श्रीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों ने लंबे समय से टल रहे चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं. खबर है कि, घाटी में चुनाव की तैयारियों को लेकर सबसे पहले सज्जाद लोन की अगुआई वाली पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने पिछले सप्ताह विधानसभा चुनावों की रूपरेखा तैयार करने के लिए अपनी कोर ग्रुप मीटिंग की है. इसके बाद कांग्रेस ने नई दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में एक बैठक की, जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने की.
जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद होंगे विधानसभा चुनाव
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने भी कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के लिए बैठक की. कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जी एन मोंगा ने कहा कि दिल्ली में हुई बैठक का उद्देश्य जम्मू और उधमपुर सीटों पर लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा करना था. मोंगा ने कहा, 'हमने आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली की बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर नेतृत्व ने श्रीनगर के बाहरी इलाके खोनमोह में एक जनसभा की.' इस रैली में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विकार रसूल, कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर मामलों के प्रभारी भरतसिंह सोलंकी और लाल सिंह समेत अन्य नेता शामिल हुए.
जम्मू कश्मीर में सियासी हलचल तेज
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता ने कहा कि लोन ने पार्टी के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और भविष्य की रणनीति तय करने के लिए बैठक की अध्यक्षता की। प्रवक्ता ने कहा, "नेताओं ने पार्टी की स्थिति को मजबूत करने और जम्मू-कश्मीर के लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर चर्चा की. अध्यक्ष ने सम्मान और विकास के सिद्धांतों के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराई और लोगों के कल्याण और प्रगति को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया.
पीडीपी ने चुनावी रणनीति पर चर्चा की
वहीं, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता में संसदीय चुनावों में मिली करारी हार के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपनी पहली राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक की. इस विषय पर मीडिया को जानकारी देते हुए पीडीपी प्रवक्ता ने कहा कि, बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया और मौजूदा राजनीतिक माहौल को संबोधित करने और पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रमुख मुद्दों और रणनीतियों पर चर्चा हुई.
लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा
बैठक में शामिल हुए पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने लोकसभा चुनावों के दौरान चिह्नित की गई ताकत और कमजोरियों का आकलन किया. नेता ने ईटीवी भारत को बताया कि, पार्टी नेतृत्व ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी करने को कहा है, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार सितंबर में होने की संभावना है. हाल ही में हुए संसदीय चुनावों में पीडीपी को श्रीनगर और अनंतनाग-राजौरी सीटों पर अपने प्रतिद्वंद्वी नेशनल कॉन्फ्रेंस से करारी हार का सामना करना पड़ा. महबूबा मुफ्ती को नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ गुज्जर नेता मियां अल्ताफ ने हराया, जबकि पीडीपी के युवा अध्यक्ष वहीद पारा को श्रीनगर से आगा रूहुल्लाह मेहदी ने चुनावी पटखनी दी. वहीं बारामूला उम्मीदवार फैयाज मीर की जमानत जब्त हो गई.
इंजीनियर राशिद से हार को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस में मंथन
वहीं, इंजीनियर राशिद ने हाल के आम चुनाव में बारामूला से जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को हराया था. जिसको लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बारामूला में अपने उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला की जेल में बंद इंजीनियर राशिद के खिलाफ हार के बाद कई बैठकें कीं. एक वरिष्ठ एनसी नेता ने कहा कि पार्टी ने संभावित विधानसभा चुनावों के बारे में अभी तक कोई बैठक नहीं की है। नेता ने कहा कि आने वाले दिनों में पार्टी नेतृत्व चुनावों की तैयारी के लिए नेताओं और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करेगा.
जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होंगे
जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव दिसंबर 2014 में हुआ था, जिसके बाद पीडीपी और भाजपा ने गठबंधन सरकार बनाई थी. हालांकि सरकार तीन साल से ज़्यादा समय तक चली, जिसके बाद 19 जून 2018 को बीजेपी ने महबूबा मुफ़्ती से समर्थन वापस ले लिया. अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद, जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है और प्रशासन एलजी और उनके सलाहकार द्वारा चलाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग दिवस पर श्रीनगर दौरे पर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का वादा किया था. हालांकि पीएम ने कोई खास समय सीमा नहीं बताई. सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के अपने फैसले में बीजेपी सरकार को इस साल 30 सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव कराने का सुझाव दिया था. भारत के चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी को मतदाता सूची में संशोधन करने और विधानसभा चुनाव के लिए गतिविधियाँ संचालित करने के लिए भी कहा है.
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2023 को चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वो हर हाल में सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव करा ले. लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान के समय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इसको लेकर घोषणा भी कर दी थी.
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