पटना: बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा (BPSC 70th) को रद्द कराने की मांग पर अनशन कर रहे प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से पुलिस उठाकर ले गई. जहां से पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया. कोर्ट की ओर से उन्हें कंडीशनल बेल दी गई, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने के बजाय जेल जाने का निर्णय लिया. बाद में उन्हें बिना शर्त जमानत मिल गई. इस पर उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने कहा, "गांधी मैदान से यह आंदोलन शुरू हुआ था और यहीं पर खत्म होगा."
प्रशांत किशोर को मिली बेल : प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा, "जन बल के आगे कोई बल नहीं टिकता है" उन्होंने अपनी गिरफ्तारी और कोर्ट से जमानत मिलने की प्रक्रिया पर विस्तार से बात की. "यह आश्चर्यजनक है कि जिस प्रशांत किशोर को पुलिस ने डिटेन किया, फिर कंडीशनल बेल मिलने के बाद जेल जाने को मंजूर किया, और मुझे बेउर जेल भेजा गया. लेकिन जेल में मेरे लिए कोई कागजात नहीं थे." उन्होंने आगे कहा, "वहीं कोर्ट में इस मामले पर विचार किया गया और मुझे बिना शर्त जमानत दे दी गई."
'कई पुलिसकर्मी और डॉक्टर जनसुराजी' : प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि "सैकड़ों पुलिसकर्मी और एम्स के कई डॉक्टर पहले से ही जन सुराज के साथ हैं." उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई दस्तावेज नहीं थे, जिसके कारण उन्हें पांच घंटे तक घुमाया गया. "जब एम्स में मेरा स्वास्थ्य सर्टिफिकेट जारी किया गया, तो मुझे फतुहा सामुदायिक केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मेरा समर्थन किया,"
आगे की रणनीति पर होगा फैसला : इस बीच, उन्होंने पुलिस वैन में यात्रा करते हुए यह भी बताया कि कई पुलिसकर्मी उनके साथ थे. "पुलिस वैन में भी कई पुलिसकर्मी ने कहा कि वो प्रशांत किशोर के साथ हैं." प्रशांत किशोर ने यह ऐलान किया कि "आज पूरे दिन मैं केवल पानी पर था," और साथ ही कहा, "मेरा अनशन जारी था, जारी है और आगे जारी रहेगा" उन्होंने यह भी बताया कि इस आंदोलन को आगे कैसे बढ़ाना है, इसके लिए 'छात्र युवा सत्याग्रह' में फैसला लिया जाएगा.
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