मुंबई: लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण की वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में रैली की. रैली में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन में शामिल सभी दलों के नेता शामिल हुए. इससे पहले पीएम मोदी ने मुंबई के घाटकोपर में रोड शो किया था, जिसमें भारी भीड़ उमड़ी थी. लेकिन, पीएम मोदी के रोड शो से ठीक दो दिन पहले घाटकोपर इलाके में बड़ा होर्डिंग गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई थी.
पीएम मोदी ने घाटकोपर में रोड शो किया, लेकिन घटनास्थल पर नहीं गए और न ही उनके भाषण में इस घटना का कोई जिक्र था. बताया जा रहा है कि पीएम मोदी के इस रवैये के चलते मुंबई के लोगों में गुस्सा है और मुंबईकर्स ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. अब सवाल उठ रहा है कि क्या पीएम मोदी की सभाओं और रैलियों से चुनाव में महायुति को फायदा होगा?
मुंबईकर्स में नाराजगी
बोरीवली में रहने वाले संदीप मोरे ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि मोदी घाटकोपर में वोट मांगने आए, लेकिन जिन मुंबईकरों की जान चली गई, उन्होंने उनके बारे में एक शब्द तक नहीं कहा. मोरे ने सवाल ने किया कि उन्होंने अपनी संवेदना भी क्यों नहीं व्यक्त की? वहीं, सायन में रहने वाले कृष्णा कांबले ने अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि पीएम मोदी ने मुंबई में रोड शो और रैली की. उन्होंने मुंबईकरों से वोट करने की अपील की. लेकिन क्या उन्हें मुंबईकरों की पीड़ा और समस्याओं के बारे में पता नहीं था. उन्होंने मुंबईकरों की मौत पर एक शब्द भी नहीं बोला.
इसी तरह दादर में रहने वाले अमोल हतनकर ने कहा, मोदी वोट मांगने के लिए मुंबई आते हैं, लेकिन अगर मोदी उस जगह पर जाते जहां हादसा हुआ, तो मुंबईवासियों को अच्छा लगता और मोदी से सहानुभूति होती. कुल मिलाकर कहा जाए तो घाटकोपर हादसे और रोड शो के बाद मुंबईवासियों में पीएम मोदी के प्रति गुस्सा और नाराजगी का माहौल है.
4 जून को ही पत चलेगा मोदी की रैलियों का असर
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने शुक्रवार को महायुति की सभा को संबोधित किया. राज ठाकरे ने भले ही एनडीए को बिना शर्त समर्थन दिया, लेकिन उन्होंने पीएम मोदी के सामने कुछ शर्तें रखीं और उनसे प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी मांगों को पूरा करने का अनुरोध किया. रैली में पीएम मोदी ने अपने भाषण में इंडिया गठबंधन और महा विकास अघाड़ी पर प्रहार किया. पीएम मोदी ने मुंबई में महायुति के सभी छह उम्मीदवारों को मंच पर खड़ा किया, उनके नाम लिए और मुंबईकरों से उन्हें वोट देने की अपील की. उन्होंने कहा कि महायुति के उम्मीदवारों को वोट देने का मतलब सीधे मोदी को वोट देना है. लेकिन मोदी की रैली, रोड शो पर मुंबईवासी कितनी प्रतिक्रिया देंगे? 4 जून को वोटों की गिनती के बाद ही पता चलेगा कि मोदी की सभाओं का नतीजों पर असर हुआ या नहीं.
मोदी का प्रभाव खत्म!
राजनीति जानकारों का कहना है कि पीएम मोदी महाराष्ट्र और मुंबई में चाहे कितनी भी बैठकें या रैलियां कर लें, इससे महायुति को कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि मोदी का प्रभाव अब खत्म हो चुका है. वह जो कहते हैं उसमें कोई नयापन नहीं है. वह एक ही बात कहते हैं और लोग इससे थक चुके हैं. उनके भाषण में कोई नया विषय नहीं है. उनका एकमात्र एजेंडा विरोधियों की आलोचना करना है. इसलिए मुंबई की सभा में पुणे की तरह लोगों की भीड़ नहीं दिखी. कई कुर्सियां खाली नजर आईं. इससे साफ है कि पीएम मोदी की सभा और रैली का असर मतदाताओं पर नहीं पड़ने वाला है.
राजनीतिक विश्लेषक अशोक वानखेडे ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि पीएम मोदी की सभाओं को कोई नतीजा नहीं निकलेगा. उन्होंने घाटकोपर पश्चिम के गुजराती इलाके में एक रोड शो भी किया. लेकिन जहां हादसा हुआ, उन्हें उस घाटकोपर के पूर्व में जाना चाहिए था. अशोक वानखेडे ने यह भी कहा कि पीएम मोदी के ऐसा न कर पाने की वजह से मुंबईकर स्वाभाविक रूप से उनसे नाराज हैं और यह नाराजगी चुनाव में भी दिखेगी.
पीएम की सभा का महायुति को पूरा फायदा मिलेगा...
महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि घाटकोपर हादसा निश्चित रूप से बड़ा और गंभीर है. लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और हमारे अन्य नेताओं ने घटनास्थल का दौरा किया. साथ ही पीड़ित परिजनों और घायलों से मिले. सीएम शिंदे ने खुद मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर यह हमारी जिम्मेदारी थी. पीएम मोदी एक घंटे के लिए मुंबई आए थे. घाटकोपर हादसे के बाद प्रधानमंत्री मोदी के पास यहां जाने के लिए पर्याप्त समय नहीं था, इसलिए वह नहीं गए. केसरकर ने कहा कि यह कहना गलत है कि प्रधानमंत्री को मृतकों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है. साथ ही मंत्री दीपक केसरकर ने विश्वास जताया है कि मुंबई में मोदी की सभा और रैली से महायुति के सभी प्रत्याशियों को शत-प्रतिशत लाभ जरूर मिलेगा.
राज ठाकरे ने पीएम मोदी के सामने रखीं ये शर्तें
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने रैली में पीएम मोदी के सामने महायुति को बिना शर्त समर्थन देने का एलान किया. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के सामने अपनी मांगें को रखा.
- मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया जाए
- स्कूली बच्चों को बचपन से ही मराठा साम्राज्य का इतिहास पढ़ाया जाए
- शिवाजी महाराज के किलों के गौरव को पुनः स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय समिति बनाने की मांग
- मुंबई-गोवा हाईवे को जल्द से जल्द बनाया जाए
- देश का संविधान कभी नहीं बदला जाएगा
- मुंबई में रेलवे पर विशेष ध्यान दें
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