नई दिल्ली: भाजपा शासित राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर विपक्ष लगातार हमले बोल रहा है. अब बिहार में वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या के बाद कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल भाजपा और एनडीए के सहयोगियों पर हमलावर हो गए हैं. वहीं, भाजपा का कहना है कि एक-दो घटनाओं को छोड़ दें तो बिहार में पहले की कानून व्यवस्था और आज की कानून व्यवस्था में जमीन आसमान का अंतर है. मगर कांग्रेस इसे राजनीतिक रंग दे रही.
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम का कहना है कि मुकेश सहनी के पिता की हत्या दुखद घटना है, लेकिन वहां सरकार और कानून सक्षम है. कारणों का पता लगाया जायेगा और दोषियों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि भाजपा गुंडों को संरक्षण देने वाली पार्टी नहीं है.
राहुल गांधी के आरोपों पर भाजपा महासचिव ने कहा कि राहुल गांधी को तमिलनाडु में दलितों की हत्या पर भी जवाब देना चाहिए. तमिलनाडु में नकली शराब से लोगों की मौतों पर भी विपक्षी दलों को जवाब देना चाहिए.
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में सेना के जवानों की शहादत के बाद सरकार को लेकर विपक्षी दलों की टिप्पणियों पर भाजपा नेता दुष्यंत गौतम ने कह कि आतंकियों को सीमा पार से शह मिल रही है. कश्मीर अब मुख्य धारा से जुड़ रहा. आज वहां के बच्चों के हाथ में लैपटॉप है. पहले जिनके हाथ में पत्थर हुआ करते थे. इससे पड़ोसी देश पाकिस्तान परेशान है. जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने हैं इसलिए इस तरह की घटनाओं को पहले भी अंजाम दिया गया. जिसका जवाब सेना और पुलिस के साथ वहां की जनता ने भी दिया था. ताजा आतंकी घटनाओं का भी जवाब दिया जाएगा.
इस सवाल पर कि एक बार फिर संसद का सत्र शुरू हो रहा है और विपक्ष इन आतंकी हमलों और भाजपा शासित राज्यों में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाएगा, क्या सरकार विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि सरकार सभी बातों का जवाब देगी, मगर विपक्ष सदन में आकर सवाल करे संसदीय मर्यादा के तहत न कि हंगामा करके.
वहीं, भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या पर दुख प्रकट किया. उन्होंने कहा कि यह दुखद घटना है. दुख की इस घड़ी में पूरा बिहार मुकेश सहनी के साथ है. उन्होंने कहा कि मामले में एसआईटी का गठन किया गया है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. हुसैन ने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे कम से कम इस मामले में राजनीति न करें.
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