विशाखापट्टनम: भारत की दूसरी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात बनकर तैयार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत जल्द इसे भारतीय नौसेना को सौंप सकते हैं. देश की पहली पूर्ण परमाणु क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल लैस पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत है. आईएनएस अरिहंत की तरह ही आईएनएस अरिघात का निर्माण भी दिसंबर 2011 में पूर्वी नौसेना बेस विशाखापट्टनम नौसेना डॉकयार्ड के शिप बिल्डिंग सेंटर में किया गया था.
निर्माण के पहले चरण के बाद 19 नवंबर 2017 को इसे लॉन्च किया गया. इसके बाद आंतरिक के उपकरणों को दुरुस्त करने, रडार सिस्टम को आधुनिक तकनीक और हथियार मुहैया कराने जैसे सभी प्रमुख फीचर्स जोड़े गए हैं. आईएनएस अरिघात के समुद्री परीक्षणों की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी की गई है.
इस साल आम चुनाव के बाद रक्षा मंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले राजनाथ सिंह ने विशाखापट्टनम नौसेना बेस का दौरा किया था. उस समय नौसेना अधिकारियों द्वारा उन्हें 'आईएनएस अरिघात' की जानकारी दी गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में या सितंबर के पहले सप्ताह में इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे. आईएनएस अरिघात के लॉन्च की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 29 अगस्त गुरुवार को विशाखापट्टनम आएंगे.
आईएनएस अरिघात की विशेषताएं
आईएनएस अरिघात की लंबाई 111.6 मीटर, चौड़ाई 11 मीटर और ऊंचाई 9.5 मीटर है. यह समुद्र की सतह पर 12 से 15 समुद्री मील प्रति घंटा (22 से 28 किलोमीटर) की रफ्तार पर विचरण कर सकती है और समुद्र के अंदर इसकी गति 24 समुद्री मील प्रति घंटा है. आईएनएस अरिघात 750 किलोमीटर की रेंज वाली के-15 मिसाइलों से लैस होगी. इसका वजन 6 हजार टन है. आईएनएस अरिघात समुद्र के भीतर मिसाइल हमला करने में सक्षम है. इसके अलावा सोनार संचार प्रणाली, समुद्री मिसाइलें और विकिरण रोधी सुरक्षा व्यवस्था से लैस है.
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