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पोर्श दुर्घटना: नाबालिग के दादा और पिता को मिली जमानत, ड्राइवर के अपहरण का लगा है आरोप - Pune Porsche case

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By PTI

Published : Jul 2, 2024, 7:51 PM IST

Pune Accident Case: पुणे की एक जिला अदालत ने पोर्श कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग के पिता और दादा को परिवार के ड्राइवर के अपहरण और गलत तरीके से बंधक बनाने के मामले में जमानत दे दी. पुणे पुलिस ने मई में दादा को गिरफ्तार किया था. पाया गया कि उन्होंने ड्राइवर को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए बयान देने की धमकी दी थी.

Pune Accident Case
पोर्श दुर्घटना (ETV Bharat)

पुणे: पुणे की एक अदालत ने मंगलवार को पोर्श कार दुर्घटना में शामिल किशोर के पिता और दादा को जमानत दे दी. यह मामला मई में हुई घातक पोर्श कार दुर्घटना के बाद उनके परिवार के ड्राइवर को कथित रूप से अगवा कर बंधक बनाने से संबंधित है. न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) ने 17 वर्षीय लड़के के पिता विशाल अग्रवाल, जो एक प्रमुख बिल्डर हैं, और उनके दादा को जमानत दे दी, जिन्हें मई के अंत में गिरफ्तार किया गया था.

पुलिस के अनुसार, किशोर के पिता और दादा ने कथित तौर पर दुर्घटना के कुछ घंटों बाद 19 मई को रात 11 बजे पुलिस स्टेशन से निकलने के बाद अपने परिवार के ड्राइवर का अपहरण कर लिया. उसे गलत तरीके से अपने बंगले में बंधक बना लिया और उसे यह स्वीकार करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की कि दुर्घटना के समय वह, न कि किशोर, गाड़ी चला रहा था. 19 मई की सुबह पुणे के कल्याणी नगर इलाके में नशे की हालत में कथित तौर पर 17 वर्षीय लड़के द्वारा चलाई जा रही पोर्श कार ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी. बचाव पक्ष के वकील प्रशांत पाटिल ने बताया कि, उनके मुवक्किलों को कथित अपहरण और गलत तरीके से बंधक बनाए रखने के मामले में अदालत ने जमानत दे दी है.

पाटिल ने कहा, 'मेरे मुवक्किल जांच एजेंसी के साथ सहयोग करेंगे और अदालत की सख्त (जमानत) शर्तों का पालन करेंगे'. पिछले महीने, एक अदालत ने किशोर न्याय अधिनियम से संबंधित एक मामले में 21 मई को गिरफ्तार किए गए अग्रवाल को जमानत दे दी थी. बिल्डर पर अभिभावक के रूप में अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहने के लिए मोटर वाहन अधिनियम (MVA) और किशोर न्याय अधिनियम (JJA) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. 25 जून को, बॉम्बे हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि लड़के को एक अवलोकन गृह से रिहा किया जाए, यह कहते हुए कि उसे हिरासत में रखने का किशोर न्याय बोर्ड (JJB) का आदेश अवैध था.

पढ़ें: पोर्श दुर्घटना: नाबालिग के पिता और दादा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

पुणे: पुणे की एक अदालत ने मंगलवार को पोर्श कार दुर्घटना में शामिल किशोर के पिता और दादा को जमानत दे दी. यह मामला मई में हुई घातक पोर्श कार दुर्घटना के बाद उनके परिवार के ड्राइवर को कथित रूप से अगवा कर बंधक बनाने से संबंधित है. न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) ने 17 वर्षीय लड़के के पिता विशाल अग्रवाल, जो एक प्रमुख बिल्डर हैं, और उनके दादा को जमानत दे दी, जिन्हें मई के अंत में गिरफ्तार किया गया था.

पुलिस के अनुसार, किशोर के पिता और दादा ने कथित तौर पर दुर्घटना के कुछ घंटों बाद 19 मई को रात 11 बजे पुलिस स्टेशन से निकलने के बाद अपने परिवार के ड्राइवर का अपहरण कर लिया. उसे गलत तरीके से अपने बंगले में बंधक बना लिया और उसे यह स्वीकार करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की कि दुर्घटना के समय वह, न कि किशोर, गाड़ी चला रहा था. 19 मई की सुबह पुणे के कल्याणी नगर इलाके में नशे की हालत में कथित तौर पर 17 वर्षीय लड़के द्वारा चलाई जा रही पोर्श कार ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी. बचाव पक्ष के वकील प्रशांत पाटिल ने बताया कि, उनके मुवक्किलों को कथित अपहरण और गलत तरीके से बंधक बनाए रखने के मामले में अदालत ने जमानत दे दी है.

पाटिल ने कहा, 'मेरे मुवक्किल जांच एजेंसी के साथ सहयोग करेंगे और अदालत की सख्त (जमानत) शर्तों का पालन करेंगे'. पिछले महीने, एक अदालत ने किशोर न्याय अधिनियम से संबंधित एक मामले में 21 मई को गिरफ्तार किए गए अग्रवाल को जमानत दे दी थी. बिल्डर पर अभिभावक के रूप में अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहने के लिए मोटर वाहन अधिनियम (MVA) और किशोर न्याय अधिनियम (JJA) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. 25 जून को, बॉम्बे हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि लड़के को एक अवलोकन गृह से रिहा किया जाए, यह कहते हुए कि उसे हिरासत में रखने का किशोर न्याय बोर्ड (JJB) का आदेश अवैध था.

पढ़ें: पोर्श दुर्घटना: नाबालिग के पिता और दादा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

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