नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ग्रीस के पीएम किरियाकोस मित्सोटाकिस के बीच बुधवार को मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने भूमध्य सांगर के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी साझेदारी बनाने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. पीएम मोदी और ग्रीस के पीएम के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद एक विशेष मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि नेताओं ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर (IMEC) के संदर्भ में सहयोग कैसे बनाया जाए, इस पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
साथ ही ग्रीस के पीएम ने भारत के नेतृत्व में इंडो-पैसिफिक महासागर पहल में शामिल होने के ग्रीस के फैसले से अवगत कराया.दोनों नेताओं ने आतंकवाद की चुनौती के बारे में अपनी साझा चिंताओं का आदान-प्रदान किया और आतंकवाद की निंदा की. क्वात्रा ने बताया कि ग्रीक के पीएम ने अंतरराष्ट्रीय सौर निर्भरता में भारत के नेतृत्व के महत्व को रेखांकित किया.
पीएम मोदी ने भारत द्वारा किए जा रहे काम और ग्रीस के साथ साझेदारी बनाने की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला, जहां तक सीडीआरआई के गठबंधन का सवाल है, यह आपदा लचीलेपन पर गठबंधन है..." निजी क्षेत्रों के बीच और दोनों देशों के बीच भी अलग-अलग कई समझौता ज्ञापन और सहमति बनी है. भारतीय प्रधान मंत्री की ग्रीक यात्रा के छह महीने के भीतर ग्रीस के प्रधानमंत्री की वापसी यात्रा दोनों पक्षों की रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की साझा प्रतिबद्धता को सामने लाती है.
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि चर्चा उन क्षेत्रों की पहचान करने तक सीमित नहीं थी जिनमें साझेदारी होगी. साथ ही चर्चा भारत और ग्रीक के बीच मजबूत कनेक्टिविटी के बड़े संदर्भ के अलावा इस कनेक्टिविटी को मजबूत करने के उन सभी संभावित विकल्पों पर विचार करने पर हुई.
विदेश सचिव ने कहा कि भारत-मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा एक ऐसा गलियारा है जो इस कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा. इससे उन बंदरगाहों पर ध्यान केंद्रित करना होगा जो इस गलियारे के साथ इसकी कनेक्टिविटी का हिस्सा बनेंगे. उन्होंने आगे कहा कि ग्रीस में पहले से ही एक महत्वपूर्ण भारतीय व्यापारिक उपस्थिति मौजूद है. क्वात्रा ने कहा कि चाहे वह फार्मास्यूटिकल्स या रसायन या बुनियादी ढांचे का क्षेत्र हो, ये ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें भारतीय कंपनियों की ग्रीस में पहले से ही मजबूत आर्थिक उपस्थिति हैं. दोनों नेताओं ने नए क्षेत्रों की पहचान की जिनमें यह आर्थिक उपस्थिति बनाई जा सकती है.
उन्होंने कहा कि ग्रीस में इन क्षेत्रों से संबंधित संस्थानों की काफी मजबूत उपस्थिति है. चर्चा का मुख्य उद्देश्य यह था कि कैसे दोनों देशों के संस्थान इन क्षेत्रों में सहयोग का लाभ उठाने के लिए एक साथ आते हैं. बंदरगाहों को लेकर दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच हुई चर्चा पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि चर्चाएं किसी एक विशेष संदर्भ तक सीमित नहीं थीं. हालांकि बातचीत में कोई विशिष्ट बंदरगाह नहीं आया, लेकिन विचार यह था कि आप वास्तव में दोनों के बीच रणनीतिक संबंध कैसे बढ़ा सकते हैं. ग्रीस के पीएम किरियाकोस मित्सोटाकिस इस समय भारत के दौरे पर हैं
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पिछले साल अगस्त में पीएम मोदी की ग्रीस यात्रा के दौरान भारत-ग्रीस संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया है. वे साझा सांस्कृतिक मूल्यों, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता और सुरक्षा और रक्षा, समुद्री क्षेत्र में सहयोग पर आधारित हैं और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अभिसरण द्वारा चिह्नित हैं. दोनों देश विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर भी निकट सहयोग कर रहे हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 25 अगस्त को एथेंस का दौरा किया था. विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस की यात्रा से भारत और ग्रीस के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत और गहरी होने की उम्मीद है.
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