नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ट्वीट कर सुधा मूर्ति के राज्यसभा में मनोनीत होने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी देते हुए बहुत खुशी हो रही है कि राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है.
पीएम मोदी ने लिखा कि सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में सुधा मूर्ति का योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है. उन्होंने आगे लिखा कि राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी 'नारी शक्ति' का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है और मैं उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं.
सुधा मूर्ति के पति इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति हैं. उनके दामाद ऋषि सुनक इस समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री हैं. ऋषि की शादी अक्षता मूर्ति से हुई है. अक्षता मूर्ति मशहूर फैशन डिजाइनर हैं. सुधा मूर्ति के बेटे का नाम रोहन मूर्ति है. रोहन क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन स्टार्ट अप सोरोको के संस्थापक हैं.
सुधा मूर्ति खुद किताब लिखने की शौकीन हैं. उन्होंने आठ उपन्यास लिखे हैं. उनकी कहानियां काफी प्रेरक होती हैं. वह टेल्को में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर भी रह चुकी हैं. टेलको भारत की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी है.
सुधा मूर्ति ने अपने पति नारायण मूर्ति की उस समय मदद की थी, जिस समय वह इंफोसिस को स्थापित करना चाहते थे. उस समय सुधा मूर्ति ने 10 हजार रुपये उन्हें उधार दिए थे. इस बात का जिक्र उन्हें कई बार अपने इंटरव्यू में किया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिस कॉलेज में सुधा मूर्ति पढ़ाई (इंजीनियरिंग) कर रही थीं, उस बैच में वह एक मात्र छात्रा थीं. वह पूरे क्लास में टॉप की थीं और उस समय कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने उन्हें सम्मानित किया था. बाद में उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से कंप्यूटर में पीजी की डिग्री ली थी.
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