नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए दावा किया कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान 421 बार मंदिर-मस्जिद और विभाजनकारी मुद्दों पर बात की, जबकि चुनाव आयोग ने जाति और धर्म के आधार पर वोट की अपील नहीं करने का निर्देश दिया है. लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण के लिए प्रचार के आखिरी दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि मोदी ने पिछले 15 दिनों के अपने भाषणों में कांग्रेस का नाम 232 बार लिया, जबकि खुद का नाम 758 बार लिया.
खड़गे ने कहा कि उन्होंने एक बार भी बेरोजगारी के बारे में बात नहीं की. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाएगा और यह देश को एक समावेशी, राष्ट्रवादी सरकार देगा. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'हमें विश्वास है कि लोग 4 जून को एक वैकल्पिक सरकार के लिए जनादेश देंगे.' उन्होंने कहा, 'लोगों ने हमारे इस विचार का समर्थन किया है कि यदि इस सरकार को एक और मौका मिला तो यह लोकतंत्र का अंत होगा.'
खड़गे ने कहा कि कांग्रेस हमेशा जनता की समस्याओं को ध्यान में रखकर काम करती है. उन्होंने कहा कि जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी चेयरपर्सन थीं, तब हम गरीबों के लिए ऐसी योजनाएं लेकर आए, जिनसे गरीबों का फायदा हुआ. लेकिन नरेंद्र मोदी ने बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग जैसे मुद्दों को बढ़ावा दिया. हमने इन्हीं मुद्दों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जिसमें जनता का पूरा समर्थन मिला. इसलिए मैं अपने सभी साथियों को बधाई देता हूं, जो निडर होकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए खड़े हैं.
खड़गे ने प्रधानमंत्री पर एक साक्षात्कार में की गई उनकी टिप्पणी के लिए भी निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी के बारे में वैश्विक जागरूकता रिचर्ड एटनबरो की फिल्म के बाद आई. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उन्होंने गांधी के बारे में अध्ययन नहीं किया हो, लेकिन महात्मा को दुनिया भर में जाना जाता है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि महात्मा गांधी अहिंसा पर विश्वास करते थे, उन्होंने कभी किसी से नफरत नहीं की. लेकिन नरेंद्र मोदी सिर्फ नफरत की बातें करते हैं, उनकी हर बात में नफरत झलकती है.
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