रायपुर: छत्तीसगढ़ के वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट सदन में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने शुक्रवार को पेश किया. इस बजट में 1,47500 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है. इस बजट में अमृत काल छत्तीसगढ़ को ज्यादा फोकस किया गया है. जिसके तहत छत्तीसगढ़ विजन 2047 को तैयार करने की बात कही है. जीडीपी की बात करें तो इसका भी लक्ष्य तैयार किया गया है. इसे अगले पांच साल में 10 लाख करोड़ रूपये तक पहुंचाने का टारगेट किया गया है. वित्त मंत्री ने इसे छत्तीसगढ़ का अमृत बजट करार दिया है
रेवन्यू सरप्लस बजट: इस बजट में कई कई अहम घोषणाएं की गई है. सामाजिक सुरक्षा, महतारी वंदन, शिक्षा, किसान, प्रशासनिक स्तर पर मजबूती, पीएम आवास योजना का दायरा बढ़ाने और छत्तीसगढ़ को महान छत्तीसगढ़ बनाने का रोडमैप इस बजट में पेश किया गया है. छत्तीसगढ़ का यह बजट रेवेन्यू सरप्लस वाला बजट है. इसमें कोई नया कर प्रस्ताव नहीं है. बजट में किसी भी प्रकार के करों में वृद्धि को लेकर कोई प्रावधान नहीं किया गया है."
बजट के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू: छत्तीसगढ़ का बजट पेश होन के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है. सीएम विष्णुदेव साय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बजट को बेहद संतुलित और ऐतिहासिक बजट करार दिया है. उन्होंने कहा कि इस बजट के केंद्र में चार पिलर हैं. जिसमें गरीब वर्ग, युवा, अन्नदाता और नारी पर फोकस किया गया है. उन्होंने दावा किया कि कुल मिलाकर यह बजट चहुमुखी विकास का बजट है
"यह हमारी सरकार का पहला बजट है. यह ऐतिहासिक बजट है. मैं इसके लिए वित्त मंत्री के साथ पूरे छत्तीसगढ़ के लोगों को बधाई देता हूं. हमारा फोकस चार क्षेत्रों में इस बजट के जरिए रहा. जिसमें गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शामिल हैं. युवाओं के साथ पिछली सरकार में जो धोखा हुआ उसकी हम सीबीआई जांच कराएंगे. इसके अलावा इस बजट में किसानों के लिए बेहतर प्रावधान किए गए हैं. नारी सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है. छत्तीसगढ़ का कोई भी वर्ग इस बजट में छूटा नहीं है. कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ के चहुमुखी विकास का यह बजट पेश किया गया है": विष्णुदेव साय, सीएम छत्तीसगढ़
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने क्या कहा: इस बजट पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि" छत्तीसगढ़ महतारी की जय, हम गढ़बो से पहले करबो पर ध्यान केंद्रित करेंगे, मातृशक्ति एवं नौनिहालों के विकास हेतु हमारी सरकार समर्पित है. हमने शिक्षा, स्वास्थ्य, युवा, किसान, महिला और विकास पर फोकस किया है"
विपक्ष ने साय सरकार के बजट को बताया ख्याली पुलाव: विपक्ष की ओर से साय सरकार के पहले बजट पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि यह बजट एक ख्याली पुलाव की तरह है. इसमें बजट के आकार को बढ़ाने का काम किया गया है. जो एक ख्याली पुलाव की तरह है. आय कैसे बढ़ेगा इसका कोई जिक्र नहीं है. एक कहावत है, “करे कोई भरे कोई”. यह कहावत आज के छत्तीसगढ़ के बजट पर लागू होती है. चुनाव में गारंटी देकर गए मोदी जी. अब मोदी जी की गारंटी का बोझ इतना है कि छत्तीसगढ़ जैसा छोटा राज्य सह नहीं पा रहा है.
"छत्तीसगढ़ बजट के प्रावधान गवाही दे रहे हैं कि मोदी की गारंटी भाजपा सरकार को भारी पड़ रही है.इसकी वजह से बेचारे वित्तमंत्री राज्य के लिए नया कुछ कर ही नहीं पाए.उन्होंने बजट का आकार तो बढ़ा लिया है और राजस्व आधिक्य की बात कर रहे हैं. ये ख़याली पुलाव की तरह ही दिखता है.राज्य में जारी कांग्रेस सरकार की योजनाओं को नया नाम देकर नई योजनाओं की तरह पेश करने की दुर्भाग्यजनक घोषणाएं की गई हैं. ठीक वैसा ही जैसा मोदी जी ने केंद्र में किया था.बहुत परिश्रम से हमने “नवा छत्तीसगढ़” गढ़ने का रास्ता बनाया था। भाजपा के बजट ने उसे बेपटरी कर दिया है और राज्य को फिर से उसी 15 साल वाले दुर्दिनों की ओर ले जाने की तैयारी कर ली है.भाजपा से इससे अधिक की उम्मीद करनी भी नहीं चाहिए." भूपेश बघेल, पूर्व सीएम
"ये बजट मोदी की चाटुकारिता है": नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने साय सरकार के बजट को मोदी की चाटुकारिता करने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि यह बजट खोखला है इससे उद्योगपतियों को पैसा कमाने का नया रास्ता खुलेगा. बीजेपी ने चुनाव के दौरान मोदी की 15 गारंटी दी थी उसे बजट में शामिल नहीं किया गया है.
"भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर आए वित्त मंत्री ओपी चौधरी से उम्मीद थी कि वह ऐसा बजट पेश करेंगे जिससे प्रदेश के विकास को नई दिशा मिलेगी. लच्छेदार शब्दों का जाल फैलाकर इस बजट में 10 स्तंभों को बताया गया है. यह सपना दिखाना पूरी तरीके से खोखला है. कुल मिलाकार इस बजट से निराशा हुई है. यह सिर्फ मोदी की चाटुकारिता करने वाला बजट है": चरण दास महंत, नेता प्रतिपक्ष
छत्तीसगढ़ के बजट में किसी भी तरह का कोई कर या सेस लगाने का प्रावधान नहीं किया गया है. जिससे जनता को राहत की उम्मीद जगी है. दूसरी ओर बजट को लेकर छत्तीसगढ़ के सर्वागीण विकास का दावा राज्य सरकार की ओर से किया गया है.