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'पृथ्वी हमारी मां है', विश्व धरोहर समिति के 46वें सेशन में बोले पीएम मोदी, दिल्ली को लेकर कही बड़ी बात! - PM Modi inaugurates 46th session - PM MODI INAUGURATES 46TH SESSION

PM Modi Inaugurates 46th Session: इस साल विश्व धरोहर समिति की बैठक भारत में हो रही है. पीएम मोदी ने इसका उद्घाटन किया. इस दौरान यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले भी मौजूद रहीं.

PM Modi inaugurates 46th session
श्व धरोहर समिति के 46वें सेशन में बोलते पीएम मोदी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 21, 2024, 8:57 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विश्व धरोहर समिति (WHC) के 46वें सत्र का उद्घाटन किया. यह पहला मौका है, जब भारत विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी कर रहा है. उद्घाटन समारोह में यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले भी मौजूद रहीं. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत यूनेस्को विश्व धरोहर केंद्र के लिए 1 मिलियन डॉलर का योगदान देगा.

उन्होंने कहा, "पृथ्वी हमारी मां है और हम उसके बच्चे हैं. इसी विचार के साथ भारत अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और मिशन लाइफ जैसे समाधान दे रहा है." प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने देखा है कि दुनिया में विरासत के अलग-अलग केंद्र हैं, लेकिन भारत इतना प्राचीन है कि वर्तमान का हर बिंदु किसी गौरवशाली अतीत की कहानी कहता है. दिल्ली का ही उदाहरण लें. दुनिया दिल्ली को भारत की राजधानी के तौर पर जानती है, लेकिन यह शहर हजारों साल पुरानी विरासत का केंद्र है.

भारत की विरासत सिर्फ इतिहास नहीं- पीएम मोदी
उन्होंने आगे कहा कि यहां आपको हर कदम पर ऐतिहासिक विरासत देखने को मिलेगी. यहां से करीब 15 किलोमीटर दूर कई टन वजनी लोहे का एक स्तंभ है. एक ऐसा स्तंभ जो 2000 सालों से खुले में खड़ा है, फिर भी उसमें आज तक जंग नहीं लगी है. इससे पता चलता है कि उस समय भी भारत का धातु विज्ञान कितना उन्नत था. यह स्पष्ट है कि भारत की विरासत सिर्फ इतिहास नहीं है, भारत की विरासत विज्ञान भी है. भारत की विरासत टॉप इंजीनियरिंग की गौरवशाली यात्रा को भी दर्शाती है.

भारत पहली बार कर रहा मेजबानी
इससे पहले 20 जुलाई को पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा था कि यह बेहद खुशी की बात है कि भारत नई दिल्ली में विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी कर रहा है. यह पहली बार है जब हमारा देश इस समिति की मेजबानी कर रहा है. मैं कल शाम 7 बजे कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं. यह हमारी विरासत को संरक्षित करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण मंच है.

उल्लेखनीय है कि समिति की सालाना बैठक होती है और यह विश्व धरोहर से संबंधित सभी मामलों के प्रबंधन को देखती है. यह विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने वाले स्थलों पर निर्णय लेती है.

यह भी पढ़ें- 'शरद पवार भ्रष्टाचार के सरदार, उद्धव औरंगजेब फैन क्लब के अगुआ', पुणे में गरजे अमित शाह

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विश्व धरोहर समिति (WHC) के 46वें सत्र का उद्घाटन किया. यह पहला मौका है, जब भारत विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी कर रहा है. उद्घाटन समारोह में यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले भी मौजूद रहीं. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत यूनेस्को विश्व धरोहर केंद्र के लिए 1 मिलियन डॉलर का योगदान देगा.

उन्होंने कहा, "पृथ्वी हमारी मां है और हम उसके बच्चे हैं. इसी विचार के साथ भारत अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और मिशन लाइफ जैसे समाधान दे रहा है." प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने देखा है कि दुनिया में विरासत के अलग-अलग केंद्र हैं, लेकिन भारत इतना प्राचीन है कि वर्तमान का हर बिंदु किसी गौरवशाली अतीत की कहानी कहता है. दिल्ली का ही उदाहरण लें. दुनिया दिल्ली को भारत की राजधानी के तौर पर जानती है, लेकिन यह शहर हजारों साल पुरानी विरासत का केंद्र है.

भारत की विरासत सिर्फ इतिहास नहीं- पीएम मोदी
उन्होंने आगे कहा कि यहां आपको हर कदम पर ऐतिहासिक विरासत देखने को मिलेगी. यहां से करीब 15 किलोमीटर दूर कई टन वजनी लोहे का एक स्तंभ है. एक ऐसा स्तंभ जो 2000 सालों से खुले में खड़ा है, फिर भी उसमें आज तक जंग नहीं लगी है. इससे पता चलता है कि उस समय भी भारत का धातु विज्ञान कितना उन्नत था. यह स्पष्ट है कि भारत की विरासत सिर्फ इतिहास नहीं है, भारत की विरासत विज्ञान भी है. भारत की विरासत टॉप इंजीनियरिंग की गौरवशाली यात्रा को भी दर्शाती है.

भारत पहली बार कर रहा मेजबानी
इससे पहले 20 जुलाई को पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा था कि यह बेहद खुशी की बात है कि भारत नई दिल्ली में विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी कर रहा है. यह पहली बार है जब हमारा देश इस समिति की मेजबानी कर रहा है. मैं कल शाम 7 बजे कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं. यह हमारी विरासत को संरक्षित करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण मंच है.

उल्लेखनीय है कि समिति की सालाना बैठक होती है और यह विश्व धरोहर से संबंधित सभी मामलों के प्रबंधन को देखती है. यह विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने वाले स्थलों पर निर्णय लेती है.

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