अल्मोड़ा: बिनसर अभ्यारण में बीते दिनों जंगल की आग में बुरी तरह झुलसे एक और पीआरडी जवान कुंदन नेगी ने रविवार को एम्स में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. उनकी मृत्यु का समाचार मिलने के बाद उनके घर में कोहराम मचा हुआ है. अल्मोड़ा फॉरेस्ट फायर घटना में मरने वालो की संख्या अब छह पहुंच गई है..
बिनसर वनाग्नि कांड में गंभीर रूप से झुलसे पीआरडी जवान कुंदन नेगी को एम्स में भर्ती कराया गया था. जहां पर चिकित्सकों की देखरेख में उनका उपचार किया जा रहा था. वह पिछले 17 दिनों से जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहे थे. रविवार को कुंदन अपनी जिंदगी की जंग हार गए. कुंदन नेगी के निधन की सूचना मिलते ही उनके गांव खांकरी धौलछीना में शोक की लहर दौड़ गई.
विगत 13 जून को बिनसर अभ्यारण के जंगलों में आग लगने की सूचना पर आठ वन कर्मी आग बुझाने गए थे, लेकिन दुर्भाग्य से सभी जंगल की भीषण आग की चपेट में आ गए. जिनमें से चार वन कर्मियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. चार वन कर्मी बुरी तरह आग से झुलस गए. जिन्हें सरकार की पहल से एयरलिफ्ट कर दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया. जहां पर उनका उपचार किया जा रहा है. बिनसर अग्निकांड के सातवें दिन एक युवक कृष्ण कुमार ने उपचार के दौरान एम्स में दम तोड़ा, वहीं अब आज रविवार को उन्हीं में से एक पीआरडी जवान कुंदन नेगी ने दम तोड़ दिया. बिनसर वनाग्नि कांड में मरने वालों की संख्या अब बढ़कर छह पहुंच गई है.
डीएफओ सिविल सोयम हेम चंद्र गहतोड़ी ने पीआरडी जवान कुंदन नेगी की एम्स में उपचार के दौरान निधन हो जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कुंदन का शव देर रात तक अल्मोड़ा लाया जाएगा. जहां से उसे उनके गांव खंकारी धौलछीना भेजा जाएगा.
एम्स पहुंचे APCCF निशांत वर्मा: पीआरडी जवान की मौत की सूचना के बाद सीनियर IFS अफसर APCCF निशांत वर्मा एम्स पहुंचे. यहां वन महकमें के प्रतिनिधि के रूप में उन्होंने कुंदन नेगी के पार्थिव शरीर को गृह जनपद भेजे जाने की व्यवस्थाओं को देखा. इस दौरान एम्स में मौजूद कुंदन के परिजनों से मिलकर शोक संवेदनाएं प्रकट कर उन्हे ढांढस बंधाया. साथ ही एम्स में भर्ती दो अन्य वनकर्मियों के परिजनों से भी मुलाकात कर उपचार की जानकारी ली.
जंगल की आग से 11 लोग गवां चुके हैं जान: इस बार कि गर्मी ने अल्मोड़ा जिले के जंगलों को तबाह करके रख दिया है. हर तरफ जंगलों में आग का तांडव देखने को मिल रहा है. इसी के तहत सोमेश्वर क्षेत्र में जंगल की आग से चार नेपाली मूल के लीसा कर्मी जलकर मौत के मुंह में चले गए. वहीं एक और युवक अपने मकान को बचाने के लिए आग को बुझाने के प्रयास में अपनी जिंदगी गंवा बैठा. वहीं बिनसर वनग्नि कांड में अब तक 6 लोग मौत हो चुकी है. इस वर्ष जंगल की आग से जिले भर में अभी तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है.