पटना: जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को पार्टी लॉन्च करने वाले हैं. पार्टी लॉन्च करने से पहले प्रशांत किशोर पूरे बिहार की पदयात्रा करने में लगे हैं. एक बड़ा हिस्सा उन्होंने घूम भी लिया है. पार्टी लॉन्च करने से पहले पटना के ज्ञान भवन में लगातार कार्यक्रम कर रहे हैं. प्रशांत किशोर की चर्चा इसको लेकर भी हो रही है कि अपने साथ पूर्व आईएएस, पूर्व आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर और अन्य बुद्धिजीवियों को बड़ी संख्या में जोड़ रहे हैं.
लालू-नीतीश पर पीके पड़ेंगे भारी!: बिहार में नीतीश कुमार भी नौकरशाह पर भरोसा करते रहे हैं और उन्हीं के बूते सरकार चलाते रहे हैं. प्रशांत किशोर भी नीतीश कुमार की राह पर चल रहे हैं और अरविंद केजरीवाल जिस प्रकार से अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद अपने साथ नौकरशाह और बुद्धिजीवियों को लेकर दिल्ली में सरकार बनाई, उसी राह पर प्रशांत किशोर भी हैं. राजनीतिक विशेषज्ञ भी कहते हैं कि नीतीश और लालू को प्रशांत किशोर बड़ी चुनौती देने वाले हैं. क्योंकि पिछले तीन दशक से लालू और नीतीश ही सत्ता में रहे हैं.
पूर्व नौकरशाह का दावा बदलेगा बिहार: प्रशांत किशोर के साथ पिछले 2 साल से पूर्व आईएएस ललन सिंह जुड़े हुए हैं. ललन सिंह का कहना है कि प्रशांत किशोर बिहार में व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई लड़ रहे हैं. व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई पहले भी लड़ी गई थी लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली लेकिन इस बार बदलाव होगा. बिहार की जनता भी परिवर्तन चाहती है. हम लोग जनता के बीच जा रहे हैं और उनकी समस्याओं , उनके मुद्दों को उठा रहे हैं, जिसका अच्छा रिस्पांस मिल रहा है.
नौकरशाहों पर नीतीश को भी भरोसा: प्रशांत किशोर भी नौकरशाह पर भरोसा जताते रहे हैं, इस पर ललन सिंह का कहना है कि सरदार वल्लभभाई पटेल भी नौकरशाह पर भरोसा करते थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी भी नौकरशाह पर भरोसा जताते हैं और हम लोग तो शुरू से प्रशांत किशोर के साथ जुड़ हुये हैं.
"प्रशांत किशोर के साथ अब तक 50 पूर्व आईएएस और पूर्व आईपीएस अधिकारी जुड़ चुके हैं. उसके अलावा बड़ी संख्या में डॉक्टर इंजीनियर प्रोफेसर और अन्य बुद्धिजीवी भी काम कर रहे हैं. विभिन्न क्षेत्र में नौकरी में काम करने वाले लोग भी बिहार में जो बदलाव की मुहिम प्रशांत किशोर ने चलाई है, उससे जुड़ना चाहते हैं. नौकरी छोड़कर अपना योगदान देना चाहते हैं. एक माहौल बन रहा है."-ललन सिंह, पूर्व आईएएस अधिकारी
पूर्व आईएएस ने बनाया पीके की पार्टी का संविधान: पूर्व आईएएस अधिकारी ललन सिंह ने कहा पार्टी का जो संविधान बन रहा है उसकी प्रस्तावना मैंने ही लिखी है जो कमेटी बनी है उसमें कई नौकरशाह है जिसमें अरविंद सिंह , नरेंद्र मंडल, आरके मिश्रा , अजय कुमार द्विवेदी सभी लोग शुरुआती दौर से ही काम कर रहे हैं. अभी हाल ही में पूर्व आईपीएस अधिकारी जो बक्सर से चुनाव लड़े थे आनंद शंकर वह भी शामिल हुए हैं. अभी शामिल होने वालों की लिस्ट काफी लंबी है. ललन सिंह का कहना है कि उम्मीदवारों के चयन का काम भी चल रहा है. लोगों के बीच से ही उम्मीदवारों का चयन होगा. प्रशांत किशोर से जुड़े विभिन्न क्षेत्र के जुड़े हुए लोगों का भी यही कहना है कि बिहार में 2025 में बदलाव होगा.
"बिहार में पिछले तीन दशक से पहले लालू प्रसाद यादव और अब नीतीश कुमार सत्ता संभाल रहे हैं. प्रशांत किशोर, लालू और नीतीश को बिहार की सत्ता से हटकर आना चाहते हैं. पूरे बिहार का उन्होंने दौरा भी किया है. 2 अक्टूबर को पार्टी लॉन्च करेंगे और जो चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं उनके साथ बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं. उसमें हर क्षेत्र के लोग हैं."- अरुण पांडे, राजनीतिक विशेषज्ञ
नौकरशाह और बुद्धिजीवियों की बड़ी संख्या में प्रशांत किशोर के साथ जुड़े रहे हैं तो क्या यह नीतीश कुमार के लिए खतरा है, इस पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा कुछ भी बोलने से बच रहे हैं और कह रहे हैं कि इस मामले में प्रवक्ता से बात कर लीजिए. वहीं भाजपा के विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
"प्रशांत किशोर के साथ कोई जुड़ जाए एनडीए पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है. जनता एनडीए के साथ है."- पवन जायसवाल, भाजपा विधायक
राजनीतिक दलों में हड़कंप: प्रशांत किशोर के साथ काम करने वाले नजदीकी लोगों का कहना है की 2 अक्टूबर को जब पार्टी लॉन्च हो जाएगी, उसके बाद बड़ी संख्या में हर वर्ग के लोग प्रशांत किशोर के साथ काम करने के लिए आगे आएंगे. क्योंकि अभी चुनाव में समय है. लोग कार्यक्रमों में आ रहे हैं, लेकिन पार्टी की विधिवत घोषणा होने के बाद उनके शामिल होने का सिलसिला भी बड़े पैमाने पर शुरू होगा.इसीलिए बिहार की जो प्रमुख राजनीतिक दल है उनके अंदर हड़कंप मचा हुआ है.
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