जयपुर : एक बार फिर राजस्थान फोन टैपिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा बुधवार को दिल्ली पहुंचे और क्राइम ब्रांच के समक्ष अपनी बात रखी. लगभग 6 घंटे की पूछताछ के बाद क्राइम ब्रांच के दफ्तर से लोकेश शर्मा बाहर आए और मीडिया से बात किए बिना रवाना हो गए. इसके पहले बुधवार सुबह दिल्ली में उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए दावा किया था कि वायरल किए गए ऑडियो टैप उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने हाथ से पेन ड्राइव में सौंप थे, जिन्हें पूर्व सीएम ने मीडिया में वायरल करने का निर्देश भी दिया था. उन्होंने बताया कि इन सब बातों को वह पहले जयपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिए भी कह चुके हैं.
ट्वीट की पंक्तियां चर्चा में : बुधवार को जहां दिल्ली में लोकेश शर्मा क्राइम ब्रांच के समक्ष पूछताछ के लिए पेश हुए, वहीं, इस मामले में चर्चा में रहे पूर्व जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को जोधपुर में हाईकोर्ट ने राहत दी है. वे एक अन्य मामले में हाईकोर्ट से क्लीन चिट हासिल कर चुके हैं. जब शेखावत ने अपनी इस विजय पर एक्स की एक पोस्ट में लिखा कि "सत्य को पराजित करना असत्य के लिए सदा असंभव ही रहा है." शेखावत की इस पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लोकेश शर्मा भी शायराना नजर आए. उन्होंने लिखा कि "सत्य और असत्य का खेल पुराना था. खुद की सलामती के लिए दूसरों को फंसाते जाना था. कितने ही किए जाएं षड्यंत्र किन्तु सच्चाई को अंततः बाहर आना था."
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यह है पूरा घटनाक्रम : तत्कालीन जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आरोप लगाया था कि मार्च 2021 में उनके फोन को अवैध रूप से टैप किया गया. उन्होंने इसे लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ दिल्ली क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज कराया था. इस मामले में लोकेश शर्मा ने खुद के खिलाफ दायर एफआईआर रद्द करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी, जिसकी अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी. फिलहाल हाईकोर्ट ने लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है. फोन टैपिंग को लेकर इसके पहले लोकेश शर्मा ने कहा था कि उन्हें सोशल मीडिया से ऑडियो क्लिप मिले थे और उन्होंने केवल राजस्थान की जनता को सत्य बताने का काम किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि इस मामले में उनकी कोई सीधी भूमिका नहीं थी और वह सिर्फ उन निर्देशों का पालन कर रहे थे, जो उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले थे.
सत्य और असत्य का खेल पुराना था
— Lokesh Sharma (@_lokeshsharma) September 25, 2024
खुद की सलामती के लिए दूसरों को फंसाते जाना था..
कितने ही किये जाएं षड्यंत्र किन्तु
सच्चाई को अंततः बाहर आना था.. https://t.co/nTiGcdD2DM