पटनाः 2024 लोकसभा चुनाव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद एक बार फिर से बीजेपी पर आक्रामक हो गए हैं. लालू प्रसाद यादव ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बीजेपी पर संविधान खत्म करने का आरोप लगाया. लालू प्रसाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के नेता जिस तरह से संविधान पर बोल रहे हैं उससे आशंका है कि ये लोग संविधान को बदल देंगे. उन्होंने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया है कि वे लोग संविधान को बदलने की बात कह रहे हैं.
भाजपा को दी चेतावनीः लालू प्रसाद यादव ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए भाजपा को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि संविधान की तरफ आंख उठाकर भी देखा तो इस देश के दलित, पिछड़ा और गरीब लोग मिलकर इनकी आंख निकाल लेंगे. बार-बार संविधान बदलने की बात करके क्या साबित करना चाहते हैं? हमारा संविधान बाबा साहब अंबेडकर ने लिखा है. किसी ऐरे गैरे बाबा ने नहीं. उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान बदलकर तानाशाह लाना चाहती है.
पहली बार भाजपा को टार्गेट नहीं कर रहे लालूः बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब लालू प्रसाद यादव भाजपा के खिलाफ अभियान छेड़ा है. इसबार लोकसभा चुनाव 2024 में संविधान को खत्म करने का आरोप लगा रहे हैं. इससे पहले 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में आरक्षण को मुद्दा बनाया था. राजनीतिक विशेषज्ञ का मानना है कि लालू प्रसाद यादव राजनीतिक महत्वकांक्षा के लिए इस तरह का मुद्दा उठाते रहते हैं ताकि चुनाव में भाजपा को हरा सके.
2015 में आरक्षण को बनाया था मुद्दाः राजनीतिक विशेषज्ञ रवि उपाध्याय का कहना है कि 2015 में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण की समीक्षा की बात कही थी. मोहन भागवत के बयान को लालू प्रसाद ने हथियार बना लिया था. इसका फायदा आरजेडी को मिला. बिहार में जेडीयू के साथ आरजेडी ने सरकार बना ली थी. इस बार लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के ठीक पहले लालू ने संविधान बदलने की कोशिश का भाजपा पर आरोप लगा दिया है.
राजनीतिक लाभ लेना चाह रहे लालू यादवः रवि उपाध्याय ने बताया कि लालू प्रसाद को लग रहा है कि संविधान का मुद्दा उठा कर बिहार में 2015 की तर्ज पर जतीय गोलबंदी हो सकती है. जिसका राजनीतिक लाभ इंडिया गठबंधन को हो सकता है. रवि उपाध्याय ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ऐसे ही बात को तोड़ मरोड़ कर पेश करते रहते हैं और जातियों के नाम पर चुनाव लड़ते रहे हैं. उनका कहना है कि कोई संविधान खतरे में नहीं है.
"लालू प्रसाद की राजनीति का इतिहास अगड़ा बनाम पिछड़ा रहा है. 2015 में मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा वाले बयान को लालू प्रसाद यादव ने किस तरीके से पेश किया था यह जनता देख चुकी है. फिर से लालू प्रसाद संविधान बचाने और लोकतंत्र को बचाने का मुद्दा उठाया है. देश में फिर से भ्रम की राजनीति करने का प्रयास किया जा रहा." -रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार
क्या संविधान को खत्म किया जा सकता है? इसपर रवि उपाध्याय ने बताया कि इन लोगों के पास वोट मांगने के लिए कोई मुद्दा नहीं है इसलिए लोकतंत्र को खतरा बताकर चुनाव जीतना चाह रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र किसी एक आदमी और पार्टी का नहीं है. यह पूरे देश और समाज का है. इसलिए संविधान और लोकतंत्र पर कोई खतरा नहीं है. इस तरह का बयान सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए दिया गया है.
पीएम मोदी ने क्या कहा? पीएम मोदी ने पूर्णिया में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष पिछले कई साल से संविधान को खत्म करने का आरोप लगा रहे हैं. विपक्ष कहती है कि बीजेपी आएगी को संविधान को बदल देगी. पीएम मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि संविधान को मोदी और भाजपा क्या खुद बाबा साहेब अंबेडकर भी नहीं बदल सकते हैं.
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