरी के कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा कि हालांकि मंदिर में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट के बारे में कोई आरोप नहीं हैं, लेकिन प्रशासन किसी भी संदेह को दूर करने के लिए गुणवत्ता का परीक्षण करना चाहता है. कलेक्टर ने कहा कि हम मंदिर में इस्तेमाल होने वाले घी के लिए एक मानक तय करने के लिए राज्य के शीर्ष दूध महासंघ ओमफेड के साथ भी चर्चा करेंगे.

स्वैन ने कहा कि अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद के लिए केवल मानकीकृत घी का ही प्रयोग किया जाएगा. कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने बताया कि जिला प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा को लेकर सभी से चर्चा की है.

हर दिन आते हैं लाखों श्रद्धालु
पुरी के जगन्नाथ मंदिर में हर दिन लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और प्रसाद प्राप्त करते हैं. बता दें, मंदिर के रसोई में हर दिन एक लाख भक्तों के लिए खाना बनाया जाता है. जगन्नाथ मंदिर में राज्य के स्वामित्व वाली ओडिशा राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (ओमफेड) द्वारा तैयार घी का उपयोग किया जाता है. यहां तक ​​कि भक्त भी मंदिर के अंदर दीये में इसी घी का उपयोग करते हैं. जानकारी के मुताबिक जगन्नाथ मंदिर के बर्तनों में लकड़ी जलाकर प्रसाद तैयार किया जाता है. सबसे आश्चर्य की बात है कि जो बर्तन सबसे ऊपर रखा जाता है उसका प्रसाद सबसे पहले पकता है.

तैयार प्रसाद का भोग सबसे पहले भगवान जगन्नाथ और उसके बाद देवी बिमला को चढ़ाया जाता है, जिसे महाप्रसाद कहा जाता है.

जानें क्या है लड्डू विवाद
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी पर यह आरोप लगाया था कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घटिया खाद्य पदार्थों और पशु की चर्बी का प्रयोग किया गया. इसके बाद यह विवाद बढ़ता ही जा रहा है. वहीं, जगनमोहन ने इन आरोपों को एकसिरे से खारिज कर दिया और प्रधानमंत्री मोदी को इसके संबंध में एक लेटर भी लिखा. इसके बाद देश के हर मंदिरों के प्रसाद की जांच की मांग भी उठने लगी है.

इससे पहले ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरसवाई ने मंगलवार को कहा कि तिरुपति बालाजी मंदिर में जो कुछ हुआ वह हिंदुओं के खिलाफ एक साजिश है. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को खत्म किया जा रहा है. ऐसे साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरसवाई ने कहा कि केंद्र सरकार गोरक्षा के नाम पर राजनीति करती है, लेकिन कानून नहीं बना पाती

पढ़ें: तिरूपति लड्डू विवाद के बीच सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद के पैकेट पर दिखे चूहे, वीडियो वायरल, ट्रस्ट ने दी सफाई

Last Updated : Sep 25, 2024, 11:20 AM IST
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