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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के वीर जवानों को कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से किया सम्मानित - Gallantry Awards 2024 - GALLANTRY AWARDS 2024

Gallantry Awards 2024: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के लिए बलिदान देने वाले जवानों को शौर्य और कीर्ति चक्र से नवाजा है. राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह-2024 (चरण-1) का आयोजन शुक्रवार को किया गया. मौके पर पीएम मोदी, उपराष्ट्रपति और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे. कीर्ति चक्र सीआरपीएफ, असम राइफल्स, जम्मू और कश्मीर पुलिस, असम राइफल्स, विशेष बलों और अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों के कर्मियों को उनकी बहादुरी के लिए प्रदान किया गया है.

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वीर जवानों को कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से किया गया सम्मानित (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 5, 2024, 9:49 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज (5 जुलाई, 2024) राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को वीरता पुरस्कार (Gallantry Awards) प्रदान किए. इनमें 10 कीर्ति चक्र (सात मरणोपरांत) और 26 शौर्य चक्र (सात मरणोपरांत) प्रदान किए गए. बता दें कि, हर साल देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाने, शौर्य दिखाने वाले भारतीय सेना, सीआरपीएफ आईटीबीपी और पुलिस के जवानों और अधिकारियों को अलग-अलग वीरता पुरस्कारों से सम्‍मानित किया जाता है.

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के छह बहादुरों को राष्ट्रपति भवन में एक अलंकरण समारोह के दौरान उनकी असाधारण वीरता के लिए चार कीर्ति चक्र और दो शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उन्हें औरंगाबाद, बिहार, श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर और बीजापुर, छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन के दौरान उनकी असाधारण वीरता के लिए सम्मानित किया गया.

कीर्ति चक्र पुरस्कार विजेता
समारोह के दौरान, 3 अप्रैल, 2021 को बीजापुर में माओवादियों के खिलाफ लड़ाई में उनकी वीरता के लिए चार सीआरपीएफ बहादुरों को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. उस दिन, तर्रेम पुलिस के तहत सिलगेर वन क्षेत्र में एक संयुक्त माओवादी विरोधी अभियान शुरू किया गया था. बीजापुर जिले में स्टेशन, जिसमें 210 कोबरा, 241 बीएन और छत्तीसगढ़ पुलिस के सैनिक शामिल थे. ऑपरेशन में तब गंभीर मोड़ आ गया जब माओवादियों ने जवानों पर घात लगाकर अंधाधुंध गोलीबारी और ग्रेनेड से हमला कर दिया था.

जवानों ने असाधारण साहस का परिचय देते हुए शुरुआती हमले का जवाबी कार्रवाई से मुकाबला किया. उन्होंने छह घंटे तक बहादुरी से लड़ाई लड़ी और माओवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया, जो अंततः घटनास्थल से भाग गए. इस भीषण युद्ध में 210 कोबरा के सात और 241 बीएन के एक सहित 22 योद्धाओं ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. उनकी असाधारण बहादुरी के सम्मान में, इनमें से चार बहादुरों- शहीद इंस्पेक्टर दिलीप कुमार दास, शहीद हेड कांस्टेबल राज कुमार यादव, शहीद कांस्टेबल बब्लू राभा और शहीद कांस्टेबल शंभू रॉय को मरणोपरांत 15 अगस्त, 2023 को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इन चारों वीरों के परिजनों को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया. कीर्ति चक्र को राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही पवन कुमार, पंजाब रेजिमेंट के कैप्टन अंशुमान सिंह, विशेष बलों के हवलदार अब्दुल माजिद, विशेष बलों के दिग्विजय सिंह रावत, सिख रेजिमेंट के मेजर दीपेंद्र विक्रम बस्नेत, महार रेजिमेंट के पवन कुमार यादव को भी प्रदान किया गया है.

शौर्य चक्र
25 फरवरी, 2022 को औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना अंतर्गत छकरबंधा वन क्षेत्र में 205 कोबरा, 47 बीएन सीआरपीएफ और बिहार पुलिस को शामिल करते हुए एक विशेष खोज अभियान शुरू किया गया था. जैसे ही जवान अपने लक्ष्य के पास पहुंचे, माओवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. सहायक कमांडेंट बिभोर कुमार सिंह ने एक तरफ से माओवादियों के खिलाफ इस अभियान का नेतृत्व किया, जिससे माओवादी पीछे हट गए. इस दौरान आईईडी से गंभीर रूप से घायल होने और अपना बायां पैर खोने के बावजूद, उन्होंने अपने सैनिकों का नेतृत्व करना जारी रखा. और आखिरकार वे सफल हुए और आईईडी बनाने की सामग्री बरामद की. उनकी असाधारण बहादुरी के लिए, सिंह को 15 अगस्त, 2023 को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया.

19 दिसंबर, 2021 को हरवान पुलिस स्टेशन के अंतर्गत दरबाग इलाके में सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया गया था. खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए, एक घर में छिपे एक आतंकवादी को मार गिराने के लिए एक हाउस इंटरवेंशन टीम (HIT) का गठन किया गया. कांस्टेबल गामित मुकेश कुमार और उनके साथी सिपाही ने आतंकवादी से भिड़ गए और उसे घर से बाहर निकाला. गोलीबारी के बीच, कांस्टेबल कुमार अंततः आतंकवादी को मार गिराया. इस दौरान टीम ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया. उनकी बहादुरी के लिए कांस्टेबल गामित मुकेश कुमार को 15 अगस्त 2023 को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है.

शौर्य चक्र जम्मू-कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल सफीउल्लाह कादरी (मरणोपरांत), 252 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन के मेजर मुस्तफा वोहरा (मरणोपरांत), राष्ट्रीय राइफल्स के राइफलमैन कुलभूषण मंटा ((मरणोपरांत), हवलदार विवेक सिंह तोमर ((मरणोपरांत)) को भी प्रदान किया गया है. साथी ही राजपूताना राइफल्स के, 18 असम राइफल्स के राइफलमैन आलोक राव (मरणोपरांत), राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन एमवी प्रांजल (मरणोपरांत) शौर्य चक्र प्रदान किया गया.

कांस्टेबल अमित रैना, इंस्पेक्टर फ़रोज अहमे डार, कांस्टेबल वरुण सिंह, जम्मू-कश्मीर पुलिस के पुलिस अधीक्षक मोहन लाल, मेजर राजेंद्र प्रसाद जाट, मेजर रवींद्र सिंह रावत, नायक भीम सिंह, मेजर विजय वर्मा, राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर सचिन नेगी, विशेष बलों के मेजर मानेओ फ्रांसिस पीएफ, कमांडर शैलश सिंह, फ्लाइंग पायलट, लेफ्टिनेंट बिमल रंजन बेहरा, असम राइफल्स के हवलदार संजय कुमार, लेफ्टिनेंट ऋषिकेश जयन करुथेदथ (फ्लाइंग पायलट) कैप्टन अक्षत उपाध्याय, जाट रेजिमेंट, नायब सूबेदार बारिया संजय कुमार भामर सिंह महार रेजिमेंट के मेजर अमनदीप जाखड़, जम्मू-कश्मीर के राजौरी की ग्राम रक्षा समिति के सदस्य परषोत्तम कुमार को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है.

ये भी पढ़ें: दुश्मनों के छक्के छुड़ा देगा AK-203! पीएम मोदी के दौरे से पहले रूस ने भारत को सौंपी 35 हजार असॉल्ट राइफल

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज (5 जुलाई, 2024) राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को वीरता पुरस्कार (Gallantry Awards) प्रदान किए. इनमें 10 कीर्ति चक्र (सात मरणोपरांत) और 26 शौर्य चक्र (सात मरणोपरांत) प्रदान किए गए. बता दें कि, हर साल देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाने, शौर्य दिखाने वाले भारतीय सेना, सीआरपीएफ आईटीबीपी और पुलिस के जवानों और अधिकारियों को अलग-अलग वीरता पुरस्कारों से सम्‍मानित किया जाता है.

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के छह बहादुरों को राष्ट्रपति भवन में एक अलंकरण समारोह के दौरान उनकी असाधारण वीरता के लिए चार कीर्ति चक्र और दो शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उन्हें औरंगाबाद, बिहार, श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर और बीजापुर, छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन के दौरान उनकी असाधारण वीरता के लिए सम्मानित किया गया.

कीर्ति चक्र पुरस्कार विजेता
समारोह के दौरान, 3 अप्रैल, 2021 को बीजापुर में माओवादियों के खिलाफ लड़ाई में उनकी वीरता के लिए चार सीआरपीएफ बहादुरों को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. उस दिन, तर्रेम पुलिस के तहत सिलगेर वन क्षेत्र में एक संयुक्त माओवादी विरोधी अभियान शुरू किया गया था. बीजापुर जिले में स्टेशन, जिसमें 210 कोबरा, 241 बीएन और छत्तीसगढ़ पुलिस के सैनिक शामिल थे. ऑपरेशन में तब गंभीर मोड़ आ गया जब माओवादियों ने जवानों पर घात लगाकर अंधाधुंध गोलीबारी और ग्रेनेड से हमला कर दिया था.

जवानों ने असाधारण साहस का परिचय देते हुए शुरुआती हमले का जवाबी कार्रवाई से मुकाबला किया. उन्होंने छह घंटे तक बहादुरी से लड़ाई लड़ी और माओवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया, जो अंततः घटनास्थल से भाग गए. इस भीषण युद्ध में 210 कोबरा के सात और 241 बीएन के एक सहित 22 योद्धाओं ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. उनकी असाधारण बहादुरी के सम्मान में, इनमें से चार बहादुरों- शहीद इंस्पेक्टर दिलीप कुमार दास, शहीद हेड कांस्टेबल राज कुमार यादव, शहीद कांस्टेबल बब्लू राभा और शहीद कांस्टेबल शंभू रॉय को मरणोपरांत 15 अगस्त, 2023 को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इन चारों वीरों के परिजनों को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया. कीर्ति चक्र को राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही पवन कुमार, पंजाब रेजिमेंट के कैप्टन अंशुमान सिंह, विशेष बलों के हवलदार अब्दुल माजिद, विशेष बलों के दिग्विजय सिंह रावत, सिख रेजिमेंट के मेजर दीपेंद्र विक्रम बस्नेत, महार रेजिमेंट के पवन कुमार यादव को भी प्रदान किया गया है.

शौर्य चक्र
25 फरवरी, 2022 को औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना अंतर्गत छकरबंधा वन क्षेत्र में 205 कोबरा, 47 बीएन सीआरपीएफ और बिहार पुलिस को शामिल करते हुए एक विशेष खोज अभियान शुरू किया गया था. जैसे ही जवान अपने लक्ष्य के पास पहुंचे, माओवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. सहायक कमांडेंट बिभोर कुमार सिंह ने एक तरफ से माओवादियों के खिलाफ इस अभियान का नेतृत्व किया, जिससे माओवादी पीछे हट गए. इस दौरान आईईडी से गंभीर रूप से घायल होने और अपना बायां पैर खोने के बावजूद, उन्होंने अपने सैनिकों का नेतृत्व करना जारी रखा. और आखिरकार वे सफल हुए और आईईडी बनाने की सामग्री बरामद की. उनकी असाधारण बहादुरी के लिए, सिंह को 15 अगस्त, 2023 को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया.

19 दिसंबर, 2021 को हरवान पुलिस स्टेशन के अंतर्गत दरबाग इलाके में सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया गया था. खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए, एक घर में छिपे एक आतंकवादी को मार गिराने के लिए एक हाउस इंटरवेंशन टीम (HIT) का गठन किया गया. कांस्टेबल गामित मुकेश कुमार और उनके साथी सिपाही ने आतंकवादी से भिड़ गए और उसे घर से बाहर निकाला. गोलीबारी के बीच, कांस्टेबल कुमार अंततः आतंकवादी को मार गिराया. इस दौरान टीम ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया. उनकी बहादुरी के लिए कांस्टेबल गामित मुकेश कुमार को 15 अगस्त 2023 को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है.

शौर्य चक्र जम्मू-कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल सफीउल्लाह कादरी (मरणोपरांत), 252 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन के मेजर मुस्तफा वोहरा (मरणोपरांत), राष्ट्रीय राइफल्स के राइफलमैन कुलभूषण मंटा ((मरणोपरांत), हवलदार विवेक सिंह तोमर ((मरणोपरांत)) को भी प्रदान किया गया है. साथी ही राजपूताना राइफल्स के, 18 असम राइफल्स के राइफलमैन आलोक राव (मरणोपरांत), राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन एमवी प्रांजल (मरणोपरांत) शौर्य चक्र प्रदान किया गया.

कांस्टेबल अमित रैना, इंस्पेक्टर फ़रोज अहमे डार, कांस्टेबल वरुण सिंह, जम्मू-कश्मीर पुलिस के पुलिस अधीक्षक मोहन लाल, मेजर राजेंद्र प्रसाद जाट, मेजर रवींद्र सिंह रावत, नायक भीम सिंह, मेजर विजय वर्मा, राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर सचिन नेगी, विशेष बलों के मेजर मानेओ फ्रांसिस पीएफ, कमांडर शैलश सिंह, फ्लाइंग पायलट, लेफ्टिनेंट बिमल रंजन बेहरा, असम राइफल्स के हवलदार संजय कुमार, लेफ्टिनेंट ऋषिकेश जयन करुथेदथ (फ्लाइंग पायलट) कैप्टन अक्षत उपाध्याय, जाट रेजिमेंट, नायब सूबेदार बारिया संजय कुमार भामर सिंह महार रेजिमेंट के मेजर अमनदीप जाखड़, जम्मू-कश्मीर के राजौरी की ग्राम रक्षा समिति के सदस्य परषोत्तम कुमार को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है.

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