दिल्ली: जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संगठन और राजनीतिक प्रस्ताव पेश किए गए. जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी के राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की हमारी पुरानी मांग है. आज की स्थिति में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा अथवा विशेष पैकेज की आवश्यकता है.
विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव: जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में नीतीश कुमार की अध्यक्षता में जारी है. इसमें कई प्रस्ताव लाए गए हैं. उनमें से एक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की पुरानी मांग है. इस प्रस्ताव कहा गया है कि बिहार के करोड़ों लोगों के विकास और कल्याण के लिए ज्यादा मजबूती से काम किया जा सके. विशेष दर्जा या पैकेज मिलने पर बिहार के विकास की रफ्तार और तेज हो सकेगी. बिहार की प्रगति एवं खुशहाली के लिए जरूरत है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज मिले.
झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भी आया: जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी के राजनीतिक प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि जनता दल यूनाइटेड समन्वय और सहयोग की राजनीति में विश्वास करती है. भाजपा के साथ समन्वय और साझेदारी लंबे समय है जो एनडीए के रूप में स्वाभाविक गठबंधन का पर्याय बन चुका है. साथ ही इसमें कहा गया कि पार्टी इस साल होने वाले झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़े. झारखंड से पहले भी जदयू के विधायक रहे हैं. इसके साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जीतने का संकल्प भी लिया गया.
'केंद्र में सरकार बनाने में जेडीयू की अहम भूमिका': बैठक में लाए गए राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया कि बिहार में एनडीए सरकार चलाने के साथ ही लोकसभा चुनाव के बाद तीसरी दफे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार गठन में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका है. हमारे लिए राजनीतिक सत्ता सेवा के लिए है, भोग के लिए नहीं. हमारे नेतृत्व की यही सोच है. इस राजनीतिक सत्ता का उपयोग सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक बदलाव एवं विकास के लिए होना चाहिए, ताकि बेहतर समाज बन सके. बिहार में पिछले 19 वर्षों में नीतीश कुमार ने सत्ता व्यवस्था परिवर्तन की कोशिश की है. जेपी के संपूर्ण क्रांति की यही सीख है.
नीट पेपर लीक मामले पर चर्चा: जेडीयू की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन आज केंद्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक पर भी चिंता जाहिर की गई. साथ ही कहा गया कि इस मामले की गहराई से जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. कुल मिलाकर पेपर लीक कांड को लेकर सरकार गंभीर है और मंथन के दौरान इस पर भी गंभीरता से चर्चा की गई है.