हैदराबाद: तेलंगाना के फोन टैपिंग मामले में पुलिस सबूत जुटाने की दिशा में अपनी जांच तेज कर दी है. इसके लिए वह सेवा प्रदाताओं से ब्योरा जुटाने के काम में जुट गई है. फोन टैपिंग मामले को साबित करने के लिए ये सबूत अहम हैं. इसलिए उच्च अधिकारियों ने इस पर ध्यान केंद्रित किया है. वे पहले से ही मूसी नदी से एकत्र किए गए हार्ड डिस्क में डेटा को पुनः प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि विशेष खुफिया शाखा (एसआईबी) के लॉगर रूम से स्पेशल ऑपरेशन टारगेट (एसओटी) के नाम पर किसके फोन टैप किए गए थे.
इसके अलावा अब तक एसआईबी और टास्क फोर्स में काम कर चुके लोगों सहित कुल 34 लोगों के बयान दर्ज कराए गए ताकि उनके फोन को निशाना बनाने और टैप करने वालों के बारे में बुनियादी जानकारी एकत्र की जा सके. इनके आधार पर सेवा प्रदाताओं से जानकारी प्राप्त की जाएगी. जांच एजेंसी को संदेह है कि प्रणीत की टीम, जिसने एक प्रमुख दूरसंचार सेवा कंपनी के एक कर्मचारी को वश में किया था, उसके सहयोग से बेतरतीब ढंग से टैपिंग की गई थी. चर्चा है कि ताजा घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में उनसे पूछताछ कर टैपिंग साजिश के संबंध में अहम जानकारी जुटाने की योजना है. फोन टैपिंग के संबंध में स्पष्ट साक्ष्य मिलने के बाद ही इस मामले में भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम को शामिल करते हुए अदालत में मेमो दाखिल किये जाने की संभावना है.
नलगोंडा पुलिस जांच में शामिल: पूर्व एसआईबी (SIB ) चीफ प्रभाकर राव के साथ काम कर चुके कई फील्ड स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ का सिलसिला जारी है. जांच टीम पहले ही एसआईबी, वारंगल और नलगोंडा जिलों में काम कर चुके कई पुलिसकर्मियों से पूछताछ कर चुकी है. खबर है कि शुक्रवार को नलगोंडा जिले से दो और कांस्टेबलों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की गई. ऐसा लगता है कि मुनुगोडु, नागार्जुनसागर और हुजूरनगर उपचुनाव के दौरान टास्क फोर्स विभाग में काम करने वाले कांस्टेबल, डीएसपी स्तर के अधिकारी और एसआईबी विभाग में काम करने वाले सीआई स्तर के अधिकारियों ने मिलकर चुनाव नियमों का उल्लंघन किया.
पिछले उपचुनावों के दौरान फोन टैपिंग के साथ-साथ कई बार सरकारी गाड़ियों में बड़ी मात्रा में पैसे पहुंचाने की बात सामने आई थी. आशंका है कि प्रतिद्वंद्वी नेताओं की हरकतों से समय-समय पर उनके वरिष्ठों को अवगत कराया जाता था. उनकी जांच के बाद चुनाव के दौरान संयुक्त नलगोंडा जिले में काम करने वाले एक या दो उच्च अधिकारियों को नोटिस जारी किये जाने की संभावना है.
मेडिकल टीम बंजाराहिल्स पुलिस स्टेशन पहुंची: टास्क फोर्स के पूर्व डीसीपी राधाकिशन राव से पूछताछ जारी है. बंजारा हिल्स पुलिस स्टेशन में शुक्रवार को उनसे पूछताछ करने की कोशिश की गई. तब वह उच्च रक्तचाप के कारण बीमार पड़ गए. तुरंत डॉक्टरों की एक टीम को थाने बुलाया गया. मामले की जानकारी जब राधाकिशन राव के परिजनों को हुई तो पुलिस ने उन्हें मिलने की इजाजत दी. शुरुआती इलाज के बाद पता चला कि उनके स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं है. इसके बाद फिर से पूछताछ शुरू की गई.