द्वारका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 978.93 करोड़ रुपये की लागत से बने पुल का उद्घाटन किया. इससे पहले उन्होंने बेयट द्वारका मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना की. सुदर्शन सेतु का उपयोग नाव द्वारा पारंपरिक मार्ग के बजाय ओखा और बेट द्वारका के बीच किया जाएगा जिसका उपयोग तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों द्वारा किया जाता है.
सुदर्शन सेतु की विशेषताएं: वर्तमान में ओखा से बेटद्वारका तक नौका से जाना पड़ता है. ओखा को बेटद्वारका से जोड़ने वाला सुदर्शन सेतु किसी इंजीनियरिंग चमत्कार से कम नहीं है.
- ओखा और बेट द्वारका को जोड़ने वाला फोरलेन सिग्नेचर ब्रिज जो 900 मीटर लंबे सेंट्रल केबल मॉड्यूल पर बनाया गया है.
- ओखा और बेट द्वारका के दोनों ओर 2452 मीटर लंबी एप्रोच रोड बनाई जाएगी. पुल की कुल लंबाई 2320 मीटर है.
- पुल के मुख्य स्पान की लंबाई 500 मीटर है. पुल के मुख्य हिस्से में 130 मीटर ऊंचे दो तोरण हैं. नाव से यात्रा करने में जो लगभग 30 से 40 मिनट लगते थे, अब उससे काफी कम समय लगेगा.
- पैदल चलने वालों के लिए एक देखने वाली गैलरी भी उपलब्ध कराई गई है. पर्यटक उस स्थान से बेटद्वारका और समुद्र के सुंदर दृश्य का आनंद ले सकते हैं. पुल पर वाहनों के अलावा बैटरी संचालक पैदल, साइकिल, गोल्फ कार्ट से भी गुजर सकेंगे.
- इसके अलावा रात के समय पुल पर सजावटी रोशनी की व्यवस्था की गई है. जो पुल की खूबसूरती में चार चांद लगा देगा. ऐसे में यह सिग्नेचर ब्रिज पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा.
- पैदल यात्रियों के लिए भगवद गीता के श्लोकों और तीर्थयात्रियों के लिए नक्काशी का आनंद लेने की भी सुविधा है. जिससे आकर्षण काफी बढ़ जाएगा. जिससे तीर्थाटन एवं पर्यटन में विकास होगा.
- इसके अलावा सिग्नेचर ब्रिज में तीर्थयात्रियों को कुछ विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी. पुल से पहले वाहनों को खड़ा करने के लिए ओखा की ओर पार्किंग स्थल बनाया जाएगा. इस चार लेन पुल की चौड़ाई 27.20 मीटर है. जिसमें दोनों तरफ 2.50 मीटर के फुटपाथ बनाए जाएंगे.
- फुटपाथों पर लगाए गए सोलर पैनल से एक मेगावाट बिजली पैदा होगी. इसका उपयोग पुल पर रोशनी के लिए किया जाएगा. ओखा गांव की आवश्यकता के लिए अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी.
द्वारकाधीश के दर्शन होंगे आसान: यह पुल बेट-द्वारका में द्वारकाधीश के मंदिर में आने वाले भक्तों को नौका से द्वारका जाने से बचाएगा. साथ ही बेट-द्वारका के लोगों को आवश्यक सुविधाएं भी आसानी से मिल सकेंगी. इस पुल को लेकर स्थानीय लोग खुश हैं. जो लोग द्वारिकाधीश के दर्शन नहीं कर पाते थे वे अब आसानी से दर्शन कर सकेंगे. साथ ही इस पुल के बनने से यहां तेजी से विकास होगा. पूरी संभावना है कि यह पुल पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा.
प्रधानमंत्री मोदी 3 बजे राजकोट एम्स के 250 बिस्तरों वाले आईपीडी विभाग का उद्घाटन करेंगे. द्वारका में कार्यक्रम खत्म करने के बाद पीएम हेलीकॉप्टर से राजकोट एम्स पहुंचेंगे. जिसमें वह राजकोट एम्स के आईपीडी विभाग का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री राजकोट एम्स के संचालन का भी निरीक्षण करेंगे. पीएम मोदी राजकोट एम्स परिसर से गुजरात के अलावा राज्यों के कुल 5 एम्स अस्पतालों का उद्घाटन करने जा रहे हैं.
एक साल लगेगा: राजकोट एम्स का निर्माण कार्य कोरोना से एक साल पहले शुरू हुआ था. जबकि पूरा प्रोजेक्ट 1200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा. फिलहाल राजकोट एम्स में मरीजों को ओपीडी इलाज किया जा रहा है. यहां एक मेडिकल कॉलेज भी संचालित है. अभी कोई विशेष विभाग शुरू नहीं किया गया है लेकिन आईपीडी विभाग शुरू होने के बाद यहां मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था शुरू हो जाएगी. विभिन्न रिपोर्टें भी की जा सकती हैं. साथ ही मरीजों का ऑपरेशन भी किया जाएगा. फिलहाल 2 ऑपरेशन थिएटर पूरी तरह से तैयार हैं. जिसकी शुरुआत पीएम के कार्यक्रम के बाद की जाएगी. जबकि इस पूरे एम्स को शुरू होने में अभी एक साल का समय लगने की संभावना है.
रोड शो: पीएम मोदी राजकोट एम्स से हेलीकॉप्टर के जरिए पुराने एयरपोर्ट तक जाएंगे. पीएम मोदी दोपहर 3 बजे पुराने एयरपोर्ट से रोड शो करेंगे. इस रोड शो को लेकर राजकोट शहर बीजेपी ने व्यापक तैयारियां की हैं. रोड शो रूट पर पीएम मोदी के स्वागत के लिए अलग-अलग संगठनों के लोग सड़क पर नजर आएंगे. इस रोड शो में 20 हजार से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.