फरीदाबाद: शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फरीदाबाद में 37वें सूरजकुंड मेले का उद्घाटन किया. ये मेला फरीदाबाद जिले के सूरजकुंड में आयोजित किया जा रहा है. ये अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला 18 फरवरी तक चलेगा. मेले के शुभारंभ के बाद राष्ट्रपति ने मेला परिसर में 'अपना घर पवेलियन' स्टॉल का दौरा किया और हरियाणवी संस्कृति की झलक बिखेर रहे यंत्रों की बारीकी से जानकारी ली.
राष्ट्रपति ने लिया मेले की स्टॉलों का जायजा: राष्ट्रपति ने मेला के थीम स्टेट गुजरात राज्य के स्टॉलों का भी जायजा लेकर शिल्पकारों से बातचीत की. मेले के सहभागी देशों और प्रदेशों की संस्कृति को देखते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया. मेले के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि साल 1987 से हर साल आयोजित किए जा रहे इस मेले के सफल आयोजन के लिए सभी टीमें बधाई की पात्र हैं.
तंजानिया मेले का कंट्री पार्टनर: राष्ट्रपति ने मेले के आयोजन के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनकी टीम की प्रशंसा की. द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि तंजानिया इस वर्ष के मेले का भागीदार देश है. पिछले साल अक्टूबर में तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन से चर्चा के दौरान दोनों देशों की सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और अधिक विस्तारित करने के महत्व पर सहमति बनी थी.
हस्तशिल्प का अद्भुत मंच है मेला: इस मेले में आने वाले आगंतुकों को लकड़ी की नक्काशी, मिट्टी के बर्तन और बुनाई सहित जीवंत और रंगीन तंजानिया कला और शिल्प का अनुभव करने का मौका मिलेगा. ये तंजानियाई नृत्य, संगीत और व्यंजनों को प्रदर्शित करने का एक अद्भुत मंच है, जिसमें हम भारत और पूर्वी अफ्रीकी तट के बीच सदियों से लोगों के बीच संपर्क के कारण कुछ भारतीय प्रभाव की झलक भी देख सकते हैं. इस मेले में भागीदार राष्ट्र के रूप में तंजानिया की भागीदारी अफ्रीकी संघ के साथ भारत की मजबूत भागीदारी को उजागर करती है.
कला, साहित्य और सांस्कृति की अद्भुत झलक: राष्ट्रपति ने कहा कि इस साल मेले के साझेदार राज्य गुजरात की कला, परंपरा देखते ही बनती है. गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों से आए शिल्पकारों व कलाकारों के माध्यम से राज्य की जीवंत कला देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्वी हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लिमिटेड इस वर्ष के मेले के सांस्कृतिक भागीदार हैं. हमारे शिल्पकारों ने देश की कला विरासत को संजोकर रखा है. इसके लिए सभी शिल्पकार सराहना के पात्र हैं. उन्होंने कहा कि इस मेले के दौरान 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने की उम्मीद है, जो शिल्पकारों व हथकरघा व्यापारियों के लिए आर्थिक दृष्टि से एक बहुत बड़ा मंच है.
इस मौके पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु की उपस्थिति से इस मेले की भव्यता में एक नया आयाम जुड़ा है. उनके आगमन से हरियाणा राज्य के लिए भी आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है. उन्होंने बताया कि इस बार मेले का थीम स्टेट गुजरात है, जो सांस्कृतिक विविधता और सभ्यता के लिए प्रसिद्ध है और मेले का सहयोगी राष्ट्र तंज़ानिया है, जिसका भारतवर्ष के साथ गहरा रिश्ता है. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि उम्मीद है इस प्रकार के आयोजनों से हमारे द्विपक्षीय संबंध और मज़बूत होंगे.
हरियाणा की पहचान बन चुका है मेला: इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का प्रदेशवासियों की ओर से हरियाणा की धरा पर पधारने के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि अरावली की पहाड़ियों की तलहटी में तोमर वंश के राजा सूरजपाल द्वारा बनवाया गया, ऐतिहासिक सूरजकुंड रोमन शैली में बना है और उगते सूरज की आकृति का है. उगता सूरज प्रगति का प्रतीक माना जाता है. इस धरा पर पिछले 36 सालों से लगाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का इस बार विशेष महत्व है, इसका उद्घाटन राष्ट्रपति के कर कमलों से हुआ है. आज सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला हरियाणा की पहचान बन चुका है.
मुख्यमंत्री ने मेले में भागीदार देश संयुक्त गणराज्य तंजानिया के कारीगरों और शिल्पकारों का स्वागत करते हुए कहा कि पूर्वी अफ्रीकी देश तंजानिया की कला और शिल्प निश्चित रूप से इस मेले में आकर्षण का केंद्र होगा. उन्होंने कहा कि इस बार मेले का सहभागी राज्य गुजरात है. हरियाणा प्रदेश आत्मनिर्भरता के साथ विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में अपना दायित्व निभा रहा है.
मेले में 40 देश ले रहे हैं हिस्सा: उन्होंने कहा कि पहली बार इस वर्ष इस मेले में 40 से अधिक देश भाग ले रहे हैं, जो एक रिकॉर्ड है. यहां देश-विदेश के कलाकारों व शिल्पकारों की कल्पनाओं से सराबोर कलाकृतियों से सुसज्जित इस हस्तशिल्प मेले की छटा देखते ही बनती है. उन्होंने कहा कि इस मेले में लगभग 1000 से अधिक स्टॉल शिल्पकारों व हस्तशिल्पियों को उपलब्ध करवाए जाते हैं. मेले में हरियाणा की चौपाल, अपना घर के माध्यम से यहां की संस्कृति भी देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि 16 दिनों तक चलने वाले इस मेले में 15 लाख से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है.
कितनी है मेले की टिकट? इस बार भी पिछले साल की तरह ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा मौके पर भी टिकट लिए जा सकते हैं. साथ ही पार्किंग को लेकर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही व्यवस्था रहेगी. सूरजकुंड मेले में सोमवार से शुक्रवार तक सभी के लिए टिकट का प्राइज 120 रुपये तक निर्धारित किया गया है. जबकि शनिवार और रविवार को टिकट 180 रुपये में मिलेगा. आपको बता दें कि स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को आई कार्ड दिखाने पर 50 फीसदी छूट के साथ 60 रुपये में एंट्री मिल सकेगी.