पुणे: यह शहर महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी है. अब यह शहर खाने के शौकीनों के शहर के नाम से भी जाना जाता है. शहर में कई छोटे-बड़े रेस्टोरेंट हैं जो काफी मशहूर हैं. इनमें से कुछ दुकानें सोसायटी में खोले गए हैं जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. इससे छुटकारा पाने के लिए सोसायटी की ओर से अब महिला बाउंसर रखे गए हैं.
क्या है असली मामला? पुणे में डीपी रोड पर स्थित 58 साल पुरानी एक हाउसिंग सोसायटी के परिसर में अतिक्रमण के चलते यहां बाउंसर रखे गए हैं. इसके कारण सोसायटी में होटल से चाय, कॉफी और विभिन्न खाद्य पदार्थ लेने वाले ग्राहकों को महिला बाउंसरों का सामना करना पड़ रहा है. पुणे के सिंहगढ़ रोड से डीपी रोड पर 35 एकड़ में फैले 277 बंगलों वाली नवसहयाद्री सहकारी आवास सोसायटी को कुछ दुकानें पट्टे पर दी गई थी.
इसमें कुछ रेस्टोरेंट, कुछ छोटे होटल और एक डाकघर है. इससे खाने-पीने के शौकीनों की यहां भीड़ लग जाती है. इस कारण सोसायटी के सदस्यों को परेशानी होने लगी. सोसायटी ने सदस्यों की बैठक कर बाउंसर रखने का फैसला लिया. इसके बाद सोसायटी से अतिक्रमण हटाने के लिए बाउंसर रखे गए. बाउंसरों के रोक-टोक के चलते दुकानदारों को धंधा प्रभावित हो गया.
कहा जा रहा है कि शहर में इस तरह से सोसायटियों में बाउंसर रखने की यह पहली घटना है. नवसहयाद्री सोसायटी ने अपने परिसर में छह दुकानें सोसायटी के सदस्यों को लंबी अवधि के लिए लीज पर दी है. इनमें से एक दुकान में कैंटीन बनाई गई है जहां विभिन्न खाद्य सामग्री बेची जाती है. यहां भोजन करने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटती है. दुकानों के सामने खुली जगह में नागरिक इस भोजन का आनंद लेते हैं. साथ ही, इस दुकान पर आने वाले नागरिक सड़क पर वाहन पार्क करते हैं. सोसायटी के पास कई शिकायतें आईं कि इससे सोसायटी में रहवे वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
इस शिकायत के बाद सोसायटी के माध्यम से इन दुकानदारों को तीन से चार बार नोटिस भी भेजे गए, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर सोसायटी द्वारा नगर निगम को बताकर इन दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटा दिया गया. अब यहां बाउंसर रखे गए हैं. बाउंसर के जरिए इस रेस्टोरेंट में आने वाले लोगों को सोसायटी परिसर में इंतजार नहीं करने दिया जाता.
सोसायटी के अध्यक्ष नवीन कुमार जगरवाल ने बताया, 'नवसहयाद्री सहकारी आवास सोसायटी में 1 से 6 तक की सभी दुकानें नवसहयाद्री संगठन की हैं. इन्हें संगठन के सदस्यों को लंबी अवधि के पट्टे पर दिया गया है. इस बात पर सहमति बनी है कि वे अपनी दुकान से ही अपना कारोबार करें. दुकानों के सामने जो खुला स्थान है, वह पूरी तरह संगठन का है.
कहा गया कि इस खुले स्थान पर दुकानदारों को कारोबार करने की अनुमति नहीं थी. इसलिए हमने एक प्रस्ताव बनाकर वहां बाउंसर नियुक्त किया है. इस सोसायटी में लीज पर रहने वाले उपहार गृह के मालिक तेजस परचुरे ने कहा, 'हम स्वीकार करते हैं कि यह खाली जगह सोसायटी की है. मैं 28 साल का युवा हूं और मैंने इस व्यवसाय को बढ़ाने की कोशिश की है.'
उसने कहा,'आज पुणे शहर में हमारी दो शाखाएं हैं. हम पुणे के लोगों को स्वादिष्ट भोजन बनवाकर दे रहे हैं लेकिन इस तरह से बाउंसरों को सड़क पर भेजा जा रहा है. एक दिन में दो से ढाई हजार ग्राहक आते थे, अब एक दिन में केवल 800 से 1000 ग्राहक आ रहे हैं. सोसायटी को मराठी लोगों के व्यवसाय का समर्थन करना चाहिए.