रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): केदारघाटी में अत्यधिक बारिश के बाद जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग की ओर से पूरी मुस्तैदी से रेस्क्यू कर यात्रियों को लगातार सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. बुधवार देर शाम से गुरुवार रात तक हेलीकॉप्टर से 700 यात्री और 3300 यात्रियों का मैनुअल रेस्क्यू किया जा चुका है. इनमें 40 महिलाएं और 25 बच्चे भी शामिल हैं. मौके पर उप जिलाधिकारी ऊखीमठ समेत एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें मौजूद हैं. जिनकी ओर से लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है.
वहीं अतिवृष्टि के बाद तीर्थ यात्रियों ने सरकार और जिला प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराई मदद की सराहना की है. दिल्ली के दिलशाद गार्डन शहर से केदारनाथ धाम की यात्रा पर आए ललित ने बताया कि वो दर्शन के बाद लौट रहे थे. उन्होंने बताया कि गौरीकुंड पहुंचने के बाद रात को हुई भारी बारिश और अतिवृष्टि के बाद उन्हें 2013 का आपदा जैसा मंजर याद आ गया. लेकिन उन्होंने प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि अतिवृष्टि के बाद जिला प्रशासन द्वारा काफी सक्रियता दिखाते हुए मदद की गई. बताया कि लगभग 3 किमी तक प्रशासन की टीमों द्वारा सफल रेस्क्यू किया गया, जो अत्यंत सराहनीय है.
यात्रियों ने किया धन्यवाद: वहीं, नेपाल से केदारनाथ धाम के दर्शन को पहुंचे तारकेश्वर सिंह ने बताया कि वह बीती शाम को गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए निकले थे. कुछ ही दूरी पर जाने के बाद पहले हल्की और फिर भारी बारिश होने से वह वहीं पर रुक गए. इसके बाद यात्रा मार्ग पर लैंडस्लाइड होने से वह रातभर वहीं रुके रहे. उन्होंने बताया कि आज गुरुवार सुबह एनडीआरएफ की टीम के पहुंचते ही रेस्क्यू किया गया. जिला प्रशासन एवं रेस्क्यू टीमों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन और रेस्क्यू की टीमें पूरी तत्परता से राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन एवं रेस्क्यू में लगी समस्त रेस्क्यू टीमों को धन्यवाद दिया.
ये हुआ नुकसान: गौर है कि बुधवार शाम को हुई भारी बारिश के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग पर काफी नुकसान हुआ है. भीमबली और लिनचोली में सबसे ज्यादा नुकसान होने की सूचना है. भीमबली चौकी से करीब 70 मीटर आगे मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है. वहीं गौरीकुंड में गर्म कुंड बह गया है. रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर स्थित दो पुल बह गए हैं.
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