पलामू: बालिका गृह यौन शोषण कांड में कई खुलासे हो रहे हैं. बालिका गृह से लड़कियों की तस्वीरें डी सर को भेजी जाती थीं. पुलिस जांच कर रही है कि यह डी सर कौन है. बालिका गृह यौन शोषण मामले में मेदिनीनगर टाउन महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. वहीं मामले में बालिका गृह की संचालिका और काउंसलर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने मामले में लड़कियों का बयान लिया है, जिसमें बताया गया है कि काउंसलर डी सर नामक व्यक्ति को तस्वीरें भेजती थी.
पुलिस पता लगा रही है कि यह डी सर कौन है. पुलिस ने काउंसलर के मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है. फोरेंसिक जांच से पता चलेगा कि तस्वीरें किसे भेजी जाती थीं और कहां बातचीत होती थी. व्हाट्सएप चैट में क्या चर्चा हुई थी. पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने कहा कि पूरे मामले की जांच चल रही है. मोबाइल और डीवीआर को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. कई नाम सामने आए हैं, जिनका सत्यापन किया जा रहा है. मामले में आगे की जांच चल रही है.
बालिका गृह यौन शोषण कांड में अब तक क्या हुआ
30 नवंबर 2024 को पलामू पुलिस को बालिका गृह में यौन शोषण की सूचना मिली. पुलिस की स्पेशल टीम बालिका गृह गई जहां पूरी घटना का खुलासा हुआ. पुलिस ने मौके से ही संचालिका और काउंसलर को हिरासत में ले लिया.
01 दिसंबर को संचालिका और काउंसलर को जेल भेज दिया गया. पूरे मामले में राज्य स्तरीय टीम और पलामू जिला प्रशासन की स्पेशल टीम ने जांच शुरू की. पलामू जिला प्रशासन ने सदर एसडीएम के नेतृत्व में जांच टीम गठित की थी.
02 दिसंबर को सदर एसडीएम के नेतृत्व में गठित जांच कमेटी ने पूरी रिपोर्ट पलामू डीसी को सौंप दी थी. जांच रिपोर्ट के बाद डीसीपीओ डीसीआईओ समेत कई अधिकारियों से शो कॉज पूछा गया था.
03/04 दिसंबर को डीसीपीओ डीसीआईओ और काउंसलर को बर्खास्त कर दिया गया. बालिका गृह चलाने वाली संस्था को ब्लैक लिस्ट करने की अनुशंसा की गई, वहीं सीडब्ल्यूसी को भी भंग करने की अनुशंसा की गई.
05 दिसंबर को पलामू बालिका गृह की लड़कियों को रांची बालिका गृह में स्थानांतरित कर दिया गया. यह भी पता चला कि बालिका गृह में 27 लड़कियां थीं, लेकिन उपस्थिति 28 लड़कियों की दर्शाई जा रही थी.
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