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पीएम मोदी ने 10 नई वंदे भारत ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी, 85,000 करोड़ की रेलवे परियोजनाओं की दी सौगात

PM Modi Flag off 10 Vande Bharat Trains: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई. इसके साथ-साथ पीएम ने 10 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की शुरुआत की. कई रेलवे परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दिन इच्छाशक्ति का जीता-जागता सबूत है. देश के युवा तय करेंगे कि उन्हें कैसा देश और रेलवे चाहिए. अभी तो ट्रेलर है, और आगे जाना है.

PM Modi flags off 10 new vande bharat trains
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 10 नई वंदे भारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी. इसके साथ पीएम मोदी ने 85,000 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
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By ANI

Published : Mar 12, 2024, 10:56 AM IST

Updated : Mar 12, 2024, 12:35 PM IST

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 10 नई वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत करने के साथ 85,000 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.

प्रधानमंत्री ने यहां ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (समर्पित माल ढुलाई गलियारा यानी डीएफसी) परिचालन नियंत्रण केंद्र’ का दौरा करने के बाद गुजरात में अहमदाबाद के साबरमती क्षेत्र से परियोजनाओं की शुरुआत की. पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री रेलवे वर्कशॉप, लोको शेड, पिट लाइन/कोचिंग डिपो; फलटन-बारामती नई लाइन, इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम अपग्रेडेशन कार्य की आधारशिला रखी, प्रधानमंत्री ने पूर्वी डीएफसी के न्यू खुर्जा से साहनेवाल (401 मार्ग किमी) खंड और पश्चिमी डीएफसी के न्यू मकरपुरा से न्यू घोलवड खंड (244 मार्ग किमी) के बीच समर्पित माल गलियारे के दो नए खंड व अहमदाबाद में वेस्टर्न डीएफसी का ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) राष्ट्र को समर्पित की.

10 नई ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी
पीएम मोदी ने जिन 10 वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई है, उनमें अहमदाबाद से 85,000 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल, सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम, मैसूरु- डॉ एमजीआर सेंट्रल (चेन्नई), पटना-लखनऊ, न्यू जलपाईगुड़ी-पटना, पुरी-विशाखापत्तनम, लखनऊ-देहरादून, कलबुर्गी-सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल बेंगलुरु, रांची-वाराणसी, खजुराहो- दिल्ली (निज़ामुद्दीन) के बीच दस नई वंदे भारत ट्रेने शामिल हैं.

चार ट्रेनों का होगा विस्तार
प्रधानमंत्री चार वंदे भारत ट्रेनों के विस्तार को भी हरी झंडी दिखाई. अहमदाबाद-जामनगर वंदे भारत को द्वारका तक बढ़ाया जा रहा है, वहीं अजमेर- दिल्ली सराय रोहिल्ला वंदे भारत को चंडीगढ़ तक बढ़ाया जा रहा है, गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत को प्रयागराज तक बढ़ाया जा रहा है. तिरुवनंतपुरम- कासरगोड वंदे भारत को मंगलुरु तक बढ़ाया जा रहा है, और आसनसोल और हटिया तथा तिरूपति और कोल्लम स्टेशनों के बीच दो नई यात्री ट्रेनों की शुरूआत की.

प्रधानमंत्री विभिन्न स्थानों न्यू खुर्जा जंक्शन, साहनेवाल, न्यू रेवाड़ी, न्यू किशनगढ़, न्यू घोलवड और न्यू मकरपुरा से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर मालगाड़ियों को भी हरी झंडी दिखाई.

50 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे पीएम
वह रेलवे स्टेशनों पर 50 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे. ये जन औषधि केंद्र लोगों को सस्ती और गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं प्रदान करेंगे. प्रधानमंत्री 51 गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. ये टर्मिनल परिवहन के विभिन्न तरीकों के बीच माल निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देंगे. प्रधानमंत्री मोदी 80 खंडों में 1045 किमी स्वचालित सिग्नलिंग राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

इस उन्नयन से ट्रेन संचालन की सुरक्षा और दक्षता में वृद्धि होगी. प्रधानमंत्री 2646 स्टेशनों पर रेलवे स्टेशनों का डिजिटल नियंत्रण भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. पीएमओ ने कहा कि इससे ट्रेनों की परिचालन दक्षता और सुरक्षा में सुधार होगा. प्रधानमंत्री 35 रेल कोच रेस्तरां और देश भर में फैले 1500 से अधिक वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्टॉल राष्ट्र को समर्पित करेंगे. रेल कोच रेस्तरां का लक्ष्य रेलवे के लिए गैर-किराया राजस्व उत्पन्न करने के अलावा यात्रियों और जनता की जरूरतों को पूरा करना है. ये स्टॉल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देंगे और स्थानीय कारीगरों और व्यवसायों के लिए आय उत्पन्न करेंगे.

प्रधानमंत्री 975 स्थानों पर सौर ऊर्जा संचालित स्टेशन/भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे. यह पहल भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान देगी और रेलवे के कार्बन पदचिह्न को कम करेगी. प्रधान मंत्री मोदी दहेज, गुजरात में 20,600 करोड़ रुपये से अधिक की अधिक की ईथेन और प्रोपेन हैंडलिंग सुविधाओं सहित पेट्रोनेट एलएनजी के पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स की आधारशिला रखेंगे. मौजूदा एलएनजी पुनर्गैसीकरण टर्मिनल के निकट पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स की स्थापना से परियोजना के पूंजीगत व्यय और ओपेक्स लागत में महत्वपूर्ण बचत होगी. परियोजना के कार्यान्वयन से निष्पादन चरण के दौरान 50,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का अवसर पैदा होने की संभावना है. इसके परिचालन चरण के दौरान 20,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार का अवसर पैदा होगा, जिससे क्षेत्र में भारी सामाजिक-आर्थिक लाभ होगा.

प्रधानमंत्री दो राज्यों गुजरात और महाराष्ट्र में लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत के एकता मॉल की आधारशिला भी रखेंगे. इस बीच, एकता मॉल भारतीय हथकरघा, हस्तशिल्प, पारंपरिक उत्पादों और ओडीओपी उत्पादों की समृद्ध और विविध विरासत का जश्न मनाते हैं और उसका समर्थन करते हैं. एकता मॉल भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है, साथ ही हमारे विकास और सशक्तिकरण के लिए उत्प्रेरक भी है.

नए विद्युतीकृत खंडों का समर्पण, पटरियों का दोहरीकरण/मल्टी-ट्रैकिंग और रेलवे गुड्स शेड, वर्कशॉप, लोको शेड, पिट लाइन/कोचिंग डिपो का विकास जैसी कई अन्य परियोजनाएं भी इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा की जाएंगी. ये परियोजनाएं आधुनिक और मजबूत रेलवे नेटवर्क बनाने के प्रति सरकार के समर्पण का प्रमाण हैं. इस निवेश से न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.

कोचरब आश्रम का उद्घाटन
बाद में, पीएम मोदी पुनर्विकसित कोचरब आश्रम का उद्घाटन करेंगे. यह 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत आने के बाद महात्मा गांधी द्वारा स्थापित पहला आश्रम था. इसे अभी भी गुजरात विद्यापीठ द्वारा एक स्मारक और पर्यटन स्थल के रूप में संरक्षित किया गया है. प्रधानमंत्री गांधी आश्रम स्मारक के मास्टर प्लान का भी शुभारंभ करेंगे.

Kocharab Ashram (Photo - IANS)
कोचरब आश्रम (फोटो - आईएएनएस)

एक और प्रयास में, गांधी आश्रम स्मारक परियोजना वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए महात्मा गांधी की शिक्षाओं और दर्शन को पुनर्जीवित करने में मदद करेगी. इस मास्टर प्लान के तहत, आश्रम के मौजूदा पांच एकड़ क्षेत्र को 55 एकड़ तक विस्तारित किया जाएगा. 36 मौजूदा इमारतों का जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिनमें से 'हृदय कुंज' सहित 20 इमारतें, जो गांधी के निवास के रूप में काम करती थीं, संरक्षित की जाएंगी. 13 की मरम्मत की जाएगी, और 3 का पुनरुद्धार किया जाएगा.

Kocharab Ashram (Photo - IANS)
कोचरब आश्रम (फोटो - आईएएनएस)

मास्टरप्लान में प्रशासन सुविधाओं के लिए नई इमारतें, एक ओरिएंटेशन सेंटर जैसी आगंतुक सुविधाएं, चरखा कताई, हस्तनिर्मित कागज, सूती बुनाई और चमड़े के काम और सार्वजनिक उपयोगिताओं पर इंटरैक्टिव कार्यशालाएं शामिल हैं. इमारतों में गांधीजी के जीवन के पहलुओं को प्रदर्शित करने के लिए इंटरैक्टिव प्रदर्शनियां और गतिविधियां होंगी. गांधीजी के विचारों को संरक्षित, संरक्षित और प्रसारित करने के लिए एक पुस्तकालय और अभिलेखागार भवन के निर्माण की भी परिकल्पना की गई है. यह आश्रम के पुस्तकालय और अभिलेखागार का उपयोग करने के लिए अतिथि विद्वानों के लिए सुविधाएं भी बनाएगा.

Kocharab Ashram (Photo - IANS)
कोचरब आश्रम (फोटो - आईएएनएस)

परियोजना एक व्याख्या केंद्र के निर्माण को भी सक्षम बनाएगी जो विभिन्न अपेक्षाओं वाले और कई भाषाओं में आगंतुकों का मार्गदर्शन कर सकता है, जिससे उनका अनुभव सांस्कृतिक और बौद्धिक रूप से अधिक उत्तेजक और समृद्ध होगा. स्मारक भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करेगा, बढ़ावा देगा ट्रस्टीशिप के सिद्धांतों द्वारा सूचित प्रक्रिया के माध्यम से गांधीवादी विचार और गांधीवादी मूल्यों के सार को जीवंत करेंगे.

पढ़ें: भारत में सीएए लागू होते ही अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन ने की पीएम मोदी की तारीफ, बोलीं- ' ये शांति का मार्ग'

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 10 नई वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत करने के साथ 85,000 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.

प्रधानमंत्री ने यहां ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (समर्पित माल ढुलाई गलियारा यानी डीएफसी) परिचालन नियंत्रण केंद्र’ का दौरा करने के बाद गुजरात में अहमदाबाद के साबरमती क्षेत्र से परियोजनाओं की शुरुआत की. पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री रेलवे वर्कशॉप, लोको शेड, पिट लाइन/कोचिंग डिपो; फलटन-बारामती नई लाइन, इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम अपग्रेडेशन कार्य की आधारशिला रखी, प्रधानमंत्री ने पूर्वी डीएफसी के न्यू खुर्जा से साहनेवाल (401 मार्ग किमी) खंड और पश्चिमी डीएफसी के न्यू मकरपुरा से न्यू घोलवड खंड (244 मार्ग किमी) के बीच समर्पित माल गलियारे के दो नए खंड व अहमदाबाद में वेस्टर्न डीएफसी का ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) राष्ट्र को समर्पित की.

10 नई ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी
पीएम मोदी ने जिन 10 वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई है, उनमें अहमदाबाद से 85,000 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल, सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम, मैसूरु- डॉ एमजीआर सेंट्रल (चेन्नई), पटना-लखनऊ, न्यू जलपाईगुड़ी-पटना, पुरी-विशाखापत्तनम, लखनऊ-देहरादून, कलबुर्गी-सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल बेंगलुरु, रांची-वाराणसी, खजुराहो- दिल्ली (निज़ामुद्दीन) के बीच दस नई वंदे भारत ट्रेने शामिल हैं.

चार ट्रेनों का होगा विस्तार
प्रधानमंत्री चार वंदे भारत ट्रेनों के विस्तार को भी हरी झंडी दिखाई. अहमदाबाद-जामनगर वंदे भारत को द्वारका तक बढ़ाया जा रहा है, वहीं अजमेर- दिल्ली सराय रोहिल्ला वंदे भारत को चंडीगढ़ तक बढ़ाया जा रहा है, गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत को प्रयागराज तक बढ़ाया जा रहा है. तिरुवनंतपुरम- कासरगोड वंदे भारत को मंगलुरु तक बढ़ाया जा रहा है, और आसनसोल और हटिया तथा तिरूपति और कोल्लम स्टेशनों के बीच दो नई यात्री ट्रेनों की शुरूआत की.

प्रधानमंत्री विभिन्न स्थानों न्यू खुर्जा जंक्शन, साहनेवाल, न्यू रेवाड़ी, न्यू किशनगढ़, न्यू घोलवड और न्यू मकरपुरा से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर मालगाड़ियों को भी हरी झंडी दिखाई.

50 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे पीएम
वह रेलवे स्टेशनों पर 50 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे. ये जन औषधि केंद्र लोगों को सस्ती और गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं प्रदान करेंगे. प्रधानमंत्री 51 गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. ये टर्मिनल परिवहन के विभिन्न तरीकों के बीच माल निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देंगे. प्रधानमंत्री मोदी 80 खंडों में 1045 किमी स्वचालित सिग्नलिंग राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

इस उन्नयन से ट्रेन संचालन की सुरक्षा और दक्षता में वृद्धि होगी. प्रधानमंत्री 2646 स्टेशनों पर रेलवे स्टेशनों का डिजिटल नियंत्रण भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. पीएमओ ने कहा कि इससे ट्रेनों की परिचालन दक्षता और सुरक्षा में सुधार होगा. प्रधानमंत्री 35 रेल कोच रेस्तरां और देश भर में फैले 1500 से अधिक वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्टॉल राष्ट्र को समर्पित करेंगे. रेल कोच रेस्तरां का लक्ष्य रेलवे के लिए गैर-किराया राजस्व उत्पन्न करने के अलावा यात्रियों और जनता की जरूरतों को पूरा करना है. ये स्टॉल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देंगे और स्थानीय कारीगरों और व्यवसायों के लिए आय उत्पन्न करेंगे.

प्रधानमंत्री 975 स्थानों पर सौर ऊर्जा संचालित स्टेशन/भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे. यह पहल भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान देगी और रेलवे के कार्बन पदचिह्न को कम करेगी. प्रधान मंत्री मोदी दहेज, गुजरात में 20,600 करोड़ रुपये से अधिक की अधिक की ईथेन और प्रोपेन हैंडलिंग सुविधाओं सहित पेट्रोनेट एलएनजी के पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स की आधारशिला रखेंगे. मौजूदा एलएनजी पुनर्गैसीकरण टर्मिनल के निकट पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स की स्थापना से परियोजना के पूंजीगत व्यय और ओपेक्स लागत में महत्वपूर्ण बचत होगी. परियोजना के कार्यान्वयन से निष्पादन चरण के दौरान 50,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का अवसर पैदा होने की संभावना है. इसके परिचालन चरण के दौरान 20,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार का अवसर पैदा होगा, जिससे क्षेत्र में भारी सामाजिक-आर्थिक लाभ होगा.

प्रधानमंत्री दो राज्यों गुजरात और महाराष्ट्र में लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत के एकता मॉल की आधारशिला भी रखेंगे. इस बीच, एकता मॉल भारतीय हथकरघा, हस्तशिल्प, पारंपरिक उत्पादों और ओडीओपी उत्पादों की समृद्ध और विविध विरासत का जश्न मनाते हैं और उसका समर्थन करते हैं. एकता मॉल भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है, साथ ही हमारे विकास और सशक्तिकरण के लिए उत्प्रेरक भी है.

नए विद्युतीकृत खंडों का समर्पण, पटरियों का दोहरीकरण/मल्टी-ट्रैकिंग और रेलवे गुड्स शेड, वर्कशॉप, लोको शेड, पिट लाइन/कोचिंग डिपो का विकास जैसी कई अन्य परियोजनाएं भी इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा की जाएंगी. ये परियोजनाएं आधुनिक और मजबूत रेलवे नेटवर्क बनाने के प्रति सरकार के समर्पण का प्रमाण हैं. इस निवेश से न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.

कोचरब आश्रम का उद्घाटन
बाद में, पीएम मोदी पुनर्विकसित कोचरब आश्रम का उद्घाटन करेंगे. यह 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत आने के बाद महात्मा गांधी द्वारा स्थापित पहला आश्रम था. इसे अभी भी गुजरात विद्यापीठ द्वारा एक स्मारक और पर्यटन स्थल के रूप में संरक्षित किया गया है. प्रधानमंत्री गांधी आश्रम स्मारक के मास्टर प्लान का भी शुभारंभ करेंगे.

Kocharab Ashram (Photo - IANS)
कोचरब आश्रम (फोटो - आईएएनएस)

एक और प्रयास में, गांधी आश्रम स्मारक परियोजना वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए महात्मा गांधी की शिक्षाओं और दर्शन को पुनर्जीवित करने में मदद करेगी. इस मास्टर प्लान के तहत, आश्रम के मौजूदा पांच एकड़ क्षेत्र को 55 एकड़ तक विस्तारित किया जाएगा. 36 मौजूदा इमारतों का जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिनमें से 'हृदय कुंज' सहित 20 इमारतें, जो गांधी के निवास के रूप में काम करती थीं, संरक्षित की जाएंगी. 13 की मरम्मत की जाएगी, और 3 का पुनरुद्धार किया जाएगा.

Kocharab Ashram (Photo - IANS)
कोचरब आश्रम (फोटो - आईएएनएस)

मास्टरप्लान में प्रशासन सुविधाओं के लिए नई इमारतें, एक ओरिएंटेशन सेंटर जैसी आगंतुक सुविधाएं, चरखा कताई, हस्तनिर्मित कागज, सूती बुनाई और चमड़े के काम और सार्वजनिक उपयोगिताओं पर इंटरैक्टिव कार्यशालाएं शामिल हैं. इमारतों में गांधीजी के जीवन के पहलुओं को प्रदर्शित करने के लिए इंटरैक्टिव प्रदर्शनियां और गतिविधियां होंगी. गांधीजी के विचारों को संरक्षित, संरक्षित और प्रसारित करने के लिए एक पुस्तकालय और अभिलेखागार भवन के निर्माण की भी परिकल्पना की गई है. यह आश्रम के पुस्तकालय और अभिलेखागार का उपयोग करने के लिए अतिथि विद्वानों के लिए सुविधाएं भी बनाएगा.

Kocharab Ashram (Photo - IANS)
कोचरब आश्रम (फोटो - आईएएनएस)

परियोजना एक व्याख्या केंद्र के निर्माण को भी सक्षम बनाएगी जो विभिन्न अपेक्षाओं वाले और कई भाषाओं में आगंतुकों का मार्गदर्शन कर सकता है, जिससे उनका अनुभव सांस्कृतिक और बौद्धिक रूप से अधिक उत्तेजक और समृद्ध होगा. स्मारक भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करेगा, बढ़ावा देगा ट्रस्टीशिप के सिद्धांतों द्वारा सूचित प्रक्रिया के माध्यम से गांधीवादी विचार और गांधीवादी मूल्यों के सार को जीवंत करेंगे.

पढ़ें: भारत में सीएए लागू होते ही अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन ने की पीएम मोदी की तारीफ, बोलीं- ' ये शांति का मार्ग'

Last Updated : Mar 12, 2024, 12:35 PM IST
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