नई दिल्ली : कथित सेक्स स्कैंडल के बाद निलंबित जेडीएस नेता और हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के जर्मनी भागने की खबरों के बीच विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान सामने आया है. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार को कहा कि निलंबित जद (एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जर्मनी यात्रा के संबंध में ना तो उनसे कोई राजनीतिक मंजूरी मांगी गई थी और ना ही जारी की गई थी.
विदेश मंत्रालय का बयान
बता दें, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते रेवन्ना पर कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप है. जनता दल (सेक्युलर) ने पहले ही हसन सांसद को निलंबित कर दिया है. सांसद की कथित जर्मनी यात्रा पर कई सवालों के जवाब देते हुए जायसवाल ने अपने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि उक्त सांसद की जर्मनी यात्रा के संबंध में विदेश मंत्रालय से न तो कोई राजनीतिक मंजूरी मांगी गई थी और न ही जारी की गई थी.
इस मामले पर मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए मीडिया विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि उक्त सांसद की जर्मनी यात्रा के संबंध में विदेश मंत्रालय द्वारा कोई राजनीतिक मंजूरी नहीं मांगी गई थी. किसी अन्य देश के लिए भी कोई वीजा भी जारी नहीं किया गया था.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
बता दें, कथित यौन शोषण मामले में विवाद सामने आने के कुछ दिनों बाद, प्रज्वल गिरफ्तारी से बचने के लिए देश से भाग गया. इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कथित सेक्स वीडियो मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. एसआईटी की टीम प्रज्वल की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयसरत है. इधर, सीएम सिद्धारमैया ने इस मामले को उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा. सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विदेश मंत्रालय (एमईए) को रेवन्ना को वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश देने का आग्रह किया है.
इसके साथ ही, उन्होंने पीएम मोदी से रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का भी आग्रह किया है. कर्नाटक के सीएम ने पीएम मोदी से कानूनी कार्यवाही का सामना करने के लिए फरार संसद सदस्य की शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक और पुलिस चैनलों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय पुलिस एजेंसियों को नियुक्त करने की भी अपील की है.
अदालत का आदेश जरूरी
हालांकि, विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि किसी निलंबित सांसद का राजनयिक पासपोर्ट तब तक रद्द या रद्द नहीं किया जा सकता है, जब तक कि अदालत का आदेश न हो. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि पासपोर्ट अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार राजनयिक पासपोर्ट को रद्द किया जा सकता है. प्रावधान में कहा गया है कि पासपोर्ट को अदालत के आदेश के बाद ही रद्द किया जा सकता है. लेकिन हमें अभी तक ऐसा कोई अदालती निर्देश नहीं मिला है.
क्या होता है राजनयिक पासपोर्ट?
राजनयिक पासपोर्ट को 'टाइप डी' पासपोर्ट के रूप में भी जाना जाता है. यह पासपोर्ट भारतीय राजनयिकों, सरकारी अधिकारियों और सरकार की ओर से आधिकारिक यात्रा करने के लिए अधिकृत चुनिंदा व्यक्तियों को जारी किया जाता है. सामान्य पासपोर्ट के नीले कवर की तुलना में इसका रंग विशिष्ट रूप से मैरून होता है. राजनयिक पासपोर्ट में 28 पृष्ठ होते हैं और ये पांच साल या उससे कम अवधि के लिए जारी किए जाते हैं. सुविधाजनक प्रवेश और निकास: राजनयिक पासपोर्ट आमतौर पर आव्रजन चौकियों पर त्वरित प्रवेश और निकास प्रक्रियाओं की अनुमति देते हैं, जिससे सीमा शुल्क और आव्रजन प्रक्रियाओं में लगने वाला समय कम हो जाता है.
एसआईटी द्वारा लुकआउट नोटिस जारी
प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े कथित सेक्स स्कैंडल की जांच के लिए कर्नाटक पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. देश भर के विभिन्न आव्रजन बिंदुओं पर लुकआउट नोटिस भेजे जाने के साथ, जैसे ही रेवन्ना हवाईअड्डों, समुद्री बंदरगाहों या किसी भी सीमा चौकियों पर किसी भी आव्रजन बिंदु पर रिपोर्ट करेंगे, उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा.
एक दिन पहले, बुधवार, 1 मई को एसआईटी ने हसन सांसद को 24 घंटे के भीतर पूछताछ के लिए पेश होने के लिए समन जारी किया था. जिसके बाद, रेवन्ना के वकील ने इसके जवाब में कहा कि वह पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हो सकते, क्योंकि उनका मुवक्किल देश से बाहर है. उन्होंने सात दिन का समय मांगा है. सआईटी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रज्वल 27 अप्रैल को जर्मनी के लिए रवाना हुए थे. वह सुबह 2 बजे अपने राजनयिक पासपोर्ट का उपयोग करके बेंगलुरु से बाहर निकले थे. वह कथित तौर पर इस समय जर्मनी के म्यूनिख में हैं.