देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान मंदिरों में रील्स बनाने वालों पर कई धाराओं में मुकदमे दर्ज हो सकते हैं. पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने इस संदर्भ में सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी करते हुए ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई के लिए कहा है. हालांकि पहले ही सरकार मंदिर परिसर से 50 मीटर के दायरे तक रील्स और वीडियोग्राफी पर पूरी तरह से बैन लगाने का फैसला ले चुकी है.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार के सख्त रवैया अपनाने के बाद पुलिस विभाग भी सख्ती के मूड में आ गया है. इस कड़ी में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी करते हुए मामले पर सख्ती बरतने के लिए कहा है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि चारधाम में मंदिर परिसर क्षेत्र के लिए राज्य सरकार ने 50 मीटर तक वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध लगाया है. लिहाजा इसके लिए पुलिस विभाग आदेशों का पालन करवाएं. पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने कहा है कि उत्तराखंड पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 21 के तहत मंदिर परिसर में वीडियोग्राफी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
ऐसे लोगों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस अधिनियम की धारा 81 के तहत उन्हें उपद्रव करने वाला माना जाएगा और इस धारा में की जाने वाली कार्रवाई धारा 296 भारतीय दंड विधान के तहत की जा सकती है. इसके अलावा यदि किसी मामले में जानबूझकर दुर्भावना पूर्ण तरीके से भारत के नागरिकों या एक वर्ग विशेष की धार्मिक मान्यताओं का अपमान किया जाता है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड विधान धारा 295 एक के तहत अपराध पंजीकृत हो सकता है. इसके अलावा धर्म या जाति या स्थान के साथ ही भाषा और समुदाय के आधार पर वीडियो बनाने वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 के अंतर्गत अपराध पंजीकृत किया जा सकता है.
उधर दूसरी तरफ पुलिस महानिदेशक ने सोशल मीडिया के माध्यम से चारधाम यात्रा से जुड़े स्थलों के बारे में गलत और भ्रामक सूचनाओं फैलाने वालों के खिलाफ भी मॉनिटरिंग व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए कहा है, ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते कई जगहों पर अव्यवस्था भी देखने को मिली है और इसलिए पुलिस को सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग करने के लिए कहा गया है.
जानिए क्या बोले यात्री: भले ही शासन ने केदारनाथ मंदिर से पचास मीटर की दूरी तक रील्स बनाना प्रतिबंधित कर दिया है. वहीं यात्रियों का कहना है कि अंदर की फोटो खींचना मना है, लेकिन बाहर फोटो खींचना मना नहीं होना चाहिए, मंदिर अच्छा बना है, इसलिए फोटो खींच रहे हैं. वहीं दूसरी ओर धाम में मिल रही व्यवस्थाओं से भी यात्री खुश नजर आए.
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