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इस सरकारी योजना से जुड़ें, रोजाना 500 रुपये मिलेंगे, जानें कैसे करें आवेदन - PM VISHWAKARMA YOJANA

PM Vishwakarma Yojana: बड़ी संख्या में लोग पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ उठा रहे हैं. पात्र कारीगर और शिल्पकार इससे जुड़कर लाभान्वित हो सकते हैं.

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इस सरकारी योजना से जुड़ें, रोजाना 500 रुपये मिलेंगे, जानें कैसे करें आवेदन (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

हैदराबाद: केंद्र सरकार की पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों और शिल्पकारों के लिए शुरू की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2023 को इस योजना का शुभारंभ किया था. पीएम विश्वकर्मा योजना को हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों की शुरू से अंत तक सहायता करना है.

इस योजना में 18 पारंपरिक व्यवसायों के कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है, जैसे बढ़ई, नाव निर्माता, कवच निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाले, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाले), पत्थर तोड़ने वाला, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता, खिलौना निर्माता (पारंपरिक), धोबी, दर्जी, फिशिंग नेट निर्माता आदि शामिल हैं.

पीएम विश्वकर्मा योजना के जरिये सरकार प्रशिक्षण देने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी करती है. बड़ी संख्या में कारीगर और शिल्पकार इस योजना से जुड़कर इसका लाभ उठा रहे हैं. इस योजना से जुड़ने वालों को 500 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं.

कारीगर
कारीगर (File Photo)

कैसे करें आवेदन
इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र कारीगर और शिल्पकार पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. आधार-आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन कॉमन सर्विस सेंटरों के जरिये किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन के बाद तीन लेवल का सत्यापन होगा, जिसमें ग्राम पंचायत/यूएलबी स्तर पर सत्यापन, जिला कार्यान्वयन समिति द्वारा जांच व सिफारिश और स्क्रीनिंग समिति द्वारा अनुमोदन शामिल है.

कारीगर-शिल्पकार को मिलने वाले लाभ
इंडिया.गव.इन पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, योजना से जुड़ने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड देकर मान्यता दी जाती है. 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिन या उससे अधिक का उन्नत प्रशिक्षण. प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन 500 रुपये स्टाइपेंड मिलता है.

बुनियादी कौशल प्रशिक्षण की शुरुआत में ई-वाउचर के रूप में 15,000 रुपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन दिया जाता है.

तीन लाख रुपये की ऋण सहायता
प्रशिक्षण देने के बाद सरकार खुद का व्यवसाय खड़ा करने के लिए ऋण सहायता भी प्रदान कर रही है. 18 महीने और 30 महीने की अवधि के साथ क्रमशः 1 लाख रुपये और 2 लाख रुपये की दो किस्तों में 3 लाख रुपये तक का कोलैटरल फ्री 'उद्यम विकास ऋण' दिया जाता है, जिस पर 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर है. ऋण राशि पर भारत सरकार द्वारा 8 प्रतिशत तक अनुदान भी दिया जाता है.

कारीगर
कारीगर (File Photo)

उद्यम विकास ऋण के लिए पात्र लोग

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने वाले कारीगर एक लाख रुपये तक की ऋण सहायता की पहली किश्त के लिए पात्र होंगे. दूसरी ऋण किश्त उन लाभार्थियों को मिलेगी, जिन्होंने पहली किश्त प्राप्त की है और एक मानक ऋण खाता बनाए रखा है और अपने व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन को अपनाया है या उन्नत प्रशिक्षण लिया है.

विपणन सहायता
कारीगरों और शिल्पकारों को गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, GeM जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर पहुंच मिलती है. इसके अलावा इस योजना के तहत लाभार्थियों को औपचारिक एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र में 'उद्यमी' के रूप में उद्यम सहायता प्लेटफॉर्म पर पहुंच प्रदान की जाती है.

यह भी पढ़ें- सजावटी मछली पालन क्षेत्र में संभावनाएं, एक्सपर्ट्स ने प्रोत्साहन और प्रशिक्षण पर दिया जोर

हैदराबाद: केंद्र सरकार की पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों और शिल्पकारों के लिए शुरू की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2023 को इस योजना का शुभारंभ किया था. पीएम विश्वकर्मा योजना को हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों की शुरू से अंत तक सहायता करना है.

इस योजना में 18 पारंपरिक व्यवसायों के कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है, जैसे बढ़ई, नाव निर्माता, कवच निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाले, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाले), पत्थर तोड़ने वाला, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता, खिलौना निर्माता (पारंपरिक), धोबी, दर्जी, फिशिंग नेट निर्माता आदि शामिल हैं.

पीएम विश्वकर्मा योजना के जरिये सरकार प्रशिक्षण देने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी करती है. बड़ी संख्या में कारीगर और शिल्पकार इस योजना से जुड़कर इसका लाभ उठा रहे हैं. इस योजना से जुड़ने वालों को 500 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं.

कारीगर
कारीगर (File Photo)

कैसे करें आवेदन
इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र कारीगर और शिल्पकार पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. आधार-आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन कॉमन सर्विस सेंटरों के जरिये किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन के बाद तीन लेवल का सत्यापन होगा, जिसमें ग्राम पंचायत/यूएलबी स्तर पर सत्यापन, जिला कार्यान्वयन समिति द्वारा जांच व सिफारिश और स्क्रीनिंग समिति द्वारा अनुमोदन शामिल है.

कारीगर-शिल्पकार को मिलने वाले लाभ
इंडिया.गव.इन पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, योजना से जुड़ने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड देकर मान्यता दी जाती है. 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिन या उससे अधिक का उन्नत प्रशिक्षण. प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन 500 रुपये स्टाइपेंड मिलता है.

बुनियादी कौशल प्रशिक्षण की शुरुआत में ई-वाउचर के रूप में 15,000 रुपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन दिया जाता है.

तीन लाख रुपये की ऋण सहायता
प्रशिक्षण देने के बाद सरकार खुद का व्यवसाय खड़ा करने के लिए ऋण सहायता भी प्रदान कर रही है. 18 महीने और 30 महीने की अवधि के साथ क्रमशः 1 लाख रुपये और 2 लाख रुपये की दो किस्तों में 3 लाख रुपये तक का कोलैटरल फ्री 'उद्यम विकास ऋण' दिया जाता है, जिस पर 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर है. ऋण राशि पर भारत सरकार द्वारा 8 प्रतिशत तक अनुदान भी दिया जाता है.

कारीगर
कारीगर (File Photo)

उद्यम विकास ऋण के लिए पात्र लोग

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने वाले कारीगर एक लाख रुपये तक की ऋण सहायता की पहली किश्त के लिए पात्र होंगे. दूसरी ऋण किश्त उन लाभार्थियों को मिलेगी, जिन्होंने पहली किश्त प्राप्त की है और एक मानक ऋण खाता बनाए रखा है और अपने व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन को अपनाया है या उन्नत प्रशिक्षण लिया है.

विपणन सहायता
कारीगरों और शिल्पकारों को गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, GeM जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर पहुंच मिलती है. इसके अलावा इस योजना के तहत लाभार्थियों को औपचारिक एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र में 'उद्यमी' के रूप में उद्यम सहायता प्लेटफॉर्म पर पहुंच प्रदान की जाती है.

यह भी पढ़ें- सजावटी मछली पालन क्षेत्र में संभावनाएं, एक्सपर्ट्स ने प्रोत्साहन और प्रशिक्षण पर दिया जोर

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