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सारण और सिवान में क्यों गिरे 24 घंटे में 6 पुल? जल संसाधन विभाग बोला- 'रिपोर्ट के बाद नपेंगे लापरवाह इंजीनियर-ठेकेदार..' - Bihar Bridge collapse

बिहार में कब कौन सा पुल कब गिर जाए इसको लेकर सोशल मीडिया में खूब चर्चा होने लगी है. इसपर बिहार सरकार की भी खूब भद्द पिट रही है. सवाल इस बात का है कि आखिर पुल क्यों जमींदोज हो रहे हैं. इसपर जल संसाधन विभाग ने मंधन कर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सबकुछ जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई पर छोड़ दिया. पढे़ं पूरी खबर-

चैतन्य प्रसाद, अपर मुख्य सचिव
चैतन्य प्रसाद, अपर मुख्य सचिव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 4, 2024, 6:38 PM IST

चैतन्य प्रसाद, अपर मुख्य सचिव,जल संसाधन विभाग (ETV Bharat)

पटना : बिहार में गिरते पुल से सवाल खड़े हो गए हैं. 18 जुलाई से लगातार किसी न किसी जिले में पुल या पुलिया गिर रहा है या फिर डैमेज हो रहा है. ये हाल तब है जब अभी मानसून की पहली फुहार पड़ी है. नदियों पर पानी का उतना लोड नहींं है जितना ये पुल सालों से सहते आ रहे हैं. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर यूं बिहार में धड़ाधड़ पुल क्यों गिर रहे हैं. पुल के पाये अपने ही वजन क्यों नहीं उठा परा रहे हैं? इसका जवाब जानने के लिए जल संसाधन विभाग ने स्पॉट पर टीम भेजकर जांच करानी शुरू कर दी है.

'जल संसाधन विभाग करा रहा जांच' : हद तो तब हो गई जब सारण और सिवान में 24 घंटे के अंदर 6 पुल और पुलिया एक एक कर पानी में समाने लगे. इसको लेकर विभाग तुरंत हरकत में आया. जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सारण और सिवान में जो तीन और चार जुलाई को 6 पुल-पुलिया ध्वस्त हुआ है वो गंडकी और छाड़ी नदी में गाद निकालने के दौरान हुआ है.

''नदी जोड़ो योजना के तहत छोटी-छोटी नदी को जोड़कर गंगा नदी में जोड़ना है. इसका काम चल रहा है. इसी दौरान पुल गिरे हैं. इसमें जो लापरवाह अभियन्ता हैं, जिन्होंने पुल की स्थिति को पहले नहीं देखा, जो ठिकेदार हैं, जिन्होंने लापरवाही की है, उनपर कारवाई होगी. विभाग ने इस मामले की जांच के लिए टीम बनायी है. टीम स्पॉट पर जांच कर रही है. कल तक रिपोर्ट आ जाएगी और जल्द ही अभियंता पर विभागीय कारवाई की जाएगी.''- चैतन्य प्रसाद, अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग

'नपेंगे इंजीनियर और ठेकेदार' : अपर मुख्य सचिव ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटना नहीं हो इसको लेकर भी सरकार सतर्क हैं. जो पुल पुलिया पुराने हैं उसकी स्थिति की भी जांच की जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल ही इसको लेकर निर्देश दिए है. उन्होंने कहा कि सारण और सिवान के जो पुल गिरे है वो तीस साल पुराने थे. लेकिन सबसे बड़ी बात है कि जिन अभियंता को इन्हें देखना था उन्होंने लापरवाही की है. ठेकेदार ने लापरवाही की है, उनपर कारवाई होगी.

''जहां पुल-पुलिया गिरे हैं वहां बहुत जल्द पुल का निर्माण कराया जायेगा. इस पुल के निर्माण में जो लागत लगेगी ठेकेदार से वसूला जाएगा. विभागीय उड़न दस्ता स्थल पर पहुंच चुका है. सभी पहलू पर जांच हो रही है. कार्यान्वयन से संबंधित दोषी अभियंताओं को चिन्हित कर एवं संवेदक के विरुद्ध कड़ी कारवाई की जाएगी.''- चैतन्य प्रसाद, अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग

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चैतन्य प्रसाद, अपर मुख्य सचिव,जल संसाधन विभाग (ETV Bharat)

पटना : बिहार में गिरते पुल से सवाल खड़े हो गए हैं. 18 जुलाई से लगातार किसी न किसी जिले में पुल या पुलिया गिर रहा है या फिर डैमेज हो रहा है. ये हाल तब है जब अभी मानसून की पहली फुहार पड़ी है. नदियों पर पानी का उतना लोड नहींं है जितना ये पुल सालों से सहते आ रहे हैं. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर यूं बिहार में धड़ाधड़ पुल क्यों गिर रहे हैं. पुल के पाये अपने ही वजन क्यों नहीं उठा परा रहे हैं? इसका जवाब जानने के लिए जल संसाधन विभाग ने स्पॉट पर टीम भेजकर जांच करानी शुरू कर दी है.

'जल संसाधन विभाग करा रहा जांच' : हद तो तब हो गई जब सारण और सिवान में 24 घंटे के अंदर 6 पुल और पुलिया एक एक कर पानी में समाने लगे. इसको लेकर विभाग तुरंत हरकत में आया. जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सारण और सिवान में जो तीन और चार जुलाई को 6 पुल-पुलिया ध्वस्त हुआ है वो गंडकी और छाड़ी नदी में गाद निकालने के दौरान हुआ है.

''नदी जोड़ो योजना के तहत छोटी-छोटी नदी को जोड़कर गंगा नदी में जोड़ना है. इसका काम चल रहा है. इसी दौरान पुल गिरे हैं. इसमें जो लापरवाह अभियन्ता हैं, जिन्होंने पुल की स्थिति को पहले नहीं देखा, जो ठिकेदार हैं, जिन्होंने लापरवाही की है, उनपर कारवाई होगी. विभाग ने इस मामले की जांच के लिए टीम बनायी है. टीम स्पॉट पर जांच कर रही है. कल तक रिपोर्ट आ जाएगी और जल्द ही अभियंता पर विभागीय कारवाई की जाएगी.''- चैतन्य प्रसाद, अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग

'नपेंगे इंजीनियर और ठेकेदार' : अपर मुख्य सचिव ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटना नहीं हो इसको लेकर भी सरकार सतर्क हैं. जो पुल पुलिया पुराने हैं उसकी स्थिति की भी जांच की जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल ही इसको लेकर निर्देश दिए है. उन्होंने कहा कि सारण और सिवान के जो पुल गिरे है वो तीस साल पुराने थे. लेकिन सबसे बड़ी बात है कि जिन अभियंता को इन्हें देखना था उन्होंने लापरवाही की है. ठेकेदार ने लापरवाही की है, उनपर कारवाई होगी.

''जहां पुल-पुलिया गिरे हैं वहां बहुत जल्द पुल का निर्माण कराया जायेगा. इस पुल के निर्माण में जो लागत लगेगी ठेकेदार से वसूला जाएगा. विभागीय उड़न दस्ता स्थल पर पहुंच चुका है. सभी पहलू पर जांच हो रही है. कार्यान्वयन से संबंधित दोषी अभियंताओं को चिन्हित कर एवं संवेदक के विरुद्ध कड़ी कारवाई की जाएगी.''- चैतन्य प्रसाद, अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग

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