भिलाई: एक लंबे इंतजार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भिलाई में बने 23वें आईआईटी संस्थान को राष्ट्र के नाम समर्पित कर दिया. पीएम मोदी ने संस्थान का वर्चुअली उदघाटन किया. उदघाटन के मौके पर भिलाई में खुद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मौजूद रहे. पीएम ने भिलाई IIT के अलावा कवर्धा और धमतरी में दो केंद्रीय विद्यालयों का भी उदघाटन किया. छत्तीसगढ़ को तीन बड़े एजुकेशनल संस्थान मिलने से लोग काफी खुश हैं.
400 एकड़ में फैला है भिलाई का हाईटेक IIT: 1090 करोड़ की लागत से बने कैंप में वो तमाम सुविधाएं मौजूद हैं जो आईआईटी कानपुर और खड़गपुर जैसे संस्थानों में हैं. संस्थान के कैंपस को पूरी तरह से ईको फ्रेंडली बनाया गया है. पूरा कैंपस ग्रीनरी से पटा पड़ा है. कैंपस में जब आप एंट्री करेंगे तो गेट से कैंपस के भीतर दाखिल होेन तक चारों ओर के हरे भरे नजारे आपका दिल जीत लेंगे. क्लासरुम को पूरी तरह से आधुनिक बनाया गया है. छात्रों के रहने के लिए जो हॉस्टल बनाए गए हैं. लैब और ऑडिटोरियम बने हैं वो भी आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं. लाइब्रेरी में तमाम उन किताबों को रखा गया है जिसकी जरुरत छात्रों को पड़ेगी.
देश के लिए सौभाग्य का विषय है कि प्रधानमंत्री ने यह सौगात दी है. छत्तीसगढ़ पूरी तरह से सौभाग्यशाली है कि आज आईआईटी भिलाई राष्ट्र को समर्पित हुआ है. इस सौगात के लिए पूरा छत्तीसगढ़ उनका आभारी है. प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना है कि 2047 तक भारत पूर्ण रूप से विकसित बनेगा, छत्तीसगढ़ भी विकसित होगा और इसमें आईआईटी भिलाई का योगदान होगा. - विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री, छ्त्तीसगढ़
2018 में पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला: 14 जून साल 20218 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईआईटी कैंपस की नीव रखी थी. कैंपस के निर्माण में करीब 6 साल का वक्त लगा. वर्तमान में अलग अलग राज्यों के करीब 700 छात्र यहां पढ़ रहे हैं. भिलाई की आईआईटी बिल्डिंग में जितने भी एडमिनिस्ट्रेटिव विंग हैं उनका नाम छत्तीसगढ़ के प्रमुख नदियों और पहाड़ों के नाम पर रखे गए हैं. आईआईटी भिलाई देश का दूसरा ऐसा संस्थान होगा जहां थ्री डी प्रिटिंग लैब बनाया गया है. संस्थान में शॉर्ट कोर्सेजे भी होंगे. पहले हायर एजुकेशन के लिए छात्रों को बाहर जाना पड़ता था अब छात्रों को यहीं पर सारी सुविधाएं एक छत के नीचे मिल रही है.