पुरी (ओडिशा): पुरी जगन्नाथ मंदिर में महाप्रसाद तैयार करने में शुद्ध देसी घी के इस्तेमाल को सुनिश्चित करने की मांग उठी है. श्रीमंदिर के सेवकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस संबंध में हस्तक्षेप करने की मांग की है. सेवकों ने अपने पत्र में महाप्रसाद की पवित्रता बनाए रखने पर जोर दिया और गौ-रक्षा नीतियों के अनुरूप शुद्ध घी की निरंतर आपूर्ति के लिए गौशाला स्थापित करने का प्रस्ताव रखा.
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) द्वारा महाप्रसाद तैयार करने और श्रीमंदिर में दीप जलाने के लिए केवल ओडिशा राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (OMFED) के घी का उपयोग करने के निर्णय के कुछ दिनों बाद यह पत्र लिखा गया है.
पत्र में लिखा है, "गौशाला की स्थापना से न केवल महाप्रसाद की पवित्रता बनी रहेगी, बल्कि गायों के समग्र कल्याण और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, जो कि 'गौ-रक्षा' नीतियों के अनुरूप है, जो आपके दिल को बहुत प्रिय हैं. ... यह पहल न केवल मंदिर के अनुष्ठान का समर्थन करेगी, बल्कि 'गौ-सेवा' और गायों के सतत विकास के बड़े उद्देश्य में भी योगदान देगी."
गौरतलब है कि एसजेटीए ने मंगलवार को एक बैठक के बाद श्रीमंदिर में केवल ओमफेड घी का उपयोग करने का निर्णय लिया है. एसजेटीए के मुख्य प्रशासक ने इसकी जानकारी देते हुए ओमफेड के एमडी को एक पत्र लिखा है. एमडी से घी की सप्लाई के लिए एक विशेष डिपो बनाने के लिए कदम उठाने का भी आग्रह किया गया है.
मुख्य प्रशासक ने पत्र में लिखा, "मंदिर के अंदर महाप्रसाद तैयार करने और दीप जलाने के लिए केवल ओमफेड घी का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है. इस पर अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है और सहमति बनी है. इसलिए ओमफेड से अनुरोध है कि मंदिर में ओमफेड घी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए घी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएं."
मुख्य प्रशासक ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया है कि ओमफेड के अलावा कोई अन्य घी मंदिर में प्रवेश न करे. साथ ही चेतावनी जारी की गई है कि अगर कोई भी व्यक्ति श्रीमंदिर में किसी अन्य ब्रांड का घी ले जाता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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