नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह लाओस के लिए रवाना हो गए. अपनी दो दिवसीय लाओस यात्रा के दौरान वह 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. एशिया शिखर सम्मेलन भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को लेकर एक महत्वपूर्ण मंच है. प्रधानमंत्री आसियान देशों की सरकारों के अन्य राष्ट्राध्यक्षों के साथ भारत और आसियान के बीच संबंधों की प्रगति की समीक्षा करेंगे और संबंधों की भविष्य की दिशा तय करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी अपने लाओस पीएम सोनेक्से सिपांडोने के निमंत्रण पर वियनतियाने का दौरा कर रहे हैं. पीएम मोदी ने एक बयान में कहा कि इस वर्ष हम अपनी एक्ट ईस्ट नीति का एक दशक पूरा कर रहे हैं. भारत आसियान नेताओं के साथ मिलकर हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा करेगा. साथ ही आगे की रणनीति किए जाएंगे.
#WATCH | Delhi | PM Narendra Modi embarks on a two-day visit to Laos to attend the 21st ASEAN-India and the 19th East Asia Summits
— ANI (@ANI) October 10, 2024
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प्रधानमंत्री का कहना है कि पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को लेकर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करता है. इस सम्मेलन में लाओ पीडीआर सहित इस क्षेत्र के साथ घनिष्ठ सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध साझा किया जाता है. लाओ पीडीआर बौद्ध धर्म और रामायण की साझा विरासत से समृद्ध है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए लाओस के नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस यात्रा से आसियान देशों के साथ संबंध और मजबूत होंगे. एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, '21वें आसियान-भारत और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए लाओ पीडीआर के लिए रवाना हो रहा हूं. यह एक विशेष वर्ष है क्योंकि हम अपनी एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक पूरे कर रहे हैं. इससे हमारे राष्ट्र को काफी लाभ हुआ है. इस यात्रा के दौरान विभिन्न विश्व नेताओं के साथ विभिन्न द्विपक्षीय बैठकें और बातचीत भी होगी.'
एक्स पर एक पोस्ट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी कहा, 'भारत की एक्ट ईस्ट नीति एक दशक पुरानी प्रतिबद्धता मजबूत हो रही है! पीएम नरेंद्र मोदी 21वें आसियान-भारत और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए लाओ पीडीआर की 2 दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए.'
बता दें कि पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन 10 आसियान देश भाग लेंगे. इसमें प्रमुख रूप से ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, कोरिया गणराज्य, न्यूजीलैंड, रूस और अमेरिका शामिल हैं. तिमोर-लेस्ते पर्यवेक्षक के रूप में भागीदार होगा.