चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हरियाणा में दो रैलियों को संबोधित करेंगे. ये दोनों रैलियां जीटी रोड बेल्ट पर हो रही हैं. पहली जनसभा अंबाला लोकसभा क्षेत्र तो दूसरी सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में होगी. जीटी रोड बेल्ट पर होने वाली इन दोनों जनसभाओं से पीएम मोदी अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत और रोहतक लोकसभा सीट को साधने की कोशिश करेंगे. अंबाला में पीएम मोदी दोपहर 2.30 बजे के करीब पहुंचेंगे.
दो जनसभा से पांच लोकसभा सीटों को साधेंगे पीएम मोदी: हरियाणा में बीजेपी 2019 का इतिहास दोहराने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. 2019 में बीजेपी ने प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार भी बीजेपी इस इतिहास को दोहराने के लिए पूरी कोशिश में जुटी है. हालांकि इस बार कांग्रेस बीजेपी को सभी सीटों पर टक्कर देते हुए नजर आ रही है. इसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हरियाणा में दो रैली करेंगे. जिनके जरिए पीएम अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत और रोहतक लोकसभा सीटों को कवर करेंगे.
अंबाला और गोहाना में रैली: आज पीएम मोदी अंबाला और सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के तहत गोहाना में जनसभा करने वाले हैं. इन दो जनसभाओं के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा की पांच लोकसभा क्षेत्र को साधने की कोशिश करेंगे. जिसमें अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत और रोहतक लोकसभा क्षेत्र की जनता को पीएम मोदी संदेश देने का काम करेंगे. यानी जीटी रोड बेल्ट को पीएम साधने की कोशिश करेंगे. वैसे भी जीटी रोड बेल्ट बीजेपी के लिए 2014 हो या 2019. इन दोनों विधानसभा चुनाव में भी अहम रही हैं. ऐसे में पीएम की ये जनसभाएं ना सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव के हिसाब से भी अहम रहने वाली हैं.
पांचों लोकसभा क्षेत्रों में क्या है विधानसभा सीटों की स्थिति? लोकसभा चुनाव के हिसाब से पीएम मोदी की ये दोनों जनसभाएं जहां पांच लोकसभा क्षेत्र को साधने की कोशिश के तौर पर भी देखी जाएगी. वहीं इन सभी पांच लोकसभा सीटों पर मौजूदा समय में बीजेपी के सांसद हैं और पीएम मोदी के साथ ही पार्टी चाहेगी की वो फिर से इन सभी सीटों पर जीत दर्ज करे. अगर हम इन पांचों लोकसभा क्षेत्रों में पड़ने वाली विधानसभा सीटों का 2014 और 2019 का आकलन करते हैं, तो ये बात समझ में आ जाती है कि बीजेपी के लिए ये क्षेत्र दोनों बार विधानसभा चुनाव में भी अहम रहे हैं. क्योंकि 2014 और 2019 में बीजेपी इन इलाकों की सीटों पर जीत दर्ज करके सरकार बनाने में कामयाब हुई थी.
अंबाला लोकसभा क्षेत्र: साल 2014 विधानसभा चुनाव में पंचकूला जिले की दो विधानसभा सीटों में से दोनों बीजेपी के पास थी. लेकिन 2019 में एक सीट कांग्रेस के पास चली गई. अंबाला जिले की चार विधानसभा में से बीजेपी के पास 2014 में चारों विधानसभा थी. जिसमें से 2019 में कांग्रेस ने दो सीटों पर कब्जा कर लिया था. ऐसे ही यमुनानगर की चार सीटों में से 2014 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पास चारों सीटें थी. वहीं 2019 में कांग्रेस दो सीटें जीतने में कामयाब हुई. हालांकि इसका एक विधानसभा क्षेत्र रादौर कुरुक्षेत्र लोकसभा में आता है.
कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट: कुरुक्षेत्र की बात करें तो यहां भी चार विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें से 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पास तीन थी, लेकिन 2019 में दो बीजेपी, एक जेजेपी और एक कांग्रेस के पास चली गई. कैथल जिले में चार विधानसभा क्षेत्र हैं. इसमें 2014 में बीजेपी के पास एक सीट थी. वहीं 2019 में दो सीटें जीती.
करनाल लोकसभा सीट: करनाल की पांच विधानसभा में से 2014 में सभी बीजेपी ने जीती थी, लेकिन 2019 में तीन जीत पाई. वहीं पानीपत जिले में 4 विधानसभा सीटें आती हैं. 2014 में चार में से तीन बीजेपी के पास थी. 2019 में दो बीजेपी और 2 कांग्रेस के पास थी.
सोनीपत लोकसभा क्षेत्र: सोनीपत में विधानसभा की छह सीटें हैं. जिसमें 2014 में बीजेपी के पास चार सीटें थी. वहीं 2019 में भी बीजेपी के पास चार सीटें हैं. जींद की वैसे तो तीन विधानसभा क्षेत्र सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में आते हैं, लेकिन इसके पांच विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो 2014 में इनेलो के पांचों सीटें थी. जबकि 2019 में तीन जेजेपी एक कांग्रेस एक बीजेपी के थी.
रोहतक लोकसभा सीट: रोहतक जिले में चार विधानसभा क्षेत्र आते हैं. 2014 में बीजेपी एक सीट जीती थी. वहीं 2019 में कोई भी सीट नहीं जीत पाई, जबकि झज्जर की चार विधानसभा सीटों में से 2014 में बीजेपी दो जीती थी, लेकिन 2019 में सभी पर हर का सामना करना पड़ा. वहीं रेवाड़ी की एक विधानसभा सीट रोहतक लोकसभा में आती है. वो कोसली विधानसभा सीट है. ये सीट 2014 और 2019 में बीजेपी के पास ही है. बड़ी बात ये है कि इसी सीट से बीजेपी को मिली वोट के दाम पर अरविंद शर्मा 2019 में लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा को हराने में कामयाब हुए थे.
क्या हैं पीएम के हरियाणा दौरे के राजनीतिक मायने? राजनीतिक मामलों के जानकार राजेश मोदगिल ने कहा "वर्तमान में बीजेपी और कांग्रेस के बीच प्रदेश में कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है. पीएम के दौरे के बाद बीजेपी के पक्ष में माहौल बनेगा. जो उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. वो भी पीएम की जनसभा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री के आने के बाद चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों की अहमियत ज्यादा हो जाएगी, क्योंकि ये चुनाव देश का चुनाव है. तो ऐसे में अभी जो स्थानीय मुद्दों लोगों की कुछ नाराजगी देखने को मिल रही है, उसमें भी कहीं ना कहीं बदलाव देखने को इस दौरे के बाद मिल सकता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में जिस तरह से बीजेपी के उम्मीदवारों को लाखों मतों से जीत मिली थी, इस बार उस तरह का चुनाव दिखाई नहीं दे रहा है. इस बार ज्यादातर सीटों पर कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. इसलिए ऐसे में पीएम की जनसभाएं माहौल को बदलने का काम बीजेपी के लिए कर सकती हैं.