शिमला: शांत कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश के माहौल में इस समय संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण के कारण तनाव पसरा हुआ है. संजौली में मस्जिद की ऊपरी मंजिलों का अवैध निर्माण सामने आने के बाद यहां 11 सितंबर को हुए भारी विरोध प्रदर्शन के बाद से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है, लेकिन इसी बीच बुधवार 25 सितंबर को यहां दिल्ली से शोएब जमई के आने के बाद शांत हो रहे माहौल में फिर से तनाव पसर गया. अलबत्ता शोएब जमई के संजौली मस्जिद वाले वीडियो के वायरल होने के बाद जिस तरह से प्रतिक्रियाएं आने लगीं, उससे मुस्लिम समुदाय के जिम्मेदार लोग एकदम मीडिया के सामने आए और स्थितियां स्पष्ट कीं.
संजौली मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान मोहम्मद लतीफ, संजौली मस्जिद के इमाम व मुफ्ती मोहम्मद शफी कासमी ने मीडिया के सामने आकर शोएब जमई की हरकतों से पल्ला झाड़ लिया. साथ ही शोएब जमई को भाजपा की बी टीम बताते हुए कहा कि ऐसे लोगों को हिमाचल का माहौल बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी. वहीं, इस मामले में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह की प्रतिक्रिया भी आई है. साथ ही हिंदू संगठनों की तरफ से संजौली पुलिस में शोएब जमई के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई गई है.
शिमला की #संजौली मस्जिद के आसपास जितनी भी बिल्डिंग है सब के ऊपर अवैध निर्माण हुआ है। उन सब की हाइट मस्जिद की हाइट से ज्यादा है। शिमला नगर निगम ने खुद 7000 अवैध निर्माण चिन्हित किया था। क्या सब पर बुलडोजर चलेगा या सिर्फ मस्जिद को निशाना बनाया गया। इस वीडियो में लाइव सबूत है।… pic.twitter.com/bkjGuSD0rJ
— Dr. Shoaib Jamai (@shoaibJamei) September 24, 2024
वहीं, शोएब जमई के शिमला पहुंचने से पुलिस प्रशासन पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है. शोएब जमई मीडिया डिबेट में दिखने वाला जाना-पहचाना चेहरा है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब संजौली में मस्जिद तक पहुंचने के तीनों रास्तों पर सशस्त्र पुलिस बल तैनात है तो उसे वहां तक जाने से किसी ने रोका क्यों नहीं? अब मस्जिद के इमाम शहजाद बता रहे हैं कि वे शोएब को जानते नहीं हैं. बुधवार को वे बारह बजे के बाद आए और मस्जिद में नमाज पढ़ी. हालांकि, वीडियो में शोएब जमई अंत में इमाम शहजाद के साथ हाथ मिलाता नजर आ रहा है और कह रहा है कि वे अकेले ही संघर्ष कर रहे हैं. साथ ही ये भी कह रहा है कि काबिल वकीलों की मदद से हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की जाएगी.
शोएब जमई के वीडियो में वो दिखा रहा है कि आसपास मस्जिद से भी ऊंची इमारतें हैं, लेकिन उसे ये मालूम नहीं कि सभी इमारतों के नक्शे पास हैं. वहीं, मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान मोहम्मद लतीफ खुद ये बता रहे हैं कि बाहर से आने वालों को यहां के बारे में जानकारी नहीं है. लतीफ ने कहा कि मस्जिद कमेटी व स्थानीय मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि खुद निगम कमिश्नर के पास पहुंच कर ये आग्रह कर चुके हैं कि यदि इजाजत मिले तो वे ऊपर की अवैध मंजिलों को हटाने के लिए तैयार हैं. ऐसे में सवाल यही है कि आखिरकार शोएब जमई को यहां संजौली में आने की क्या जरूरत थी? यदि आए भी तो वीडियोग्राफी क्यों की? फिर वीडियो में भड़काने वाली बातें कर रहे हैं कि मस्जिद को शहीद नहीं होने दिया जाएगा? ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये हिमाचल के माहौल को बिगाड़ने की साजिश तो नहीं?
वहीं, राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखा है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि शोएब जमई यहां आकर हिमाचल का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. ये मामला अदालत में है और ऐसे में मस्जिद में जाकर वीडियो बनाना और सनसनी फैलाना ठीक नहीं है. इस पर कार्रवाई होनी चाहिए. कोर्ट इस पर फैसला लेगा. वहीं, इस मुद्दे पर सोशल मीडिया में भी तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि शोएब जमई को दिल्ली से यहां आने की क्या जरूरत थी.
फिलहाल, मुस्लिम प्रतिनिधियों ने कहा है कि यदि कोई पुलिस में शोएब जमई की तरफ से माहौल बिगाड़ने को लेकर कोई शिकायत दर्ज करवाता है तो वे उसके साथ हैं. वहीं, संजौली पुलिस के पास हिंदू संगठन की तरफ से मदन ठाकुर ने शिकायत दाखिल की है. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि उचित कार्रवाई की जाएगी.