पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 और 13 मई को दो दिवसीय बिहार दौरे पर हैं. यह दौरा राजनीतिक रूप से खास है तो वहीं, व्यक्तिगत रूप से भी खास है. व्यक्तिगत रूप से इसलिए क्योंकि नरेंद्र मोदी इस दौर में पूरी तरह से आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर फोकस करने वाले हैं. उनके दौरे का जो ताना-बाना बुना गया है, वह लालू यादव के इर्द-गिर्द ही घूमता है.
पटना साहिब में रोड शो : बिहार के राजनीतिक इतिहास में नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे जो पटना में रोड शो कर रहे हैं. इससे पहले देश के किसी प्रधानमंत्री ने पटना में रोड शो नहीं किया था. 12 मई को प्रधानमंत्री पटना में रोड शो करेंगे. हालांकि ये रोड शो पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में होगा, लेकिन इसका प्रभाव मगध पर साफ तौर पर देखने को मिलेगा. मगध क्षेत्र में जहानाबाद और पाटलिपुत्र का चुनाव होना बाकी है. ऐसे में प्रधानमंत्री पटना साहिब समेत इन दोनों सीटों को अपने रोड शो के माध्यम से प्रभावित करेंगे.
पाटलीपुत्र में भी पड़ेगा प्रभाव : अब इस रोड शो के मायने को समझिये. भले प्रधानमंत्री पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में यह रोड शो कर रहे हों, लेकिन कुछ ही दूरी पर पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र भी शुरू होता है और ऐसे में वहां से लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती चुनाव लड़ रही हैं. यह रोड शो इस पूरे क्षेत्र को प्रभावित करेगा. चुंकी पटना शहर का आधा हिस्सा पटना साहिब में है और आधा हिस्सा पाटलिपुत्र इलाके में है तो ऐसे में प्रधानमंत्री का यह रोड शो लालू यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के लिए खास होगा.
रोहणी आचार्य के खिलाफ पीएम की सभा : 13 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाजीपुर, मुजफ्फरपुर और छपरा में जनसभा को संबोधित करेंगे. इस दिन भी नरेंद्र मोदी लालू यादव को टार्गेट करेंगे. वजह साफ है कि छपरा से लालू यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव लड़ रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक रोहिणी आचार्य ने अपने चुनाव प्रचार के माध्यम से छपरा लोकसभा क्षेत्र में गहरी पैठ बना ली है. ऐसे में उनकी मजबूत दावेदारी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनसभा करना पड़ रहा है.
'अप्रत्यक्ष रूप से मैदान में लालू' : हालांकि माना यह भी जा रहा है कि रोहिणी आचार्य के बहाने लालू यादव अपनी राजनीतिक सर्वाइवल की लड़ाई लड़ रहे हैं. लोग ये भी कहते हैं कि ये रोहणी आचार्य चुनाव नहीं लड़ रही हैं ये चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से लालू यादव लड़ रहे हैं. तभी तो अस्वस्थ रहने के बाद भी नामांकन में पहुंचे. वहां डेरा डाला. ऐसे में पीएम मोदी का जनसभा उन्हें प्रभावित कर सकता है.
भाजपा खेमें भी भय है! : वरिष्ठ पत्रकार और सुनील पाण्डेय बताते हैं कि इस चुनाव में दोनों तरफ से कमर कसी गई है. यह समझना होगा कि नरेंद्र मोदी जिस मिजाज के हैं वह हमेशा चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहते हैं. वह हर हाल में चुनाव जीतना चाहते हैं. जिस ढंग से वोटिंग का प्रतिशत घटा है, बीजेपी नेताओं को संकेत मिल रहा है कि यह मोदी हित में नहीं जा रहा है. इसको ध्यान में रखते हुए नरेंद्र मोदी को रात में कैंप करना पड़ रहा है.
''बिहार पीएम मोदी लिए एक बड़ा कंसर्न है. हिंदी पट्टी का इलाका होने के कारण यहां से पिछली बार 39 सीट जीते थे. इस बार उन्हें इस बात का भय है. इस भय को दूर करने के लिए नरेंद्र मोदी अपना सबकुछ दांव पर लगा रहे हैं. देखिए, मैंने पहले भी कहा है कि लालू यादव इस चुनाव को निजी रूप से लड़ रहे हैं. बेटा-बेटी के राजनीतिक भविष्य को मजबूत और सुरक्षित करना चाहते हैं, यह उनकी अंतिम कोशिश है. इससे इंकार नहीं किया जा सकता है. नरेंद्र मोदी का आना इस धार को कुंद करने के संकेत हैं.''- सुनील पाण्डेय, वरिष्ठ पत्रकार
अपने 'हनुमान' के लिए भी मांगेंगे वोट : 13 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिराग पासवान के पक्ष में हाजीपुर में चुनावी सभा करेंगे. पीएम मोदी का चिराग प्रेम किसी से छिपा नही हैं. चिराग भी खुद को नरेन्द्र मोदी का 'हनुमान' कहते हैं. ऐसे में पीएम भी उनके लिए जी जान लगा देना चाहते हैं. इसके अलावा पीएम पिछली बार भाजपा से सांसद रहे और इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी बने अजय निषाद के खिलाफ मुजफ्फरपुर में हुंकार भरेंगे.
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